#Hacking: Is Your E-Mail ID In HACKED DATA BASE?...Want to Check IT?
50 लाख Gmail अकाउंट के पासवर्ड चोरी, चेक करें कहीं आप भी तो इस लिस्ट में शामिल नहीं | Gmail users beware your passwords are not safe anymore
नई दिल्ली, 11 सितम्बर 2014
50 लाख Gmail अकाउंट के पासवर्ड चोरी, चेक करें कहीं आप भी तो इस लिस्ट में शामिल नहीं | Gmail users beware your passwords are not safe anymore
नई दिल्ली, 11 सितम्बर 2014
अगर आप भी Gmail का इस्तेमाल करते हैं और आपको लगता है कि आपका पर्सनल
डेटा, कॉन्टैक्ट्स पूरी तरह सुरक्षित है, तो आप गलत हो सकते हैं.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक हैकरों ने 50 लाख से ज्यादा Gmail अकाउंट
की डिटेल्स और पासवर्ड बिटकॉइन सिक्योरिटी पर लीक कर दिया है. बिटकॉइन
सिक्योरिटी क्रिप्टोकरेंसी में डील करने वाली जानी-मानी रूसी वेबसाइट है.
हालांकि गूगल के प्रवक्ता के मुताबिक ज्यादातर संदिग्ध पासवर्ड ऐसे हैं, जिन्हें गूगल के अलावा बाकी वेबसाइटों से लिया गया है.
ऐसे पता करें कि कहीं आपका Gmail अकाउंट हैक तो नहीं हुआ
अगर आप चेक करना चाहते हैं कि आपके Gmail अकाउंट का पासवर्ड लीक हुआ है या नहीं तो https://isleaked.com/en.php लिंक पर जाएं और अपनी ईमेल आईडी डालें. यदि आपका पासवर्ड लीक हुआ है तो तुरंत अपना पासवर्ड बदलें और यदि लीक लिस्ट में नहीं है तो फिलहाल आपका अकाउंट सुरक्षित हैं.
अगर आप Gmail अकाउंट के लिए बेहतर सिक्योरिटी चाहते हैं तो दूसरे चरण का वेरिफिकेशन करें. गूगल के मुताबिक 'दूसरे चरण के वेरिफिकेशन से गूगल अकाउंट पर सिक्योरिटी की अतिरिक्त लेयर आ जाती है. इसके साथ ही आपके पर्सनल डाटा चोरी होने की संभावना भी काफी कम हो जाती है.'
हालांकि गूगल के प्रवक्ता के मुताबिक ज्यादातर संदिग्ध पासवर्ड ऐसे हैं, जिन्हें गूगल के अलावा बाकी वेबसाइटों से लिया गया है.
ऐसे पता करें कि कहीं आपका Gmail अकाउंट हैक तो नहीं हुआ
अगर आप चेक करना चाहते हैं कि आपके Gmail अकाउंट का पासवर्ड लीक हुआ है या नहीं तो https://isleaked.com/en.php लिंक पर जाएं और अपनी ईमेल आईडी डालें. यदि आपका पासवर्ड लीक हुआ है तो तुरंत अपना पासवर्ड बदलें और यदि लीक लिस्ट में नहीं है तो फिलहाल आपका अकाउंट सुरक्षित हैं.
अगर आप Gmail अकाउंट के लिए बेहतर सिक्योरिटी चाहते हैं तो दूसरे चरण का वेरिफिकेशन करें. गूगल के मुताबिक 'दूसरे चरण के वेरिफिकेशन से गूगल अकाउंट पर सिक्योरिटी की अतिरिक्त लेयर आ जाती है. इसके साथ ही आपके पर्सनल डाटा चोरी होने की संभावना भी काफी कम हो जाती है.'
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