पुतिन के 'ख़ास' लोगों पर अमरीकी प्रतिबंध(रूसी अधिकारियों और एक बैंक पर)
::::रूस ने प्रतिबंधों के ख़िलाफ़ चेतावनी दी
सरकार की आलोचना करने वाली कई वेबसाइटों पर रूस ने लगाया प्रतिबंध
शुक्रवार, 21 मार्च, 2014 को 03:01 IST तक के समाचार
क्राइमिया संकट पर अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कई रूसी अधिकारियों और एक बैंक पर और अधिक प्रतिबंधों की घोषणा की है.
ओबामा ने कहा कि उन्होंने रूसी अर्थव्यवस्था से जुड़े कुछ क्षेत्रों पर प्रतिबंध लगाने संबंधी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं."रूस को ये अवश्य समझ लेना चाहिए कि उसके ख़िलाफ़ अगली कोई भी कार्रवाई उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अलग-थलग कर देगी."
बराक ओबामा, अमरीका के राष्ट्रपति
बराक ओबामा का कहना था, "रूस को ये अवश्य समझ लेना चाहिए कि उसके ख़िलाफ़ अगली कोई भी कार्रवाई उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अलग-थलग कर देगी."
उन्होंने कहा कि अमरीका पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन की चिंताओं से वाक़िफ़ है और उस पर नज़र रखे हुए था.
पुतिन के क़रीबियों पर निशाना
ह्वाइट हाउस के एक प्रवक्ता का कहना था कि रूस के ऊपर ताज़ा प्रतिबंधों के तहत ऐसे बीस लोग प्रभावित हुए हैं जिनके हित क्राइमिया से जुड़े हुए हैं. ये सभी लोग रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के विश्वस्त सहयोगी हैं.अमरीकी वित्त मंत्रालय का कहना है कि रूस के बैंक रोसिया को सरकारी अधिकारियों का सहयोग करने के कारण प्रतिबंधित किया गया है.
जिन लोगों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं वो डॉलर में कोई व्यापारिक गतिविधि नहीं कर सकेंगे, अमरीका में मौजूद उनकी सारी संपत्तियां सरकार अपने कब्जे में ले लेगी और ये लोग अमरीका में किसी तरह का व्यापार नहीं कर सकेंगे.
इस बीच, जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल ने जर्मनी की संसद में कहा है कि यदि रूस यूक्रेन में आगे भी हस्तक्षेप जारी रखता है तो यूरोपीय संघ को उसके ख़िलाफ़ आर्थिक प्रतिबंधों को और कड़ा कर देना होगा.
यूरोपीय संघ और अमरीका ने रूसी और यूक्रेनियाई लोगों पर सबसे पहले प्रतिबंध सोमवार को लगाया था जब क्राइमिया के लोगों ने रूस में शामिल होने के लिए हुए जनमत संग्रह के पक्ष में मतदान किया था.
रूस ने प्रतिबंधों के ख़िलाफ़ चेतावनी दी
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई
लावरोव ने अमरीका को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह यूक्रेन के क्राईमिया
में जारी संकट के जवाब में 'जल्दबाजी' में कोई लापरवाही भरा कदम ना उठाए.
अमरीकी विदेश मंत्री जॉन कैरी के साथ फोन पर बातचीत में लावरोव ने कहा कि मॉस्को पर प्रतिबंध लगाना अमरीका को भारी पड़ सकता है.क्राईमिया में रूस समर्थक सैनिकों की उपस्थिति को लेकर रूस और यूक्रेन के बीच तनाव चल रहा है. गुरुवार को क्राईमिया की संसद ने रूस में शामिल होने के पक्ष में मतदान किया था.
चेतावनी
क्राईमिया की संसद ने घोषणा की है कि वह 16 मार्च को क्लिक करें जनमत संग्रह के जरिए पता लगाएगी कि कौन रूस के साथ जुड़ना चाहता है और कौन क्राईमिया में ही रहना चाहता है.रूसी संसद ने क्राईमिया से वादा किया है कि यदि वह रूस का हिस्सा बनने का मत देती है तो वह क्राईमिया के लोगों की मदद करेगा.
रूसी विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि शुक्रवार को जॉन कैरी के साथ फोन पर हुई बातचीत के दौरान लावरोव ने चेतावनी दी कि वे बिना सोचे-समझे कोई कदम ना उठाएं. यदि ऐसा किया गया तो इससे रूस-अमेरिका के संबंधों पर बुरा असर पड़ सकता है.
लावरोव ने कहा कि यूक्रेन संकट से जुड़े होने के कारण अगर रूस पर प्रतिबंध लगाए जाते हैं तो उनका ख़ुद अमरीका पर उल्टा असर पड़ेगा.
पत्रकार को पीटा
"क्राईमिया शहर सेवेस्तोपोल के बाहर ए2355 मिसाइल डिफेंस बेस के गेट को ठोकर मारते हुए एक लॉरी ने अंदर प्रवेश किया. पीछे से लगभग 20 'हमलावर' भी घुसे और बेहोश कर देने वाले हथगोले फेंके."
रक्षा मंत्रालय
समाचार एजेंसी ने आगे बताया कि यूक्रेन के सैन्य दलों ने इमारत में घुसकर ख़ुद को बचाया और इससे पहले कि गोलीबारी होती उनके सेनाध्यक्ष ने बातचीत के जरिए स्थिति पर काबू किया.
स्थल का मुआयना करने वाले बीबीसी के क्रिश्चियन फ्रेज़र ने बताया कि सैन्य अड्डे पर नियंत्रण किए जाने या गेट को जबरन खोलने के कोई संकेत नहीं मिले हैं.
दो पत्रकारों को बुरी तरह पीटा गया. वे घटनास्थल की तस्वीर लेने की कोशिश कर रहे थें.
बाद में यूक्रेन के एक अधिकारी ने 'डेली टेलीग्राफ' को बताया कि 'बातचीत' के बाद गतिरोध खत्म हुआ. इसके बाद रूसी लॉरियों और वहां मौजूद 30 से 60 रूसी सैन्य दलों को वापस बुला लिया गया.
इस बीच किसी तरह की गोलीबारी नहीं हुई.
सरकार की आलोचना करने वाली कई वेबसाइटों पर रूस ने लगाया प्रतिबंध
यूक्रेन में तनाव के बीच क्रेमलिन की स्वतंत्र मीडिया के खिलाफ कार्रवाई
तेज हो गई है और रूस ने सरकार की आलोचना करने वाली कई बेवसाइटों और जाने
माने विपक्षी नेता अलेक्सई नवालनी के एक ब्लॉग पर प्रतिबंध लगा दिया है.संचार
व्यवस्था पर निगरानी रखने वाली सरकारी संस्था रोस्कोमनैदजोर ने बताया कि
ग्रानी डॉट रू, कास्पारोव डॉट रू और येजहेदनेवनी जर्नल (दैनिक समाचार पत्र)
ने उकसावे और अनधिकृत जन समारोहों में भागीदारी को बढ़ावा दिया, जो
गैरकानूनी है.
इसमें कहा गया है कि यह प्रतिबंध प्रॉसिक्यूटर जनरल ऑफिस के आग्रह पर लगाया गया है और अब इंटरनेट प्रदाताओं को ब्लॉक करने के निर्देश दिए जा चुके हैं. कास्पारोव डॉट रू का संचालन विपक्षी दिग्गज और शतरंज चैंपियन गैरी कास्परोव कर रहे हैं.
इसके साथ साथ दो अन्य वेबसाइटों में भी, यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर रूसी सैनिकों के नियंत्रण को लेकर पुतिन सरकार की आलोचना की गई है.
इसमें कहा गया है कि यह प्रतिबंध प्रॉसिक्यूटर जनरल ऑफिस के आग्रह पर लगाया गया है और अब इंटरनेट प्रदाताओं को ब्लॉक करने के निर्देश दिए जा चुके हैं. कास्पारोव डॉट रू का संचालन विपक्षी दिग्गज और शतरंज चैंपियन गैरी कास्परोव कर रहे हैं.
इसके साथ साथ दो अन्य वेबसाइटों में भी, यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर रूसी सैनिकों के नियंत्रण को लेकर पुतिन सरकार की आलोचना की गई है.
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