Wednesday, 28 January 2015

जानिए, कौन हैं किरण बेदी के पति और क्या करते हैं? क्यों पति से अलग रहने लगीं किरण बेदी?बेदाग छवि की किरण बेदी पर भी हैं कई दाग.:::: रवीश के सवालों ने खोली बीजेपी के बड़े चेहरे किरण बेदी की पोल!

जानिए, कौन हैं किरण बेदी के पति और क्या करते हैं? क्यों पति से अलग रहने लगीं किरण बेदी?

-बेदाग छवि की किरण बेदी पर भी हैं कई दाग.

- रवीश के सवालों ने खोली बीजेपी के बड़े चेहरे किरण बेदी की पोल!

29 जनवरी 2015 नई ‌दिल्ली

जानिए, कौन हैं किरण बेदी के पति और क्या करते हैं?

बृज बेदी मांग रहे किरण की जीत की दुआएं
बृज बेदी की जुबान पर किरण बेदी के ‌लिए दुआएं हैं। दिल्‍ली विधानसभा चुनावों का फैसला 10 फरवरी को होगा, लेकिन उन्होंने मान‌ लिया है कि किरण बेदी दिल्ली की बेहतरीन मुख्यमंत्री साबित होंगी, ऐसी मुख्यमंत्री जिसे द‌िल्ली ने आज तक नहीं देखा।

दिल्ली के सियासी सर्कस में रोजाना नए नाम और चेहरे उभर रहे हैं। शायद अब आप यह सोचें कि ये बृज बेदी कौन हैं और इन्हें किरण बेदी की तारीफों के पुल बांधने की जरूरत क्यों पड़ गई? दरअसल बृज बेदी, किरण बेदी के पति हैं। दोनों का विवाह 43 साल पहले हुआ था। हालांकि पिछले कई वषों से वे अलग-अलग रहते हैं। किरण दिल्ली में रहती हैं और बृज अमृतसर में।

किरण को भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्‍मीदवार बनाए जाने के मसले पर उन्होंने भी अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा है कि किरण बुद्घिमान और ऊर्जावान हैं, और दिल्‍ली की सबसे ‌अच्छी मुख्यमंत्री साबित होंगी।

राजनीति में आने के किरण के फैसले को सराहा

राजनीति में आने के किरण के फैसले को सराहा
एक अंग्रेजी वेबसाइट से बातचीत में बृज ने कहा कि किरण ने राजनीति में आने का फैसला एकाएक लिया, शायद नियति ने ये पहले से तय कर रखा था। बृज बेदी ने बताया कि किरण बेदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित ‌थीं। लेकिन मुझे ये नहीं पता की भाजपा की किरण से क्या अपेक्षा है? उसका पुराना रिकॉर्ड शानदार रहा है। मुख्यमंत्री के रूप में भी ये शानदार रहेगा।

बृज बेदी ने कहा क‌ि किरण मुख्यमंत्री के रूप में ईमानदारी से काम करेंगी और वह देश के राजन‌ीतिक हालात में तब्दीली भी लाएंगी। किरण बेदी से उम्र में आठ साल बड़े बृज बेदी अमृतसर में बच्‍चों के लिए स्कूल चलाते हैं। वह किरण जैसा चर्चित नाम नहीं हैं लेकिन सामाजिक गतिविधियों में बहुत ही सक्रिय हैं।

किरण का राजनीति में आना ठीक है या गलत? जब ये सवाल उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह राजनीति में आ चुकी हैं और अब एक बहादुर सैनिक की तरह लड़ेंगी। मेरी दुआएं उनके साथ हैं।

बृज के सामाजिक कार्यों का व्यापक दायरा

बृज के सामाजिक कार्यों का व्यापक दायरा
बृज का कहना है क‌ि मैं किरण के लिए फिल्‍ड में प्रचार नहीं कर सकता, लेकिन सोशल मीडिया में जरूर कैंपेन करूंगा। क्या बृज बेदी किसी राजन‌ीतिक दल का समर्थन करते हैं? इस सवाल के जवाब में पर उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा उस राजनीति का समर्थन किया, जो समाज में बदलाव लाए। लेकिन आज की राजनीति ऐसी नहीं है, इसलिए मैं इससे दूर ही हूं।

बृज बेदी किरण बेदी जैसे चर्चित नहीं हैं, लेकिन उनके सामाजिक कार्यों का भी व्यापक दायरा है। वे अमृतसर में अश्लील पोस्टरों के खिलाफ अभियान चला चुके हैं। शहर की सफाई, पेंटिंग्स के संरक्षण, ट्रैफिक आदि के लिए भी उन्होंने कई अभियान चलाया हैं।

वह स्टूडेंट्स के स्कॉलरशिप्स की योजनाएं भी चला चुके हैं। ड्रग एडिक्ट बच्चों के ‌लिए स्कूल भी चलाया है। उन्होंने खेल के विकास के लिए भी काम किया है। उन्हें फोटोग्राफी का भी शौक है।

किरण की सफलता में बृज बेदी का हा‌‌थ

किरण की सफलता में बृज बेदी का हा‌‌थ
बृज बेदी और किरण बेदी ने पारंपरिक तरीके से शादी नहीं की है। उन्होंने प्रेम विवाह किया है। किरण बेदी देश की पहली महिला आईपीएस रही हैं। बृज का मानना है क‌ि किरण की सफलता में उनका काफी योगदान है।

बृज ने बताया कि आम तौर पर एक पुरुष की सफलता में महिला का हाथ होता है, लेकिन किरण के मामले में एक महिला की सफलता में पुरुष का हाथ है। बृज ने बताया, 'मैंने किरण को कभी नहीं रोका। हर कदम पर उसका उत्साह बढ़ाया। उसने जब खालसा कॉलेज की लेक्चरर की नौकरी छोड़कर सिविल सर्विसेज की तैयारी का मन बनाया, मैंने उसका साथ दिया।'

बृज ने बताया कि किरण का नाम जब आईएएस की सूची में नहीं आया तो उन्होंने ही उन्हें आईपीएस की ट्रेन‌िंग के ‌लिए प्रोत्साहित किया। किरण के घर के लोग विरोध कर रहे थे, ‌फिर भी वह मसूरी ट्रेनिंग के ‌लिए गई।

बृज बेदी और किरण की कैसे हुई शादी?

बृज बेदी और किरण की कैसे हुई शादी?
बृज और किरण की मुलकात 1971 में चंडीगढ़ में एक टेनिसकोर्ट में हुई ‌थी। वहां उनका प्रेम फला-फूला, जिसके बाद उन्होंने एक मंदिर में बहुत ही साधारण ढंग से विवाह कर लिया। बृज ने बताया कि टेनिस कोर्ट में हमारी मुलाकात हुई और प्रेम हो गया, लेकिन मेरी शर्त थी की शादी सादगी से होगी। वह तैयार हो गई और हमने मंदिर में शादी कर ली।

बृज ने बताया कि शादी के दो महीने बाद ही किरण आईपीएस की ट्रेनिंग के लिए मसूरी चली गई। किरण आईपीएस बनीं और बृज ने खेती करनीं शुरु कर दीं। उन दिनों का याद करते हुए बृज कहते हैं कि हम दोनों रोजाना एक दूसरे को चिट्ठी लिखते। एक-दो नहीं, पांच चिट्ठियां।

हालांकि वे प्रेमपत्र नहीं होते। उसमे रोजमर्रा के अनुभवों को लिखते, सामजिक और राजनीतिक मसलों पर बात करते। बृज का कहना है कि उन चिट्ठियों की ही देन थी कि किरण सामाजिक कार्यों से जुड़ी। बृज और किरण साथ नहीं रहते, लेकिन बृज हर शुक्रवार किरण से मिलने दिल्ली आते हैं।

क्यों पति से अलग रहने लगीं किरण बेदी

पति से क्यों दूर रहती हैं किरण बेदी?
फिलहाल दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद की प्रत्याशी किरण बेदी खासी चर्चा में हैं। कम ही लोग उनसे उनके पति के बीच दूरी के बारे में जानते हैं।

प्रोफेशनल जीवन में अत्यंत सफल किरण बेदी व्यक्तिगत जीवन में अकेले रहती हैं जबकि, उनके पति उनसे अलग रहती हैं। आखिर किरण बेदी अपने परिवार से अलग क्यों रहती हैं?

एक अंग्रजी मैगजीन की मानें तो किरण बेदी और उनके पति बृज बेदी के अलग होने की खास वजह है जिसे कम ही लोग जानते हैं। फिलहाल बृज बेदी अमृतसर में रहते हैं और उनके बारे में भी लोगों को कम ही पता है।

एग्जाम में फेल हुए थे किरण बेदी के पति

एग्जाम में फेल हुए थे किरण बेदी के पति
एक अंग्रेजी मैगजीन को दिए इंटरव्यू में बृज बेदी को बताया कि वह सिख गुरू, गुरू नानक के खानदान से संबंध रखते हैं। उन्होंने बताया कि 1971 में जब वह खालसा कॉलेज में थे तभी उनकी मुलाकात कुछ ऐसे लोगों से हुई जिन्होंने उन्हें टेनिस खेलना और फोटोग्राफी करना सिखाया।

इस खेल ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि एग्जाम के दिन भी वह टेनिस खेलते रहे और जब नतीजे आए तो पता चला कि वह फेल हो चुके थे।

1971 में किरण बेदी एमए कर चंडीगढ़ से अमृतसर पहुंची। किरण बेदी टेनिस बहुत अच्छा खेलती थीं। उनके पिता चाहते थे कि वह टेनिस में ऊंचा मकाम पाएं।

किरण बेदी से पहले किसी और को चाहते थे बृज बेदी

किरण बेदी से पहले किसी और को चाहते थे बृज बेदी
किरण बेदी ने अपने पिता को निराश नहीं किया और टेनिस में एशियन चैंपियन बनीं। इसी दौरान एक क्लब में किरण की मुलाकात बृज बेदी से हुई और जल्द ही दोनों अच्छे दोस्त बन गए।

बृज बेदी ने बताया कि जब वह अमृतसर में थे तो दिल्ली की एक लड़की को वो पसंद करते थे। लेकिन पारंपरिक परिवार से होने के चलते लड़की के घर वालों ने उस रिश्ते को स्वीकार नहीं किया।

हालांकि, इसके बाद किरण बेदी से उनकी नजदीकियां बढ़ने लगीं और दोनों ने जीवन भर एक दूसरे के साथ चलने का फैसला किया।

आईएएस में नाम न आने पर निराश हो गईं थी किरण बेदी

आईएएस में नाम न आने पर निराश हो गईं थी किरण बेदी
बृज बेदी और उनकी पत्नी किरण बेदी की उम्र में दस साल का अंतर है। अमृतसर आने के बाद किरण बेदी ने खालसा कॉलेज में पढ़ाना शुरु कर दिया और आईएएस की तैयारी में लग गईं।

आईएएस न बनने के स्थि‌ति में कनाडा जाकर पीएचडी करने की भी उनकी योजना थी। आईएएस में नाम न आने के बाद वह बेहद निराश हो गईं थीं।

आईपीएस में नाम आने के बावजूद उनके घर वाले उन्हें पुलिस में नहीं भेजना चाहते थे क्योंकि तब तक कोई भी महिला भारतीय पुलिस सेवा में नहीं गई थी।

पति की प्रेरणा से आईपीएस ज्वाइन किया

पति की प्रेरणा से आईपीएस ज्वाइन किया
बृज बेदी के प्रोत्साहित करने के बाद उन्होंने पुलिस सेवा में जाने का निश्चय किया। किरण बेदी की पोस्टिंग दिल्ली में हुई। जल्दी ही उनके घर वाले और उनकी बहन भी दिल्ली शिफ्ट हो गए और किरण बेदी के साथ ही रहने लगे।

इस दौरान बृज बेदी हफ्ते में एक बार उनसे मिलने दिल्ली जाया करते थे। बृज बेदी के मुताबिक इस दौरान किरण बेदी के परिजन उनके ‌निजी जीवन में हस्तक्षेप काफी बढ़ चुका था।

ये बात बृज बेदी को पसंद नहीं आई और यहीं से दोनों के बीच दूरी बढ़ने लगी। इस दौरान किरण बेदी ने एक बेटी को जन्म दिया।

ससुराल पक्ष की उपेक्षा ने बढ़ाई पति-पत्नी के बीच दूरी

ससुराल पक्ष की उपेक्षा ने बढ़ाई पति-पत्नी के बीच दूरी
अपने परिवार के साथ किरण बेदी का लगाव इस कदर था कि ससुराल पक्ष की उपेक्षा स्वाभाविक थी। किरण बेदी और उनके पति के बीच बढ़ती इस दूरी का सबसे ज्यादा असर उनकी बेटी सुकृति पर पड़ा।

बेहद व्यस्त होने के कारण किरण अपनी बेटी को मुश्किल से समय दे पाती थीं। जबकि बृज से उनकी मुलाकात कुछ खास मौकों पर हो पाती थी।

किरण बेदी और उनके पति के बीच हफ्ते में एक बार होने वाली मुलाकात धीरे-धीरे इतनी कम हो गई कि बृज बेदी लगातार आठ साल तक दिल्ली गए ही नहीं।

बेदाग छवि की किरण बेदी पर भी हैं कई दाग

किरण को  दिल्ली में कोई पद देने से मना किया गया था
अंग्रेजी वेबसाइट फर्स्ट पोस्ट की मानें तो किरण बेदी का पूरा कैरियर इतने यू-टर्न से भरा पड़ा है कि शार्ली हैब्दो का पूरा अंक इसी मुद्दे पर छापा जा सकता है।

आम चुनाव से ठीक पहले जब नरेंद्र मोदी अपने प्रचार के चरम पर थे उस वक्त वह किरण बेदी के निशाने पर भी थे। किरण बेदी ने कई बार ट्वीट कर कहा कि कोर्ट ने भले ही उन्हें क्लिन चीट दे दी हो लेकिन एक ‌न एक दिन गुजरात दंगों और नरसंहार के लिए देश की जनता को उन्हें जवाब देना ही पड़ेगा।

दूसरा यू-टर्न: उन्हें भले ही इस बात का मलाल है कि कांग्रेस की सरकार ने उन्हें दिल्ली का पुलिस कमिश्नर क्यों नहीं बनाया लेकिन इस बात से भी वह इनका नहीं कर सकतीं कि वकीलों पर जबरन लाठीचार्ज कराने के लिए उन्हें जांच कमेटी का भी सामना करना पड़ा था।

जिसके बाद ही फैसला लिया गया था कि आगे से उन्हें दिल्ली में कोई भी पद नहीं दिया जाना चाहिए। इसके बाद ही उनकी पोस्टिंग मिजोरम कर दी गई।

इस मामले में भी किरण की छवि साफ नहीं थी

इस मामले में भी किरण की छवि साफ नहीं थी
तीसरा यू-टर्न: जुलाई 2007 में किरण बेदी तीन महीने की प्रोटेस्ट लीव पर थीं। हालांकि इसी दौरान दिल्ली के पुलिस कमीश्नर के लिए चयन की प्रक्रिया भी चल रही थी। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि महिला होने के कारण उनके साथ पक्षपात किया गया।

इसके बाद उन्होंने अचानक अपनी छुट्टियां कैंसिल करा दीं और ऐच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन कर दिया। हालांकि सरकार ने उनके आवेदन को स्वीकार कर लिया और उन्हें सेवा से मुक्त कर दिया गया।

उस दौरान आलोचकों ने यह भी कहा कि किरण बेदी के पास दिल्ली का कमीश्नर बनने की सारी योग्यता थी लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया।

इस बारे में मशहूर पत्रकार करन थापर ने हिंदुस्तान टाइम्स में एक लेख लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि मैंने किरण बेदी को अपने शो में बुलाया लेकिन उन्होंने आने से इनकार कर दिया। शायद उनके पास करन थापर के सवालों का सटीक जवाब नहीं था।
 

यहां भी रहा था विवादों से नाता

यहां भी रहा था विवादों से नाता
वकीलों पर लाठीचार्ज के मामले में जांच आयोग का सामना करने के बाद किरण बेदी को मिजोरम भेज दिया गया। यहां आते ही वह एक नए विवाद में फंस गईं। उन्होंने अपनी बेटी को दिल्ली के लेडी हार्डिंग कॉलेज में एमबीबीएस कॉलेज में एडमिशन दिलवाने के लिए मिजोरम कोटे का इस्तेमाल किया।

किरण बेदी ने कहा कि उस मिजोरम में तैनात थीं इसलिए कोटा लेने से उन्हें कानूनी तौर पर नहीं रोका जा सकता। इसके बाद मिजोरम में उनके खिलाफ लोगों का गुस्सा सड़क पर आ गया। आखिर में उन्हें मिजोरम से भी हटाया गया और कुछ दिन बाद उनकी बेटी ने भी एमबीबीएस का कोर्स छोड़ दिया।

इतना ही नहीं किरण बेदी का विवादों से नाता यहीं खत्म नहीं हुआ। हाल ही में उनकी एक हवाई यात्रा भी विवादो में रही थी। उन पर आरोप लगा था कि विभिन्न संगठनों के आयोजन में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किए जाने पर वह बिजनेस क्लास का हवाई किराया लेती थीं और कम किराये वाली इकोनॉमी क्लास में सफर करती थीं।
 

रवीश के सवालों ने खोली बीजेपी के बड़े चेहरे की पोल!

देश भर में चर्चा में आया रविश कुमार का इंटरव्यू
अपनी तीखे और हल्के फुल्के अंदाज के लिए मशहूर एनडीटीवी के प्राइम टाइम एंकर रवीश कुमार फिलहाल ट्विटर के टॉप ट्रेंड में बने हुए हैं।

मंगलवार को उन्होंने दिल्ली चुनाव में भाजपा की सीएम उम्मीदवार किरण बेदी से कुछ ऐसे सवाल किए जिसने लंबे समय से परदे के पीछे रहे कई रहस्यों पर से परदा उठा दिया।

#RavishAsksBedi के नाम का यह हैशटैग देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। रवीश कुमार इससे पहले भी राजनेताओं के इंटरव्यू लेते रहे हैं लेकिन, ऐसा शायद पहली बार हुआ है कि इस इंटरव्यू के बाद उन्होंने अपने ब्लॉग पर अपनी राय लिखी और उनका वह ब्लॉग ही खबर बन गया।

रवीश कुमार ने अपने ब्लॉग में लिखा कि सुबह के पांच बज रहे थे और अचानक सुशील का फोन आया। उन्होंने पूछा कि क्या उनके पास किरण्‍ा बेदी के इंटरव्यू के अलावा कोई दूसरा प्लान है?...
 
KIRAN BEDI RUN AWAY FROM INTERVIEW BY RAVISH KUMAR :::: किरण बेदी जी, काश कुछ और वक्त मिल पाता : रवीश कुमार :::: सूचना के अधिकार के तहत राजनीतिक दलों से चंदे और खर्चे का हिसाब मांगने के सवाल पर किरण बेदी पलट चुकी हैं।

Tags »delhi election 2015 delhi assembly election bjp aap congress kiran bedi kejriwalarvind kejriwalsatish upadhyaysazia ilmijaya pradanarendra modimodikumar vishwasbrij bedielection Why kiran bedi and his husband don't live together delhi election 2015kiran bedikejriwalbrij bedi Kiran bedi's husband says she will be the best delhi CM ever.delhi assembly electiondelhi pollsfress electionaapkiran bedibjp
Many stains on the kiran's clean image.

No comments:

Post a Comment