#CallDrop#Mobile: कॉल ड्रॉप हुआ तो अगस्त से आपके मोबाइल बैलेंस में जुड़ेगा पैसा
Jun 01, 2015
नई दिल्ली. मोबाइल
पर कॉल ड्रॉप की बढ़ती समस्या को रोकना मुश्किल हो रहा है, पर लोगों के
नुकसान की भरपाई की व्यवस्था कर ली गई है। इस अगस्त से हर कॉल ड्रॉप का
पैसा आपके बैलेंस में जुड़ने लगेगा। प्रोजेक्ट पर तीन महीने से ट्रायल चल
रहा था। यह पूरा हो चुका है। दूरसंचार विभाग में ऐसे उपकरण लगाए हैं जिनसे
देश के हर मोबाइल सर्किल की निगरानी हो सकेगी। इससे ट्राई को फौरन पता चल जाएगा कि किस कंपनी के, किस सर्किल में, कितने लोगों के, कितने मिनट का काॅल ड्राॅप हुआ है। दूरसंचार मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि मोबाइल
कंपनी को कॉल ड्रॉप के तीन घंटे के भीतर ग्राहक के ट्राई में रजिस्टर्ड
खाते में पैसा डालना होगा। इसकी निगरानी भी होगी।
काॅल ड्राॅप होने के कारण जितने सेकंड या मिनट के पैसे मोबाइल बैलेंस
से कटेंगे उतनी राशि आपके मोबाइल बैलेंस में जुड़ जाएगी। यह पैसा कॉल ड्रॉप
होने के तीन घंटे के भीतर ग्राहक के अकाउंट में जाएगा। लेकिन बैलेंस में
हफ्ते में एक बार जुड़ेगा। यह पैसा मोबाइल सर्विस देने वाली कंपनियों पर
काॅल ड्राॅप के लिए लगाए गए जुर्माने के मद से मिलेगा।
गांवों में होगा सबसे ज्यादा फायदा
कॉल ड्राॅप से हर साल उपभोक्ताओं को करोड़ों रुपए का नुकसान होता है। नई व्यवस्था से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। खास कर गांव और दूर दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को ज्यादा फायदा होगा। वहां ज्यादा कॉल ड्रॉप होते हैं।- रविशंकर प्रसाद, दूरसंचार मंत्री
कॉल ड्राॅप से हर साल उपभोक्ताओं को करोड़ों रुपए का नुकसान होता है। नई व्यवस्था से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। खास कर गांव और दूर दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को ज्यादा फायदा होगा। वहां ज्यादा कॉल ड्रॉप होते हैं।- रविशंकर प्रसाद, दूरसंचार मंत्री
सबसे ज्यादा कॉल ड्राप यहां
* यात्रा के समय, पुलों पर और मोबाइल टावर के नीचे।
* व्यस्त समय और दूर दराज के इलाकों में ज्यादा समस्या।
* औसतन हर 4 कॉल के बाद एक कॉल ड्राप होता है।
* एक व्यक्ति को रोजाना औसत 5.07 रु. का नुकसान होता है।
* लगभग 98 करोड़ मोबाइल उपभोक्ता हैं देशभर में।
* यात्रा के समय, पुलों पर और मोबाइल टावर के नीचे।
* व्यस्त समय और दूर दराज के इलाकों में ज्यादा समस्या।
* औसतन हर 4 कॉल के बाद एक कॉल ड्राप होता है।
* एक व्यक्ति को रोजाना औसत 5.07 रु. का नुकसान होता है।
* लगभग 98 करोड़ मोबाइल उपभोक्ता हैं देशभर में।
टैरिफ प्लान प्रति मिनट वाला है तो नुकसान ज्यादा : प्रति
सेकंड टैरिफ में कोई दिक्कत नहीं, लेकिन प्रति मिनट का टैरिफ लेने वालों को
ज्यादा नुकसान होता है। इसमें कुछ सेकंड की बातचीत में कॉल कट जाता है,
लेकिन चार्ज पूरे मिनट का लगता है।
मोबाइल कंज्यूमर बढ़ रहे हैं, पर उस रफ्तार से मोबाइल टावर नहीं बढ़
रहे। अभी देश में 4.25 लाख मोबाइल टावर हैं। कंज्यूमर के लिहाज से दो लाख
टावर और चाहिए। इसलिए नेटवर्क में कंजेशन होता है और कॉल ड्रॉप के मामले
बढ़ते हैं। कंपनियां टावर लगाने को राजी भी हैं, लेकिन रेडिएशन के डर से
इसका विरोध हो रहा है।
बांग्लादेश में ग्रामीण फोन और पाकिस्तान में मोबीलिंक नाम की
कंपनियां हर कॉल ड्रॉप की भरपाई के तौर पर अपने ग्राहकों को एक मिनट लौटाती
हैं। स्कीम का नाम है ‘मिनट बैक ऑन कॉल ड्रॉप’। अपने यहां 2004 में आंध्र
प्रदेश में एयरटेल ने कुछ समय के लिए यह पहल की थी। लेकिन बाद में स्कीम
वापस ले ली गई।
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