अन्ना हजारे: किसानों के समक्ष जो भूमि बिल पेश किया जा रहा है वह भ्रमित और छलने वाला है,इसलिए प्रधानमंत्री MODI की बात झूठी और भ्रमित है
अन्ना ने मोदी की ‘मन की बात’ पर कहा, ‘PM किसानों को भ्रमित कर रहे हैं’
नई दिल्ली, 23 मार्च 2015
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मन की बात’ में जमीन अधिग्रहण विधेयक के
मामले में विरोधियों पर किसानों को भ्रमित करने के आरोप से अप्रभावित सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने रविवार को कहा कि किसानों के समक्ष पेश भूमि विधेयक ‘भ्रमित’ करने वाला है.
अन्ना हजारे ने कहा, 'यह सरकार खुद ही किसानों को भ्रमित कर रही है और इसके
मुखिया दूसरों पर उन्हें भ्रमित करने का आरोप लगा रहे हैं.' अन्ना ने कहा,
'दरअसल, जो जैसा चश्मा पहनता है उसको पूरी दुनिया वैसी ही दिखती है,
किसानों के समक्ष जो (भूमि बिल) पेश किया जा रहा है वह भ्रमित करने वाला है
और किसानों को छलने वाला है, इसलिए उन्हें (प्रधानमंत्री) दूसरों की बात
झूठी और भ्रमित करने वाली लग रही है.'
उन्होंने कहा, 'जमीन अधिग्रहण के मामले में सरकार की मंशा ठीक नहीं है और वह किसानों के हित में नहीं, बल्कि उद्योगपतियों के हित में विधेयक बनाया जा रहा है.' उन्होंने कहा, 'वर्ष 2013 में संसद में कानून बना था, उस वक्त पार्टी (बीजेपी) ने इसका विरोध क्यों नहीं किया था. अब जब बहुमत में आ गए हैं, तो अचानक उन्हें यह गलत लगने लगा है क्योंकि वह किसानों को नहीं उद्योगपतियों के अच्छे दिन लाना चाहते हैं.'
हजारे ने दावा किया, 'इस विधेयक का विरोध करने पर मुझे जान से मारने की धमकी मिल रही है, लेकिन मैं मरने से नहीं डरता और किसानों के हित में काम करता रहूंगा. यही सोच कर मैंने हाल ही में 25 विपक्षी दलों को इसका विरोध करने के लिए पत्र लिखा है.'
यह पूछने पर कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी भूमि अधिग्रहण विधेयक का विरोध करने के लिए कमर कस चुकी है और उन्होंने आपको भी समर्थन देने की बात कही है, अन्ना ने कहा, 'सोनिया इस मसले पर फायदा लेने के लिये केवल राजनीति कर रही है. भूमि बिल और किसानों से उनका कोई लेना देना नहीं है.'
अन्ना ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा अगर किसानों की भलाई करने की है, तो उन्हें सबसे पहले भूमि का सर्वेक्षण करवाना चाहिए. इसके बाद जमीनों का वर्गीकरण करना चाहिए और जिस जमीन का इस्तेमाल खेती के लिए नहीं हो सकता है, उसका अधिग्रहण किया जाना चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'वर्ष 2013 के कानून में किसान की सहमति से जमीन अधिगृहीत करने की व्यवस्था है, अब नई व्यवस्था के तहत किसानों से बिना पूछे उनकी जमीन ले ली जाएगी. ये कैसी मदद करने वाली व्यवस्था बन रही है.' यह पूछे जाने पर कि आपके आंदोलन का फायदा सियासी पार्टियां ले जाती है, अन्ना ने कहा, 'सबको पता है कि मैं जनहित में काम करता हूं और विपक्ष में रहने वाली पार्टी उसका फायदा ले जाती है. सत्ता में आने पर वह पार्टी भी वैसा ही करने लगती है. हालांकि, इस मामले में जनता को और अधिक चौकस रहना होगा और उन्हें खुद ही तय करना होगा कि सच क्या है.'
इससे पहले अन्ना ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा, 'पंजाब में सेवा भावना होती है और इसके लिए यह प्रदेश और यहां के लोग जाने जाते हैं. हालांकि, इसमें कुछ कमी आ गयी है क्योंकि यहां नशे का बोलबाला है. हर वर्ग के लोगों को आगे आकर इसके खात्मे के लिए प्रयास करना होगा.'
उन्होंने कहा, 'युवाशक्ति राष्ट्र की शक्ति है, मैं उन सब लोगों से कहना चाहता हूं कि नशा केवल पैसे की बर्बादी है. इससे कोई फायदा नहीं होता है. युवा समाजहित में त्याग की भावना के साथ काम करें.'
उन्होंने कहा, 'जमीन अधिग्रहण के मामले में सरकार की मंशा ठीक नहीं है और वह किसानों के हित में नहीं, बल्कि उद्योगपतियों के हित में विधेयक बनाया जा रहा है.' उन्होंने कहा, 'वर्ष 2013 में संसद में कानून बना था, उस वक्त पार्टी (बीजेपी) ने इसका विरोध क्यों नहीं किया था. अब जब बहुमत में आ गए हैं, तो अचानक उन्हें यह गलत लगने लगा है क्योंकि वह किसानों को नहीं उद्योगपतियों के अच्छे दिन लाना चाहते हैं.'
हजारे ने दावा किया, 'इस विधेयक का विरोध करने पर मुझे जान से मारने की धमकी मिल रही है, लेकिन मैं मरने से नहीं डरता और किसानों के हित में काम करता रहूंगा. यही सोच कर मैंने हाल ही में 25 विपक्षी दलों को इसका विरोध करने के लिए पत्र लिखा है.'
यह पूछने पर कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी भूमि अधिग्रहण विधेयक का विरोध करने के लिए कमर कस चुकी है और उन्होंने आपको भी समर्थन देने की बात कही है, अन्ना ने कहा, 'सोनिया इस मसले पर फायदा लेने के लिये केवल राजनीति कर रही है. भूमि बिल और किसानों से उनका कोई लेना देना नहीं है.'
अन्ना ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा अगर किसानों की भलाई करने की है, तो उन्हें सबसे पहले भूमि का सर्वेक्षण करवाना चाहिए. इसके बाद जमीनों का वर्गीकरण करना चाहिए और जिस जमीन का इस्तेमाल खेती के लिए नहीं हो सकता है, उसका अधिग्रहण किया जाना चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'वर्ष 2013 के कानून में किसान की सहमति से जमीन अधिगृहीत करने की व्यवस्था है, अब नई व्यवस्था के तहत किसानों से बिना पूछे उनकी जमीन ले ली जाएगी. ये कैसी मदद करने वाली व्यवस्था बन रही है.' यह पूछे जाने पर कि आपके आंदोलन का फायदा सियासी पार्टियां ले जाती है, अन्ना ने कहा, 'सबको पता है कि मैं जनहित में काम करता हूं और विपक्ष में रहने वाली पार्टी उसका फायदा ले जाती है. सत्ता में आने पर वह पार्टी भी वैसा ही करने लगती है. हालांकि, इस मामले में जनता को और अधिक चौकस रहना होगा और उन्हें खुद ही तय करना होगा कि सच क्या है.'
इससे पहले अन्ना ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा, 'पंजाब में सेवा भावना होती है और इसके लिए यह प्रदेश और यहां के लोग जाने जाते हैं. हालांकि, इसमें कुछ कमी आ गयी है क्योंकि यहां नशे का बोलबाला है. हर वर्ग के लोगों को आगे आकर इसके खात्मे के लिए प्रयास करना होगा.'
उन्होंने कहा, 'युवाशक्ति राष्ट्र की शक्ति है, मैं उन सब लोगों से कहना चाहता हूं कि नशा केवल पैसे की बर्बादी है. इससे कोई फायदा नहीं होता है. युवा समाजहित में त्याग की भावना के साथ काम करें.'
pm misleading farmers says anna hazare on modis mann ki baat
Keyword : Anna Hazare, Narendra Modi, Man ki Bat, Farmer, Land acquisition Bill
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