Monday 8 July 2013

चीन: भ्रष्टाचारी पूर्व रेल मंत्री को सज़ा ए मौत

चीन: भ्रष्टाचारी पूर्व रेल मंत्री को सज़ा ए मौत

 सोमवार, 8 जुलाई, 2013 को 17:28 IST तक के समाचार

चीन
लियु झिजुन 2011 में मंत्री के पद से बर्खास्त कर दिए गए थे.
चीन के सरकारी मीडिया के मुताबिक़ एक अदालत ने पूर्व रेल मंत्री लियु झिजुन को भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग का दोषी करार देते हुए निलंबित मौत की सजा सुनाई है.
 लियो झिजुन पर पिछले 25 वर्षों के दौरान एक करोड़ डॉलर की रिश्वत लेने के आरोप थे.
अभियोजन पक्ष का कहना है कि उन्होंने रिश्वत लेकर सरकारी रेल सेवा के ठेके बांटे.
इस साल की शुरुआत में शी जिनपिंग के सत्ता संभालने के बाद लियु कम्युनिस्ट पार्टी के बड़े नेता हैं जिन्हें भ्रष्टाचार के लिए दंडित किया गया है.
सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी का नेतृत्व संभालते समय शी ने वादा किया था कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा था कि कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष पर बैठे 'बाघों' से लेकर नीचे वाली 'मक्खियों' तक, सबसे निपट जाएगा.
कभी बेहद शक्तिशाली रहे क्लिक करें चीन के रेल मंत्रालय को मार्च में खत्म कर दिया गया.
सुरक्षा संबंधी कई गड़बड़ियों पर रेल विभाग को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. इसके अलावा सरकारी ऑडिट में विभाग में भ्रष्टाचार के मामले उजागर हुए.

उम्रकैद मुमकिन

चीन
हाल के वर्षों में चीन में तेज गति से चलने वाले रेल नेटवर्क का काफी विस्तार हुआ है.
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी 'शिन्हुआ' के अनुसार लियु को सोमवार को राजधानी बीजिंग की एक अदालत ने क्लिक करें दोषी करार दिया.
मौत की सज़ा सुनाए जाने के बावजूद लियु को मृत्युदंड ना दिए जाने की संभावना है. आम तौर पर चीन में निलंबित मौत की सज़ा उम्रक़ैद में तब्दील हो जाती है.
गबन के आरोप लगने के बाद लियु को पिछले साल मई महीने में ही कम्युनिस्ट पार्टी से निलंबित कर दिया गया था.
लियु पर आरोप था कि उन्होंने रिश्वत लेकर 11 लोगों को रेलवे परियोजनाओं से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने में मदद की.
उन्हें 2003 में चीन का रेल मंत्री बनाया गया था. उनके कार्यकाल में चीन के रेल नेटवर्क का विस्तार किया गया जिसमें अरबों डॉलर का निवेश हुआ.
चीन में दुनिया का सबसे बड़ा तेज़ रफ्तार रेल नेटवर्क है. लेकिन उसकी सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं. हाल के वर्षों में चीन में कई रेल हादसे हुए हैं. ऐसे ही एक हादसे में दो साल पहले 40 लोग मारे गए थे जिसके बाद रेल विभाग की ख़ासी आलोचना हुई थी.


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