उत्तराखंड की आपदा में 4045 लोग लापता
मंगलवार, 9 जुलाई, 2013 को 01:08 IST तक के समाचार
उत्तराखंड में बाढ़ और भूस्खलन से
हुई भीषण तबाही में मरने वालों की संख्या 4045 से ऊपर जा सकती है. इस आपदा
की विभीषिका को देखकर लगातार इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि इसमें कई
हज़ार लोगों की मौत हुई होगी और सोमवार को जब सरकार ने मान लिया कि 4045
लोग अब भी लापता हैं तो इस बात की लगभग पुष्टि हो गई है.
मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने देहरादून में एक
प्रेस कांफ्रेस में कहा कि राज्य सरकार ने लापता लोगों की एक लगभग फ़ाइनल
सूची बना ली है. 15 जुलाई के बाद लापता लोगों को मृतक मानकर उनके परिजनों
को मुआवज़ा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.दूसरे राज्यों को मुआवज़ा उन राज्यों के मुख्य सचिवों के ज़रिए दिया जाएगा.
हांलाकि अभी भी मारे गए, क्लिक करें लापता और अज्ञात शवों की संख्या को लेकर पसोपेश बना हुआ है और शायद इसकी वास्तविकता कभी पता भी नहीं चल पाए और सच आशंका और अंदाज़ के बीच ही झूलता रहे.
संशय बरक़रार
ध्यान देने की बात ये है कि सरकार का आपदा प्रबंधन विभाग 580 लोगों के मारे जाने की बात कह चुका है और बक़ौल पुलिस विभाग के क़रीब 150 अज्ञात शवों का सामूहिक दाह संस्कार किया जा चुका है.लापता बताए जा रहे 4045 लोगों में उत्तराखंड के 795 लोग हैं. इनमें से सबसे ज्यादा रुद्रप्रयाग में हैं जहां 600 से ज्यादा लोगों का पता नहीं चल पा रहा है. इनमें 57 राज्य सरकार के कर्मचारी भी हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आपदा से हुई क्षति का आकलन जल्द ही किया जाएगा. इसके आधार पर भारत सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी. बाढ़ नियंत्रण के लिए केंद्र से 500 करोड़ का पैकेज भी मांगा जाएगा.
इस बीच केदारनाथ में पिछले पांच दिनों से फंसा 75 सदस्यीय राहत दल अभी भी काफ़ी मुश्किल में है.
उनके मुताबिक़ सेना से पैदल रास्ता निकालने का अनुरोध किया गया है.
जानकार पर्वतारोहियों के साथ एक छोटा दल भी रास्ता बनाता हुआ केदारनाथ को रवाना हो गया है. लेकिन इसके वहां तक पहुंचने की कोई पुष्टि नहीं हो पाई है.
सरकार ने ऐलान किया है कि गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए यात्रा सितंबर के अंत में बहाल कर दी जाएगी.
उत्तराखंड में अभी भी कई इलाक़ों में भारी बारिश हो रही है और अलकनंदा, मंदाकिनी और काली नदियां ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
पिथौरागढ़ और धारचूला के कुछ क्षेत्रों में भूस्खलन और मलबा आने की ख़बरें मिल रही हैं जिससे रास्ते बंद हो गए हैं और आम जीवन अस्त व्यस्त है.
No comments:
Post a Comment