Monday 8 July 2013

बोधगया ब्‍लास्‍ट का सीसीटीवी फुटेज जारी

बोधगया ब्‍लास्‍ट का सीसीटीवी फुटेज जारी

पटना, 8 जुलाई 2013 | 


CCTV से मिली धमाके की तस्वीर
बिहार के डीजीपी अभयानंद ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर कहा कि बोधगया में रविवार को 10 धमाके हुए. उन्‍होंने बताया कि रविवार तक लग रहा था कि 9 धमाके हुए हैं, लेकिन सोमवार को एक और बम बरामद किया गया जो फट चुका था. यानी कि कुल 10 बम धमाके हुए. उन्‍होंने यह भी बताया कि इस मामले में एक संदिग्‍ध को हिरासत में लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है. इसी के साथ उन्‍होंने जांच के बारे ज्‍यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया.
इस बीच, बोधगया में हुए सीरियल धमाकों का सीसीटीवी फुटेज जारी हो गया है. कैमरे के समय के मुताबिक, सुबह 5 बजकर 40 मिनट 27 सेकेंड पर पहला धमाका हुआ. एक के बाद एक धमाकों से लोग सहम गए और भारी अफरातफरी मच गई.
सीसीटीवी कैमरे ने इधर-उधर भागते लोगों की तस्वीरें कैद की है. धमाके के तुरंत बाद वहां तैनात सुरक्षाकर्मी भी हरकत में आ गए. फुटेज में सुरक्षाकर्मियों को लोगों को हटाते और घटनास्थल की ओर भागते देखा गया. जांच एजेंसियां फुटेज खंगालने में लगी हुई हैं.
वहीं धमाकों के बाद बिहार सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है. धमाकों के विरोध में आज बीजेपी ने बोधगया और आरजेडी ने मगध क्षेत्र में बंद बुलाया है.

एक संदिग्ध गिरफ्तार, दो के स्केच जारी
वहीं आतंकियों की तलाश लगातार जारी है. गया के पास बाराचट्टी से एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है. शक की सुई आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन पर जा रही है. सुरक्षा एजेंसियों को उन दो संदिग्ध की भी तलाश है जिनके बारे में आईबी ने जून के आखिरी हफ्ते में सूचना दी थी. आईबी ने अलर्ट जारी कर दो संदिग्ध भाईयों सहीदुर रहमान और सैफुर रहमान का स्केच जारी किया था और दोनों के पटना और गया जाने की बात कही थी. बिहार पुलिस ने रविवार को दोनों के स्केच जारी कर दिए हैं.
http://media2.intoday.in/aajtak/images/stories/072013/sktech1_325_070813100950.jpgताजा खुलासों के मुताबिक, महाबोधि मंदिर में रविवार सुबह 2 बजे पांच लोगों ने बम रखे थे. धमाकों का मकसद दहशत फैलाना था. उधर दिल्ली पुलिस ने भी दावा किया है कि इंडियन मुजाहिदीन म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर कथित अत्याचार का बदला लेने के लिए बिहार और मुंबई में धमाकों की योजना बना रहा था और इस संबंध में राजधानी की पुलिस ने बिहार और खुफिया एजेंसी को अलर्ट भी किया था. दिल्ली पुलिस को यह बात जर्मन बेकरी धमाकों के आरोपी मकबूल से पूछताछ में पता चली थी. मकबूल ने यह भी कबूला था कि हमले के लिए उसने महाबोधि मंदिर की रेकी और वीडियोग्राफी की थी.
धमाकों का असर बौद्ध धर्म के गढ़ धर्मशाला पर भी हुआ है. एहतियातन तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के आधिकारिक महल और उससे सटे सुगलगखांग मंदिर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. दलाई लामा को पहले से ही सरकार से जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है.

इंडियन मुजाहिदीन पर शक
आजतक को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इंडियन मुजाहिदीन ने भारत में आतंकियों की लगातार गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए ये धमाके करवाए हैं. इंडियन मुजाहिदीन के मुखिया भटकल ने अपने सदस्यों को हिदायत दी थी कि आतंकियों का मनोबल बढ़ाने के लिए भारत में धमाके जरूरी हैं.
धमाकों की जांच के लिए बोधगया पहुंची एनआईए की टीम ने महाबोधि मंदिर जाकर घटनास्थल का मुआयना किया. अब तक मिले सुरागों के मुताबिक धमाकों में इंडियन मुजाहिदीन और उसके सरगना अबू जुंदाल का हाथ हो सकता है. शुरुआती जांच में धमाके के लिए आईईडी के इस्तेमाल के संकेत मिले हैं.
आतंकी हमलों को लेकर खुफिया एजेंसी आईबी ने भी बिहार सरकार को तीन अलग-अलग मौकों पर आगाह किया था. लेकिन हैरानी की बात है कि इसके बाद भी बिहार सरकार सोती रही. बिहार के डीजीपी अभ्यानंद ने भी माना है कि पुलिस को इस बात की सूचना थी कि बोधगया में महाबोधि मंदिर को निशाना बनाया जा सकता है.
मंदिर में पूजा शुरू
दोनों घायलों में से एक की हालत गंभीर बनी हुई है. हमले के बाद बौद्ध भिक्षुक सकते में हैं. महोबोधि मंदिर और उसके आस-पास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है लेकिन कई बौद्ध भिक्षुकों का कहना है कि बेहतर होता अगर ये इंतजाम पहले किए जाते.
महाबोधि मंदिर और उसके आस-पास हुए धमाकों के बाद बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति ने मंदिर परिसर की सुरक्षा बिहार पुलिस को सौंप दी है. समिति के सदस्य अरविंद सिंह ने भी माना कि मंदिर की सुरक्षा में कहीं न कहीं चूक हुई. अब तक महाबोधि मंदिर परिसर की सुरक्षा का जिम्मा इसी समिति के पास था.
आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए धमाकों के करीब 12 घंटे बाद ही महाबोधि मंदिर में दोबारा अमन का संदेश गूंज उठा. शाम को परंपरा के मुताबिक मंदिर में पूजा हुई जिसमें बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षुक शामिल हुए. शाम की पूजा में बौद्ध भिक्षुओं ने विश्व शांति के लिए प्रार्थना की.


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