भारतीय सेना: तीन अधिकारियों को मिला कीर्ति चक्र
नई दिल्ली, 22 मार्च 2014 | अपडेटेड: 17:01 IST
भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी सहित तीन अधिकारियों को आज कीर्ति चक्र
प्रदान किया गया. कीर्ति चक्र शांति समय का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार
है.
पुरस्कार पाने वालों में उत्तराखंड बाढ़ पीडि़तों की जान बचाते समय जान
गंवाने वाले वायुसेना के अधिकारी,
बिना रुके पूरी दुनिया का चक्कर समुद्र मार्ग से लगाने वाले नौसेना के
अधिकारी और चार आतंकियों को मार गिराने वाले सेना के एक मेजर शामिल हैं.
असम में अपने तीन सहयोगियों का जीवन बचाते समय जान गंवाने वाले सीमा सड़क संगठन के एक सिविल इंजीनियर और एक गांव को आग से बचाने वाले भारतीय वायुसेना के एक जवान सहित 10 लोगों को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया.
विंग कमांडर डेरिल कैस्टेलिनो को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है. उत्तराखंड में राहत और बचाव ऑपरेशन राहत के दौरान एक एमआई17वी 5 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. उस समय उस पर 20 लोग सवार थे. दुर्घटना से पहले कैस्टेलिनो ने 80 से अधिक लोगों का जीवन बचाने में मदद की थी.
पंजाब रेजीमेंट के मेजर महेश कुमार ने जम्मू कश्मीर में तीन अलग अलग घटनाओं में चार आतंकियों का सफाया किया. ऐसी ही एक कार्रवाई के दौरान उन्होंने दो आतंकियों को मार गिराया था. ये आतंकी एक साइकिल से भागने की कोशिश कर रहे थे और उन्होंने मेजर पर ग्रेनेड से हमला भी करने का प्रयास किया.
कमोडोर अभिलाष टोमी ने 151 दिन में बिना रुके और बिना किसी बाहरी समर्थन के अपने पोत से दुनिया का चक्कर समुद्र मार्ग से लगाया.
असम में अपने तीन सहयोगियों का जीवन बचाते समय जान गंवाने वाले सीमा सड़क संगठन के एक सिविल इंजीनियर और एक गांव को आग से बचाने वाले भारतीय वायुसेना के एक जवान सहित 10 लोगों को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया.
विंग कमांडर डेरिल कैस्टेलिनो को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है. उत्तराखंड में राहत और बचाव ऑपरेशन राहत के दौरान एक एमआई17वी 5 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. उस समय उस पर 20 लोग सवार थे. दुर्घटना से पहले कैस्टेलिनो ने 80 से अधिक लोगों का जीवन बचाने में मदद की थी.
पंजाब रेजीमेंट के मेजर महेश कुमार ने जम्मू कश्मीर में तीन अलग अलग घटनाओं में चार आतंकियों का सफाया किया. ऐसी ही एक कार्रवाई के दौरान उन्होंने दो आतंकियों को मार गिराया था. ये आतंकी एक साइकिल से भागने की कोशिश कर रहे थे और उन्होंने मेजर पर ग्रेनेड से हमला भी करने का प्रयास किया.
कमोडोर अभिलाष टोमी ने 151 दिन में बिना रुके और बिना किसी बाहरी समर्थन के अपने पोत से दुनिया का चक्कर समुद्र मार्ग से लगाया.
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