800 साल बाद मैग्ना कार्टा के लेखकों की पहचान
- 1 घंटा पहले
वैज्ञानिकों ने इंग्लैंड में 800 साल पुराने समझौते मैग्ना कार्टा (महान चार्टर) की चार मूल प्रतियों में से दो के लेखकों की पहचान कर ली है.
वैज्ञानिकों के अनुसार मैग्ना कार्टा की लिंकन और सैलिसबरी कैथेड्रल में रखी हुई
प्रतियाँ कैथेड्रल के लेखकों ने लिखी थी, न कि राजा जॉन के किसी कर्मचारी
ने.इंग्लैंड के तत्कालीन राजा जॉन और उसके सामंतों के बीच समझौते के इस दस्तावेज़ पर 15 जून, 1215 को दस्तख़त किए गए थे.
इसके तहत पहली बार राजा को क़ानून के दायरे में लाया गया और कहा गया कि 'सभी मनुष्य समान हैं.'
महत्वपूर्ण उपलब्धि
विंसेंट ने कहा कि 800 साल बाद "ये भूसे के ढेर में सुई खोजने जैसा ही था."
इस नई खोज के बाद मैग्ना कार्टा को तैयारी और प्रसार में चर्च की भूमिका पर नया प्रकाश पड़ेगा. चर्च चाहता था कि राजा की सत्ता पर अंकुश लगे.
वो कहते हैं, "राजा जॉन की इसे प्रकाशित करने या लागू करने की कोई मंशा नहीं थी. ये बिशप थे जिन्होंने इसे पूरे देश में बांटने और कैथेड्रल में संरक्षित रखने पर ज़ोर दिया."
नई धारणा
इस शोध के दौरान पता चला कि लिंकन में मौजूद मैग्ना कार्टा की प्रति किसी ऐसे लेखक ने तैयार की थी जिसने लिंकन और सैलिसबरी के बिशप के लिए दूसरे कई दस्तावेज़ तैयार किए थे.
वो कहते हैं, "इससे पहले ये धारणा थी कि इन्हें विभिन्न राज्यों के शेरिफ़ों को भेजा गया था लेकिन ये घातक होता क्योंकि इस चार्टर में शेरिफ़ों पर ही प्रहार किया गया है."
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