विंबलडन 2013: महिला एकल वर्ग में बारतोली विजयी
रविवार, 7 जुलाई, 2013 को 01:54 IST तक के समाचार
विंबलडन में महिला एकल वर्ग को एक
नई विजेता मिल गईं हैं. शनिवार को फ्रांस की मैरियोन बारतोली ने जर्मनी की
सबीना लिसिकी को हराकर महिला वर्ग का एकल ख़िताब जीत लिया.
बारतोली ने सीधे सेटों में 6-1, 6-4 से लिसिकी को हराकर अपना पहला ग्रैंडस्लैम ख़िताब जीता.15वीं वरीयता प्राप्त बारतोली के सामने 23वीं वरीयता वाली सबीना लिसिकी टिक नहीं सकीं. अगर सबीना लिसिकी की जीत होने पर यह उनका भी पहला ग्रैंड स्लैम होता.
वर्ष 2007 में वीनस विलियम से हार कर मैरियोन बारतोली ने ग्रैंड स्लैम जीतने का मौक़ा गवां दिया था, लेकिन इस बार एकतरफ़ा मुक़ाबले में उन्होंने यह जीत हासिल की.
भावुक हो गईं बारतोली
बारतोली को रोकने में नाकाम रहने पर दूसरे सेट में 23 साल की लिसिकी रो पड़ीं.वहीं जीत के बाद बारतोली भी ख़ुशी में भावुक हो गईं.
बारतोली ने अपनी ख़ुशी अपनी मेंटर और 2006 की विंबलडन विजेता एमिली मोरेस्मो के साथ गले लगकर बांटी. उन्होंने अपने पिता और पूर्व कोच वॉल्टर को भी गले लगाया.
इससे पहले एमिली मोरेस्मो आख़िरी फ़्रांसिसी महिला थीं जिन्होंने विंबलडन जीता था.
बारतोली का कहना था, "मुझे विशवास नहीं हो रहा, बचपन से ये दिन मेरा सपना था. लेकिन ऐस के साथ खेल ख़त्म करने की तो मैं कभी सोच भी नहीं सकती थी."
विंबलडन में ये उनका 47वाँ मैच था.
लिसिकी से पाँच साल वरिष्ट बारतोली ने कहा, "मैं 2007 में विंबलडन नहीं जीत पाई, मैं जानती हूँ कैसा महसूस होता है. मुझे विश्वास है कि लिसिकी एक बार फिर यहाँ पहुंचेगी."
जर्मनी की मशहूर टेनिस खिलाड़ी लिसिकी की दमदार सर्विस को बारतोली ने आसानी से खेला. छटे खेल में लिसिकी के दोबारा डबल-फॉल्ट ने विंबलडन का ख़िताब आसानी से बारतोली को थमाने में पूरी मदद की.
लिसिकी के पास दूसरे सेट के दूसरे मैच में बाज़ी अपनी ओर करने के मौक़े आए लेकिन बारतोली मैदान में मज़बूती से टिकी रहीं.
फ़ाइनल तक के रास्ते में लिसिकी ने चौथे दौर में पांच बार की चैंपियन सरीना विलियम्स को हराया और सेमीफ़ाइनल में चौथी वरीयता प्राप्त अग्नियेस्का रदवांस्का को हराया था.
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