Monday, 17 November 2014

#FD #TAX #SAVING: टैक्स सेविंग एफडी में एक लाख नहीं, अब 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर बचेगा टैक्स

#FD- #TAX #SAVING: टैक्स सेविंग एफडी में एक लाख नहीं, अब 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर बचेगा टैक्स

Nov 18, 2014
टैक्स सेविंग एफडी में एक लाख नहीं, अब 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर बचेगा टैक्स
नई दिल्ली। बैंक में एफडी करके टैक्स सेविंग करने वालों के लिए अच्छी खबर है। वित्त मंत्रालय ने इस राशि की ऊपरी सीमा बढ़ाने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान कोई भी व्यक्ति 1.5 लाख रुपए तक के बैंक एफडी कर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स बेनेफिट ले सकता है। पहले इसकी अधिकतम सीमा एक लाख रुपए थी। यह नोटिफिकेशन 13 नवंबर से लागू हो गया है।
 
 
 
 
 
 
 
बजट में हुई थी घोषणा
 
जुलाई में पेश बजट में वित्त मंत्री ने सेक्शन 80सी के तहत छूट की सीमा को बढ़ा कर 1.5 लाख रुपए करने की घोषणा की थी। जीवन बीमा प्रीमियम और होम लोन के मूलधन की अदायगी के अलावा पीपीएफ, ईएलएसएस, टैक्स सेविंग एफडी, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट आदि में निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत कर से छूट मिलती है। इस बजट की घोषणा से पहले सेक्शन 80सी के तहत एक लाख रुपए के निवेश पर टैक्स से छूट मिलती थी। 
 
चूंकि पीपीएफ एक स्वतंत्र स्कीम है, ऐसे में सरकार ने 19 अगस्त 2014 को इसके लिए अलग नोटिफिकेशन जारी किया है। और अब बैंकों के टैक्स सेविंग एफडी के लिए अलग नोटिफिकेशन जारी किया गया है। यह नया नोटिफिकेशन बैंक टर्म डिपॉजिट स्कीम 2006 के तहत जारी किया गया है।
 
कैसे काम करती है टैक्स सेविंग एफडी
 
फिक्स्ड डिपॉजिट की इस विशेष श्रेणी में निवेश करने पर निवेशक को इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स से छूट मिलती है। बैंक बाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं, "निवेशक को कर बचत का लाभ देने वाली इस एफडी की लॉक-इन अवधि पाँच साल होती है। परिपक्वता से पहले इसमें से निकासी संभव नहीं है। इसके अलावा लोन एगेन्स्ट एफडी) और स्वतः नवीनीकरण जैसी सुविधाएं भी इसमें नहीं मिलतीं।" यह डिपॉजिट बैंक की एक शाखा से दूसरी शाखा को ट्रांसफर किया जा सकता है, लेकिन किसी दूसरे बैंक को नहीं। इसके अलावा इसे गिरवी रख कर लोन भी नहीं लिया जा सकता। 
 
 
शेट्टी आगे कहते हैं, "इसमें निवेश की न्यूनतम राशि विभिन्न बैंकों में अलग-अलग होती है। कुछ मामलों में यह न्यूनतम 10,000 रुपए हो सकता है। कर बचत का लाभ देने वाले इन एफडी से मिलने वाले ब्याज पर आय कर लगता है। इसका मतलब यह है कि इस ब्याज को उस व्यक्ति की टैक्सेबल इनकम (कर-योग्य आय) में जोड़ दिया जाता है।" ध्यान रहे कि आय कर अधिनियम की धारा 80टीटीए में स्पष्ट है कि बचत खाते पर मिला 10,000 रुपए तक का ब्याज कर-मुक्त होता है, न कि एफडी या आरडी पर।

No comments:

Post a Comment