#MARKET #GST #Bill #India: जीएसटी से आपको क्या फ़र्क पड़ेगा?
भारत की लोकसभा ने वस्तु एवं सेवा बिल, जिसे गुड्स ऐंड सर्विसेज़ टैक्स भी
कहतें हैं, पारित किया है. अब इसे राज्यसभा की समिति में विचार के लिए
भेजा गया है.
इसे लेकर संसद में ख़ासी चर्चा रही है, लेकिन ये जीएसटी है क्या?.आर्थिक विशेषज्ञ :
क्या है जीएसटी?
वस्तु एवं सेवा कर (गुड्स ऐंड सर्विसेज़ टैक्स) को संक्षिप्त रूप में जीएसटी कहते हैं.गुड्स यानी जिन सामानों का इस्तेमाल हम करते हैं, उसमें कोई भी पैकेज्ड खाद्य सामग्री, शराब, सिगरेट पैकेट, मोबाइल हैंडसेट, ट्रक से लेकर कार तक शामिल है.
सेवाओं में हम दूरसंचार सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस पर 14 प्रतिशत के क़रीब कर लगता है.
हम अस्पताल की सेवाएं, वकीलों की सेवाएं ले रहे हैं. ये सभी सेवाओं के दायरे में हैं.
क्या होंगे बदलाव
सामान और सेवाओं के कर की दर भारत में अलग-अलग है. सेवाओं पर कर की दर 14 प्रतिशत है. वस्तुओं पर कर की दर अलग है.अब जीएसटी के ज़रिए वस्तु और सेवाओं की कर दर एक ही कर दी जाएगी.
यानी जितना कर वस्तुओं पर होगा उतना ही सेवाओं पर भी लगेगा.
क्या हैं फायदे?
इससे कर प्रशासन आसान होगा. भारत में 20 प्रकार के कर लगते हैं और जीएसटी इन करों की जगह ले लेगा.कर भुगतान हासिल करना आसान होगा. करदाताओं को फायदा मिलेगा. आख़िर में हर चीज़ का करदाता उपभोक्ता होता है.
हम अब भी सेवा कर और उत्पाद शुल्क चुकाते हैं. लेकिन जब कर व्यवस्था सही हो जाएगी तो इससे उपभोक्ताओं को सहूलियत होगी
विरोध क्यों?
बीजेपी जो भी करे कांग्रेस की ओर से विरोध होना उसका राजनैतिक और नैतिक कर्तव्य है.लेकिन अगर जीएसटी को गहराई से समझें और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जो आश्वासन दिया है उसके मुताबिक़ किसी को भी कर का नुकसान नहीं होगा.
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