लापता विमान के पायलट के 'आख़िरी शब्द ...'
लापता विमानः चरमपंथ, अपहरण या ख़ुदकुशी?
मंगलवार, 18 मार्च, 2014 को 09:04 IST तक के समाचार
मलेशियाई अधिकारियों का मानना है कि लापता विमान से ग्राउंड कंट्रोलर को जो आख़िरी शब्द सुनाई दिए थे वो सह-पायलट के थे.
विमान से आख़िरी बार संदेश मिला था कि 'सब ठीक है.
शुभ रात्रि', लेकिन इसके क़रीब 14 मिनट बाद ही विमान एयर ट्रैफिक कंट्रोलर
की स्क्रीन से ओझल हो गया.क्लिक करें विमान की खोज के दायरे को बढ़ाकर दो विशाल हवाई गलियारों तक कर दिया गया है.
कुआलालंपुर से बीजिंग के लिए आठ मार्च को उड़ान भरने वाले इस विमान में 239 लोग सवार थे.
अमरीकी जहाज़
अमरीकी नौसेना का कहना है कि इस क्षेत्र में उसके दो निगरानी विमान हैं और चूंकि खोज अभियान का दायरा काफ़ी बढ़ चुका है, इसलिए निगरानी विमान की तैनाती ही ज़्यादा सही है.
मलेशियाई सरकार से बातचीत के बाद अमरीका ने पश्चिमी आस्ट्रेलिया में अपने एक निगरानी विमान को तैनात किया है, ताकि दक्षिणी हिंद महासागर में जारी खोज में मदद की जा सके.
क्लिक करें मलेशिया एयरलाइंस के इस विमान की तलाश में 26 देशों से मदद मांगी गई है.
आख़िरी संदेश
हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि ये आख़िरी शब्द विमान की निगरानी प्रणाली को बंद करने के पहले सुनाई दिए थे या बाद में. अधिकारियों का मानना है कि विमान की संवाद प्रणाली को जानबूझकर बंद कर दिया गया था.विमान ने आठ मार्च को स्थानीय समय के मुताबिक़ रात 12 बजकर 40 मिनट पर क्लिक करें उड़ान भरी और रात एक बजकर 19 मिनट पर मलेशियाई हवाई क्षेत्र को पार करते ही ये एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के नियंत्रण से बाहर चल गया.
अहमद जौहरी ने कहा, "हमें नहीं पता है कि इसके बाद कब विमान की संचार प्रणाली बंद हो गई." एयर ट्रैफिक कंट्रोलर की स्क्रीन से रात एक बजकर 21 मिनट पर विमान ओझल हो गया. इस समय विमान दक्षिणी चीन सागर के ऊपर था.
मलेशियाई प्रधानमंत्री नजीब रज़ाक ने शनिवार को कहा था कि उपग्रह और रडार से मिले सबूत बताते हैं कि विमान ने रास्ता बदल लिया था और यह क़रीब सात घंटों तक उड़ता रहा.
लापता विमान के पायलट का ब्यौरा
जहारी अहमद शाह (पायलट) |
फारूक अब्दुल हामिद (सह-पायलट) |
उम्र 53 साल | उम्र 27 साल |
मलेशिया एयरलाइंस में 1981 में नियुक्त और 18,000 घंटे तक उड़ान भरने का अनुभव | मलेशिया एयरलाइंस में 2007 में नियुक्त लेकिन सह-पायलट की ज़िम्मेदारी हाल में मिली |
वो ख़ुद को 'एविएशन गीक' या विमानों में दिलचस्पी लेने वाला कहते थे |
करीब 2,700 घंटे तक उड़ान भरने का अनुभव |
मलेशियाई विपक्षी नेता अनवर इब्राहिम के समर्थक, जो फिलहाल जेल में हैं | साल 2011 में दो दक्षिणी अफ्रीकी महिलाओं को कॉकपिट में बुलाकर सुरक्षा नियमों को तोड़ने के आरोपी |
उनके तीन बच्चे और एक पोता भी है | परिवार वालों के मुताबिक़ वो करियर को लेकर गंभीर हैं और धार्मिक हैं |
लापता विमानः चरमपंथ, अपहरण या ख़ुदकुशी?
भारत में होली की वजह से
ज़्यादातर हिंदी और अंग्रेज़ी अख़बारों ने अपने संस्करण नहीं छापे हैं
लेकिन दक्षिणपूर्व एशिया के अख़बारों पर नज़र डालें तो कई समाचार पत्रों ने
मलेशियाई विमान के लापता होने को लेकर कई अहम ख़बरों को सुर्ख़ी बनाया है.
मलेशिया के अख़बार द स्टार ने पहले पन्ने पर एक ख़बर लगाई है जिसका हैडिंग है – टैरर ऑर स्युसाइड. ख़बर बताती है कि क्लिक करें
लापता विमान को लेकर चरमपंथ और अपहरण से लेकर ख़ुदकुशी तक सभी आशंकाओं पर विचार किया जा रहा है.
इसी के साथ बताया गया है कि चोरी के पासपोर्टों पर यात्रा कर रहे ईरानी यात्रियों के बारे में जांच भी सार्वजनिक की जाएगी. ख़ुदकुशीइसी अख़बार ने दूसरी ख़बर में सवाल उठाया है कि जब अमरीका में 9/11 की घटना हुई थी तो लोगों ने अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को मोबाइल से फ़ोन किए थे और विमान के इमारत से टकराने की जानकारी दी थी. मगर जब विमान ने गल्फ़ ऑफ़ थाईलैंड से यू टर्न लिया तब भी विमान के यात्रियों ने ऐसा क्यों नहीं किया और न ही किसी सोशल नेटवर्क पर कोई सूचना पोस्ट की गई. इसी मुद्दे पर मलेशिया की राष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी बरनामा न्यूज़ ने परिवहन मंत्री क्लिक करें दातुक सेरी हिशामुद्दीन के बयान के हवाले से कहा है कि अभी भी विमान के मिलने की उम्मीद है क्योंकि अभी तक किसी आपात संदेश, किसी संगठन की तरफ़ से फ़िरौती या मांग जैसी किसी चीज़ का पता नहीं चला है. खोजबीनली के मुताबिक़ चीन ने 21 उपग्रहों को भी इस खोज अभियान में लगाया है. इसके साथ ही समुद्र में चीन ने 10 जहाज़ और कई विमान खोजबीन में जुटे हैं. जापान के अख़बार जापान टाइम्स ने मलेशियाई विमान को लेकर लिखा है कि लापता विमान की खोज का दायरा उत्तर से दक्षिणी ध्रुव तक फैल गया है. मलेशिया के अनुरोध पर ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिणी हिंद महासागर से कज़ाकिस्तान तक छानबीन की कमान संभाल ली है कैसे ओझल होकर भी घंटों उड़ता रहा मलेशियाई विमान?
क़रीब एक सप्ताह पहले लापता हुए मलेशिया एयरलाइंस के विमान के तलाश अभियान में शामिल देशों की संख्या बढ़कर 25 हो चुकी है.
मलेशियाई प्रधानमंत्री नजीब रज़ाक ने कहा है कि
उपग्रहों से मिले सबूत बताते हैं कि ये विमान राडार से संपर्क टूटने के बाद
करीब सात घंटों तक उड़ान भरता रहा.बोइंग 777 विमान के एक पूर्व पायलट ने मुझे बताया कि हवाई जहाज की निगरानी करने वाली प्रणाली को बंद करना कितना आसान है. ज्यादातर पायलट जानते हैं कि इसे कैसे किया जाता है. हालांकि परंपरागत राडार को विमान की मौजूदगी का एहसास होता रहेगा. पहले बात ये है कि ट्रांसपोंडर, रेडियो और एसीएआरसी जैसी ज्यादातर प्रणालियों में एक "ऑफ" स्विच होता है. किसी ने फ़ोन क्यों नहीं किया!कहां तक पहुंची तलाश
लेकिन अगर आप किसी सिस्टम को बंद करते हैं तो चेतावनी के तौर पर चालक दल के सामने स्क्रीन पर नारंगी रंग की लाइट जलती है. ऐसे में इस बात की संभावना बहुत कम होती है कि एक पायलट के सिस्टम को बंद करने की जानकारी दूसरे को नहीं होगी. ये भी हो सकता है कि पायलट को उस प्रत्येक प्रणाली के बारे में न पता हो जिसके जरिए विमान उपग्रहों को जानकारी भेजते हैं. इस तरह सबकुछ बंद होने के बावजूद विमान संकेत भेज सकता है. हवाई जहाज की प्रणाली को हैक किए जाने की आशंका पर भी विचार किया गया, लेकिन मुझे बताया गया कि इसकी आशंका काफी कम है क्योंकि इस विमान में हैकिंग को रोकने के लिए कई तरह के उपाए किए गए थे. आखिर में, अगर हवाई जहाज जमीन से काफी नीचे उड़ रहा था, और विमान पर सवार लोगों को पता था कि कोई समस्या है, तो किसी ने भी अपने मोबाइल से कॉल करने की कोशिश क्यों नहीं की. विमान के उपकरण के साथ छेड़छाड़: मलेशियाई पीएम
मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब
रज़्ज़ाक़ ने कहा है कि पिछले एक सप्ताह से लापता विमान की तलाश अभी जारी
है. शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विमान
के अग़वा किए जाने की ख़बरों के बीच वो यहीं कहेंगे कि अभी किसी नतीजे पर
पहुंचना मुश्किल है और सभी संभावनाओं की जांच की जा रही है.
रज़्ज़ाक़ ने कहा कि शनिवार की सुबह जांच अधिकारियों ने उन्हें जांच के बारे में तफ़सील से जानकारी दी.उन्होंने कहा कि वह काफ़ी विश्वस्त तरीक़े से यह कह सकते हैं कि विमान में लगे ट्रांसपोर्डर को जानबूझकर बंद कर दिया गया. उनका कहना था, ''हमने जांच का दायरा और बढ़ा दिया है और 14 देश तलाशी अभियान में जुटे हुए हैं.'' प्रधानमंत्री ने कहा कि लापता विमान की जांच अब नए चरण में दाख़िल हो रही है जिसके तहत विमान में सवार यात्रियों और चालक दल के सदस्यों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. ग़ौरतलब है कि मलेशियाई एयरलाइंस का विमान क्लिक करें एम एच 370 पिछले शनिवार को मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर से चीन की राजधानी बीजिंग के लिए रवाना होने के एक घंटे बाद रहस्यमय तरीक़े से रडार स्क्रीन से ग़ायब हो गया था. विमान में 239 लोगइस विमान में पांच क्लिक करें भारतीय, भारतीय मूल के एक कनाडाई नागरिक और चालक दल के 12 सदस्य समेत कुल 239 क्लिक करें लोग सवार थे.क्लिक करें भारत ने जेटलाइनर का पता लगाने के लिए गुरुवार को चार युद्धपोत तैनात किए. लापता मलेशियाई विमान की तलाश करने का अभियान क्लिक करें हिंद महासागर तक विस्तृत कर दिया गया. पिछले सप्ताह ऐसी ख़बरें आई थीं कि विमान शायद अंडमान द्वीप की ओर उड़ा होगा, हालांकि विमान को लेकर रहस्य बना रहा था. एक ख़बर में कहा गया था कि विमान बोइंग 777-200 मलय प्रायद्वीप को पार करते हुए अंडमान द्वीप की ओर से उड़ा होगा. 'लापता होने के बाद भी पांच घंटे तक उड़ा होगा विमान'
बीबीसी को पता चला है कि मलेशिया एयरलाइंस का विमान लापता होने के बाद भी संभवत: पांच घंटे तक उड़ता रहा था.
ऐसा माना जा रहा है कि रडार से सम्पर्क टूटने के बाद भी यह विमान एक उपग्रह प्रणाली को स्वत: संकेत भेज रहा था.बीबीसी के विज्ञान संवाददाता जॉनाथन एमोस का कहना है कि विमान से संकेत तभी भेजे जा सकते हैं जब वह सही-सलामत हो. इसका मतलब यह होगा कि लापता विमान रडार पर दर्ज अपनी आख़िरी स्थिति के बाद भी 1600 किलोमीटर से अधिक दूरी तक उड़ा होगा. तलाश हिंद महासागर मेंमलेशिया के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय नौसेना से बंगाल की खाड़ी में इस विमान की तलाश के लिए मदद मांगी गई है. मलेशिया एयरलाइंस के विमान एम एच 370 ने बीते शनिवार कुआलालम्पुर से बीजिंग के लिए उड़ान भरी थी. विमान में 239 लोग सवार थे. इससे पहले, अमरीकी मीडिया ने ग़ुमनाम अधिकारियों के हवाले से ख़बरों में कहा था कि लापता हुआ विमान वायु यातायात नियंत्रक के सम्पर्क से बाहर होने के कई घंटों बाद तक सिग्नल भेज रहा था. वहीं व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्नी ने पुष्टि की है कि अमरीकी दल लापता विमान की तलाश में अपना ध्यान हटाकर हिंद महासागर पर लगा रहा है क्योंकि कुछ 'नई जानकारी' मिली है. लेकिन उन्होंने इसके बारे में अधिक ब्योरा नहीं दिया. लेकिन मलेशिया ने अमरीका के इस नये दावे पर कोई टिप्पणी नहीं की है. |
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