चीन में मंडेला को लेकर पाबंदी l मानवाधिकारों और लोकतंत्र से डरा l लू श्याबाओ "चीन का मंडेला"
गुरुवार, 12 दिसंबर, 2013 को 08:49 IST तक के समाचार
चीन के प्रोपेगेंडा अधिकारियों ने
राष्ट्रीय और स्थानीय मीडिया को चेतावनी देते हुए कहा है कि वो दक्षिण
अफ्रीकी राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के अंतिम संस्कार से पहले ख़बरें
प्रकाशित करने में सीमाओं का ध्यान रखें.
हांगकांग से प्रकाशित अख़बार क्लिक करें
साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट की वेबसाइट पर यह जानकारी दी गई है.
मंत्रालय ने आदेश दिया है कि इस मौके पर मानवाधिकारों और लोकतंत्र के बारे में क्लिक करें मंडेला के विचारों का उल्लेख न किया जाए.
इस आदेश में कहा गया है, "मंडेला के अंतिम संस्कार का फायदा लेकर हमारी राजनीतिक व्यवस्था और सरकारी नेताओं पर हमला करने वाली सभी टिप्पणियों को विबो (माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट) और ब्लॉग से तुरंत डिलीट करना अनिवार्य है."
नियमित दिशानिर्देश
क्लिक करें अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी सहित 70 से ज़्यादा देशों के राष्ट्रध्यक्ष नेल्सन मंडेला को श्रद्धांजलि देने के लिए दक्षिण अफ्रीका पहुंचे.
मंडेला का श्रद्धांजलि कार्यक्रम जोहानेसबर्ग के एक स्टेडियम में आयोजित किया गया था.
इस मौके पर चीन के उप-राष्ट्रपति ली युआनचाओ ने विशेष रूप से राष्ट्रपति शी जिनपिंग का प्रतिनिधित्व किया.
चीन के मीडिया ने अब तक क्लिक करें अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की इन ख़बरों का न तो ज़िक्र किया है और ना ही टिप्पणी की है कि दूसरे नेताओं के साथ ली युआनचाओ का नाम लिए जाने पर वहां मौजूद भीड़ ने उनका स्वागत भी किया था और नापसंदगी भी जताई थी.
स्थानीय मीडिया को इस बात की चेतावनी भी दी गई है कि वो मंडेला और दलाई लामा के संबंधों को लेकर ख़बरें प्रकाशित न करे और अंतिम संस्कार के दौरान ताइवान से जुड़े मसलों को भी न उठाया जाए. ताइवान के दक्षिण अफ्रीका के साथ राजनयिक संबंध रहे हैं.
सुधारों की ज़रूरत
चीन के समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स की वेबसाइट पर 11 दिसंबर को प्रकाशित एक संपादकीय में कहा गया है कि पश्चिमी देश अपने भूराजनीतिक स्वार्थों के लिए चीन में मानवाधिकारों के मसले को उठाते हैं.
संपादकीय में आगे कहा गया है कि "चीन को मानवाधिकारों की स्थिति में लगातार सुधार करने की ज़रूरत है. हमें पश्चिम के उपयोगी सुझावों को सुनना चाहिए, लेकिन हम अपने घरेलू मामलों में हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं."
इससे पहले अमरीकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने मंगलवार को चीन से कहा था कि वो लू श्याबाओ को रिहा करे, जो फिलहाल लोगों को उकसाने के लिए 11 साल की सज़ा काट रहे हैं. उन्हें साल 2009 में गिरफ्तार किया गया था और इसके अगले साल उन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया.
बीते दिनों क्लिक करें नेल्सन मंडेला के निधन के अवसर पर पश्चिमी मीडिया ने लू श्याबाओ की कैद के मसले को उठाया था और "चीन का मंडेला" कहकर उनकी तारीफ की थी.
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