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मोदी का विरोध न कर सके इसलिए प्रेग्नेंट टीचर को ले गए थाने, छूटते ही मिसकैरिज
March 25, 2015
जालंधर। जिस समय देशभर के न्यूज चैनल पीएम नरेंद्र मोदी
की पंजाब यात्रा को दिखा रहे थे, ठीक उसी समय जालंधर में एक प्रेग्नेंट
टीचर ने अपना बच्चा खो दिया था। उसका कसूर सिर्फ इतना था कि वह मोदी के 23
मार्च को पंजाब दौरे के दौरान शिक्षा प्रोवाइडर टीचर्स द्वारा काले झंडे
दिखाकर विरोध करने का एलान करने वालों में शामिल थी। ये लोग विरोध न कर
पाएं, इसलिए पुलिस ने 22 मार्च की सुबह 6 बजे से ही इन्हें उठाना शुरू कर
दिया था। रजनी (34) को भी पुलिस ने नहीं बख्शा। उसे थाने ले गए और एक घंटे
तक धमकाते रहे। परिणाम ये कि घर पहुंचते ही उसका मिसकैरिज हो गया।
टीचर के
साथ जो बीता उसी की जुबानी...
मैं कहती रही कि प्रेग्नेंट हूं, उन्होंने एक न सुनी
रजनी (पीड़ित) : मैं तेज मोहन नगर के सरकारी प्राइमरी स्कूल में
बतौर एजुकेशन प्रोवाइडर हूं। पति हरजिंदर सिंह प्रॉपर्टी डीलर हैं। मैं
प्रेग्नेंट थी और आठवां हफ्ता चल रहा था। मेरी तबीयत पहले ही खराब थी।
डॉक्टर ने बेड रेस्ट काे कहा था। रविवार सुबह साढ़े छह बजे दो पुलिसवाले
महिला कॉन्स्टेबल के साथ मेरे घर आए और कहा कि आप पंजाब सरकार के खिलाफ
धरना देने वाले हैं। इसलिए आपको थाने चलना होगा। मैं उन्हें समझाती रही कि
प्रेग्नेंट हूं और डॉक्टर ने बेड रेस्ट के लिए बोला है। उन्होंने एक नहीं
सुनी। मुझे जबरदस्ती भार्गव कैंप थाने ले गए। वहां पर एक घंटे रखा और
धमकाते रहे। इससे मैं बहुत डर गई थी, क्योंकि ऐसा मेरे साथ पहली बार हो रहा
था। मेरे पति हरजिंदर ने पुलिस अफसरों को डॉक्टर की रिपोर्ट भी दिखाई। फिर
एक घंटे बाद मुझे घर जाने दिया। घर पहुंचते ही मेरी तबीयत बिगड़ गई।
सोमवार सुबह जब मैं चेक करवाने के लिए गई, तो पता लगा कि मिसकैरेज हो चुका
है और अंदर ही अंदर ब्लीडिंग होनी शुरू हो गई है। जैसा मेरे साथ हुआ, किसी
और के साथ न हो।
दोष साबित हुआ तो 10 साल कैद का प्रावधान
अगर पुलिस को बता दिया जाता है कि महिला प्रेग्नेंट है और फिर भी उसे थाने ले जाया जाता है तो ये अपराध की श्रेणी में आता है। इस दौरान अगर मिसकैरिज हो जाता है तो दोषी के खिलाफ आईपीसी की धारा 313 और 317 के तहत केस दर्ज होता है। दोष साबित होने पर दस साल तक कैद का प्रावधान है।
अगर पुलिस को बता दिया जाता है कि महिला प्रेग्नेंट है और फिर भी उसे थाने ले जाया जाता है तो ये अपराध की श्रेणी में आता है। इस दौरान अगर मिसकैरिज हो जाता है तो दोषी के खिलाफ आईपीसी की धारा 313 और 317 के तहत केस दर्ज होता है। दोष साबित होने पर दस साल तक कैद का प्रावधान है।
महिला शिकायत देती है तो कार्रवाई होगी: एसीपी
जालंधर के एसीपी(वेस्ट) रविंदरपाल सिंह संधू ने कहा, ‘इस मामले में कोई शिकायत नहीं आई है। पीड़ित महिला अगर शिकायत भेजती हैं तो आरोपी पुलिस मुलाजिमों के खिलाफ एक्शन जरूर लिया जाएगा।’ दूसरी ओर, भार्गव कैंप के एसएचओ जोगिंदर सिंह का कहना है कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है।
जालंधर के एसीपी(वेस्ट) रविंदरपाल सिंह संधू ने कहा, ‘इस मामले में कोई शिकायत नहीं आई है। पीड़ित महिला अगर शिकायत भेजती हैं तो आरोपी पुलिस मुलाजिमों के खिलाफ एक्शन जरूर लिया जाएगा।’ दूसरी ओर, भार्गव कैंप के एसएचओ जोगिंदर सिंह का कहना है कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है।
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