Monday, 3 August 2015

IAS officer posts travails of filing sexual harassment case | यौन उत्पीड़न की शिकार IAS ने FB पर लिखी आपबीती, पोस्ट वायरल

IAS officer posts travails of filing sexual harassment case यौन उत्पीड़न की शिकार IAS ने FB पर लिखी आपबीती, पोस्ट वायरल

  • Bhopal
  • Updated: Aug 04, 2015

Riju Bafna, an IAS officer in Madhya Pradesh, has taken to Facebook to express her anguish on the problems she faced while combatting sexual harassment. (Photo credit: Facebook.com/Riju Bafna)


A young IAS officer in Madhya Pradesh has taken to Facebook to express her anguish on the problems she faced while combating sexual harassment.
"I can only pray that no woman is born in this country... Idiots are lined up at every step," said trainee bureaucrat Riju Bafna, in a Facebook post on Saturday that went viral. She later toned it down.
Bafna's troubles began last week when she filed a sexual harassment case against a member of the state's human rights commission for sending her obscene messages.
The harasser was removed from his position after she complained, but then the IAS officer posted in Seoni district encountered other hassles.
On Saturday when she went to the court of the first class judicial magistrate to get her statement recorded, a lawyer was standing next to her.
When she requested that the lawyer and others present leave the courtroom, he allegedly began shouting at her.
"How dare you suggest me to leave, I am an advocate here. You might be an officer in your office but not in the court," he allegedly said before leaving.
Bafna said that when she tried to explain this to the magistrate he told her: " You are young, which is why you have such expectations. You would get to know the system and courts with time and get done away with such demands.”
Bafna then filed a representation seeking action against the magistrate and the lawyer, and posted it on her FB account.
On Monday, she edited her comment saying, "I wrote that line in the spur of moment and I regret blaming the country for the fault of individuals."
Bafna did not mention whom her representation was addressed to. When we contacted her, she refused to comment.

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Hi everyone. I am posting this message to share my experience with judiciary on a sexual harassment case filed by...
Posted by Riju Bafna on Saturday, August 1, 2015


In my previous post, there was a line about women not being born in the country. I wrote that line in the spur of moment...
Posted by Riju Bafna on Monday, August 3, 2015



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यौन उत्पीड़न की शिकार IAS ने FB पर लिखी आपबीती, पोस्ट वायरल





दोस्तों के साथ रिजू बाफना (हरे रंग की साड़ी में)

यौन उत्पीड़न की शिकार IAS अफसर रिजू बाफना ने फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी आपबीती सुनाई है और यौन अपराध के मामलों की सुनवाई पर ज्यूडिशियल सिस्टम पर सवाल खड़े किए हैं. मध्य प्रदेश के सिवनी में पोस्टेड बाफना ने बताया है कि अश्लील मैसेज देने के लिए उन्होंने राज्य के मानवाधिकार आयोग के एक अफसर के खिलाफ एफआआईआर भी दर्ज कराई है.
मैजिस्ट्रेट कोर्ट का अनुभव 'डरावना और सदमा देने वाला था': बाफना

बाफना ने कहा कि आरोपी अधिकारी को फौरन पद से हटा दिया गया. लेकिन उसके बाद अदालती सुनवाई के दौरान उनके साथ जो हुआ उससे काफी ठेस पहुंची. बाफना ने बताया कि 1 अगस्त को वो मैजिस्ट्रेट कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराने गई थी. लेकिन वहां का अनुभव बेहद 'डरावना और सदमा देने वाला था'. उन्होंने कहा, 'इस अनुभव के बाद मैंने जाना कि आखिर क्यों यौन उत्पीड़न से पीड़ित महिला इसकी शिकायत नहीं करती है.'


हर कदम पर उल्लू बैठे हैं: बाफना

बाफना ने अपने फेसबुक पोस्ट में बताया कि जब वो अपना बयान दर्ज करने पहुंचीं तब वहां कई लोग मौजूद थे. इसलिए उन्होंने कैमरे पर बयान दर्ज किए जाने की अपील की. लेकिन इससे पहले कि मैजिस्ट्रेट उनकी मांग पर अपना आदेश देते वहां मौजूद एक वकील उनपर भड़क गया बाफना ने कहा, 'वकील ने मुझपर चिल्लाते हुए कहा कि मैं अफसर अपने दफ्तर में होंगी लेकिन यह कोर्ट है और वो यहां से नहीं जाएगा.' उन्होंने कहा, 'वो वकील केस का हिस्सा भी नहीं था. फिर भी उसे मेरी निजता से आपत्ति थी. आखिरकार बहस के बाद वो कमरे से बाहर निकल गया.'



पीड़िता ने बताया कि इस दौरान मैजिस्ट्रेट ने कुछ भी नहीं कह. जज ये भी फैसला नहीं कर पा रहे थे कि मेरी अपील मानी जाए या नहीं. उन्होंने कहा, 'आखिरकार जब मैंने अपना स्टेटमेंट रिकॉर्ड कराया तो मैजिस्ट्रेट ने टिप्पणी कि कि मैं युवा हूं, और यह मेरी पहली पोस्टिंग है इसलिए मैं प्राइवेसी की मांग कर रही हूं. धीरे धीरे मुझे सिस्टम के बारे में सब समझ में आ जाएगा.'
आखिर में पीड़िता ने कहा, 'हर मोड़ पर उल्लू बैठे हैं. हमारी तकलीफों के प्रति लोग बेहद असंवेदनशील हैं. इसलिए अगर आप इस देश में जन्में हैं तो बेहतर होगा कि आप हर कदम पर खुद को संघर्ष के लिए तैयार कर लें.'

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