Saturday, 21 March 2015

Narendra Modi government travel bills at Rs 317 crore, at par with UPA’s average spend | मोदी सरकार ने यात्राओं पर खर्च किए 317 करोड़


Narendra Modi government travel bills at Rs 317 crore, at par with UPA’s average spend

मोदी सरकार ने यात्राओं पर खर्च किए 317 करोड़


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Modi govt’s travel bills at Rs 317 crore, at par with UPA’s average spend
Prime Minister Narendra Modi with Russian President Vladimir Putin at an informal BRICS meeting ahead of the G-20 Summit in Brisbane, Australia on November 15, 2014.
 
NEW DELHI: The Narendra Modi government in its inaugural year has incurred a travel bill of Rs 317 crore, according to the revised budgetary estimates. This is about Rs 59 crore more than the Rs 258 crore the UPA-II cabinet had spent in its last year in office (2013-14), but in keeping with UPA's average spend on the head through its five year-term.

This travel bill includes expenditure on travel by cabinet ministers, ministers of state and ex-PMs and maintenance of aircraft used by VVIPs: the ones used by Prime Minister, President and Vice President.

Prime Minister Narendra Modi has traveled extensively in his first year in office, logging more flying miles than his ministers.

The government does not see the travel spend coming down anytime soon as the 2015-16 budget has made a provision of Rs 269 crore.

At Rs 14 crore, the salary and allowances bills of the 65-member Modi's council of ministers have been almost the same as that of the 75-member UPA cabinet. The expenditure of the PMO, though, has gone up to Rs 40 crore in 2014-15, compared to Rs 31 crore of UPA's last year in office.

http://timesofindia.indiatimes.com/photo/46648738.cms

During five years (2009-14), UPA-II had spent almost Rs 1,500 crore on travel of its council of ministers and VVIPS. Since the financial meltdown of 2008-09, the central government has announced 10% mandatory cut on non-plan expenditure almost every year. But this has primarily been restricted to curbs on first class travel by bureaucrats and a cut on foreign delegations of union council of ministers and for organising conferences in 5-star hotels.
Interestingly, the curb on first class travel by senior bureaucrats has been lifted every year in the second half of the fiscal.

If the travel expenditure of officers are included, the travel bill of the government is almost double of what the council of ministers incurred. For instance, the UPA ministers and babus in 2011-12 picked up a travel bill running into more than Rs 1,000 crore. The travel expenditure of the council of ministers that year was Rs 679 crore, part of it accounting for dues cleared to Air India for previous years.
As indicated by the budget documents, the travel bills of the council of ministers have consistently been going up every year, sometimes more than the rate of inflation. The regime change last year has not changed the pattern.
 
 

मोदी सरकार ने यात्राओं पर खर्च किए 317 करोड़


मॉरिशस यात्रा के दौरान पीएम मोदी।
मॉरिशस यात्रा के दौरान पीएम मोदी।
नई दिल्ली
संशोधित बजटीय अनुमानों के मुताबिक मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले साल में कुल 317 करोड़ रुपये यात्राओं में खर्च किए । यह यूपीए-2 के कैबिनेट द्वारा पिछले साल यात्राओं पर खर्च की गई राशि 258 करोड़ रुपये से 59 करोड़ रुपये ज्यादा है। लेकिन यदि यूपीए सरकार के पिछले पांच सालों का औसत निकाला जाए, तो मोदी सरकार का यात्रा खर्च पिछली सरकार के लगभग बराबर ही है।

इस राशि में कैबिनेट मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और पूर्व प्रधानमंत्रियों द्वारा यात्रा पर किया गया खर्च और प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति द्वारा यात्रा के लिए इस्तेमाल किए गए विमानों की देखरेख का खर्च भी शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के पहले साल में अपने मंत्रियों से कहीं ज्यादा यात्रा की है। फिलहाल सरकार के यात्रा खर्चे में कोई कटौती होती नहीं दिख रही क्योंकि 2015-16 के बजट में पहले ही इस मद के लिए 269 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा चुका है।


श्रीलंका यात्रा के दौरान पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 65 सदस्यीय मंत्री परिषद के वेतन और अन्य भत्तों पर इस साल कुल मिलाकर 14 करोड़ रुपये खर्च हुए, जो कि 75 सदस्यीय यूपीए कैबिनेट के लगभग बराबर है। हालांकि पीएमओ के खर्चे की बात करें तो यह यूपीए सरकार के आखिरी साल के 31 करोड़ रुपये के मुकाबले 2014-15 में बढ़कर करीब 40 करोड़ रुपये हो गया।



पांच सालों के दौरान (2009-14) यूपीए-2 सरकार ने अपने मंत्रियों और VVIPs की यात्रा पर लगभग 1,500 करोड़ रुपये खर्च किए थे। यदि इसमें नौकरशाहों का यात्रा खर्च भी जोड़ लिया जाए, तो यह मंत्री परिषद द्वारा किए गए खर्च का लगभग दोगुना हो जाता है। उदाहरण के तौर 2011-12 में यूपीए के मंत्रियों और बाबुओं का यात्रा खर्च 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा था। इसमें मंत्रियों की यात्रा पर 679 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जिसमें एयर इंडिया को पिछले सालों के बकाया भुगतानों का भी खर्च शामिल है।


फुर्सत के पल: सेशेल्स यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

बजट डॉक्युमेंट्स इशारा करते हैं कि मंत्रियों का ट्रैवल बिल हर साल बढ़ा ही है, और कई बार तो मुद्रास्फीति की दर से भी ज्यादा। यानि पिछले साल हुए सत्ता परिवर्तन से इस मामले में कोई बदलाव नहीं आया है।

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