'टिकट', 'रिजर्वेशन', 'ब्लैक ब्यूटी' जैसे कोडवर्ड रखता है इंडियन मुजाहिदीन
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रिमोट वाले खिलौनों से हो सकता है नेताओं पर हमला
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यूपी पुलिस ने जारी किया अलर्ट
नई दिल्ली, 30 मार्च 2014 | अपडेटेड: 23:14 IST
टिकट, रिजर्वेशन, एजेंसी, इलायची, ब्लैक ब्यूटी...इस तरह के करीब 70
कोडवर्ड हैं, जिन्हें इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी देश में हमले के लिए
साजिश रचने के दौरान इंटरनेट पर चैटिंग के दौरान उपयोग करते हैं.पुलिस
सूत्रों ने बताया कि यह खुलासा पिछले सप्ताह गिरफ्तार किए गए इंडियन
मुजाहिदीन के सरगना तहसीन अख्तर उर्फ मोनू से पूछताछ में हुई है. अख्तर को
बम बनाने में विशेषज्ञ उसके सहयोगी जिया उर रहमान उर्फ वकास को राजस्थान के
पास भारत-नेपाल सीमा पर गिरफ्तार किया गया.
एक पुलिस अधिकारी ने नाम न जाहिर होने देने की शर्त पर कहा, 'इस तरह के कोडवर्ड आतंकवादी ईमेल अथवा चैटिंग के दौरान उपयोग करते हैं, जिससे पहचान जाहिर न हो.'
सूत्र ने कहा कि आतंकवादियों के पास हर चीज के लिए कोडवर्ड हैं, चाहे वह अत्याधुनिक हथियार, शहर, राज्य, देश अथवा जांच एजेंसी ही क्यों न हो. इतना ही नहीं, आतंकवादियों को भी गुप्त नाम से पुकारा जाता है.
सूत्र ने कहा, 'दिल्ली को वे शाम, मुंबई को गांव, पुणे को मेट्रो, गुजरात को जेजु और इंडिया को इंड के नाम से बुलाते हैं.'
इसी तरह एजेंसी के नाम रखे गए हैं. पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस को 'एजेंसी', भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी को 'NI', सिमी को 'ब्लैक ब्यूटी' और अलकायदा को 'वाघ' नाम से बुलाया जाता है.
इसी तरह कुछ अन्य मजेदार कोड वर्ड हैं. पिस्तौल के लिए 'टिकट' या 'चालू', विस्फोटक के लिए 'कालुंगी', एके-47 के लिए 'रिजर्वेशन' और डेटोनेटर के लिए 'इलायची' शब्द का प्रयोग किया जाता है.
सूत्र ने बताया कि इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक सदस्यों में से एक इकबाल भटकल को 'बेबू', उसके भाई रियाज भटकल को 'चाटा' नाम दिया गया है. इसी तरह पिछले साल अगस्त में राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया गया यासीन भटकल को 'जेजे' या 'टीबी' नाम दिया गया है. यानी इन दिनों न्यायिक हिरासत में है.
इसी तरह पुलिस को यह जानकारी देने वाले और हाल में गिरफ्तार किए गए तहसीन अख्तर को 'हास' या 'हाजिस' नाम दिया गया है, जबकि उसके साथी रहमान को 'जाद' नाम से पुकारा जाता है.
एक पुलिस अधिकारी ने नाम न जाहिर होने देने की शर्त पर कहा, 'इस तरह के कोडवर्ड आतंकवादी ईमेल अथवा चैटिंग के दौरान उपयोग करते हैं, जिससे पहचान जाहिर न हो.'
सूत्र ने कहा कि आतंकवादियों के पास हर चीज के लिए कोडवर्ड हैं, चाहे वह अत्याधुनिक हथियार, शहर, राज्य, देश अथवा जांच एजेंसी ही क्यों न हो. इतना ही नहीं, आतंकवादियों को भी गुप्त नाम से पुकारा जाता है.
सूत्र ने कहा, 'दिल्ली को वे शाम, मुंबई को गांव, पुणे को मेट्रो, गुजरात को जेजु और इंडिया को इंड के नाम से बुलाते हैं.'
इसी तरह एजेंसी के नाम रखे गए हैं. पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस को 'एजेंसी', भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी को 'NI', सिमी को 'ब्लैक ब्यूटी' और अलकायदा को 'वाघ' नाम से बुलाया जाता है.
इसी तरह कुछ अन्य मजेदार कोड वर्ड हैं. पिस्तौल के लिए 'टिकट' या 'चालू', विस्फोटक के लिए 'कालुंगी', एके-47 के लिए 'रिजर्वेशन' और डेटोनेटर के लिए 'इलायची' शब्द का प्रयोग किया जाता है.
सूत्र ने बताया कि इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक सदस्यों में से एक इकबाल भटकल को 'बेबू', उसके भाई रियाज भटकल को 'चाटा' नाम दिया गया है. इसी तरह पिछले साल अगस्त में राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया गया यासीन भटकल को 'जेजे' या 'टीबी' नाम दिया गया है. यानी इन दिनों न्यायिक हिरासत में है.
इसी तरह पुलिस को यह जानकारी देने वाले और हाल में गिरफ्तार किए गए तहसीन अख्तर को 'हास' या 'हाजिस' नाम दिया गया है, जबकि उसके साथी रहमान को 'जाद' नाम से पुकारा जाता है.
रिमोट वाले खिलौनों से हो सकता है नेताओं पर हमला
यूपी पुलिस ने जारी किया अलर्ट
चुनावी रैलियों, जनसभाओं, नेताओं और धार्मिक स्थलों
पर रिमोट वाले खिलौनों से भी आतंकी हमला कर सकते हैं। इस संबंध में यूपी
पुलिस ने अलर्ट जारी किया है।
खुफिया विभाग के सूत्रों के मुताबिक, पुलिस जनसभाओं और चुनावी रैलियों में मेटल डिटेक्टर, बम निरोधक स्क्वायड और कई अन्य चेकिंग प्रक्रियाओं से सुरक्षा सुनिश्चित कर लेती है। अब खतरा रिमोट वाले खिलौने से बताया जा रहा है।
चूंकि रिमोट वाले खिलौनों को पकड़ पाना आसान नहीं है। कई उड़ने वाले खिलौने (हेलीकॉप्टर, हवाई जहाज) ऐसे भी बाजार में हैं, जो काफी दूर तक आसानी से उड़कर चले जाते हैं। इसलिए रिमोट वाले खिलौनों की दुकानों पर विशेष चेकिंग की सख्त हिदायत दी गई है।
खुफिया विभाग के सूत्रों के मुताबिक, पुलिस जनसभाओं और चुनावी रैलियों में मेटल डिटेक्टर, बम निरोधक स्क्वायड और कई अन्य चेकिंग प्रक्रियाओं से सुरक्षा सुनिश्चित कर लेती है। अब खतरा रिमोट वाले खिलौने से बताया जा रहा है।
चूंकि रिमोट वाले खिलौनों को पकड़ पाना आसान नहीं है। कई उड़ने वाले खिलौने (हेलीकॉप्टर, हवाई जहाज) ऐसे भी बाजार में हैं, जो काफी दूर तक आसानी से उड़कर चले जाते हैं। इसलिए रिमोट वाले खिलौनों की दुकानों पर विशेष चेकिंग की सख्त हिदायत दी गई है।
खिलौनों की दुकानों की विशेष चेकिंग शुरू
इन खिलौनों का आतंकी या अराजक तत्व हमले के लिए
इस्तेमाल कर सकते हैं। इस अंदेशे के चलते यूपी पुलिस ने सभी जिलों में
खुफिया विभाग को अलर्ट किया है।
सीओ एलआईयू कमलेश बहादुर ने बताया कि खिलौनों की दुकानों की चेकिंग कराई गई है। जनपद में इस तरह की खिलौनों की संख्या ना के बराबर है। लेकिन दिल्ली से ऐसे खिलौने लाए जा सकते हैं, इसलिए दिल्ली से सटे बार्डर एरिया में चेकिंग की हिदायत दी गई है।
बता दें कि यह साफ हो चुका है कि चुनावी रैलियां, कई राजनीतिक पार्टियों के कद्दावर नेता और धार्मिक स्थल इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के आतंकियों के निशाने पर हैं। कुछ आतंकी गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं, मगर अभी भी कुछ आतंकी नहीं पकड़े गए हैं, जिनसे खतरा बना हुआ है।
सीओ एलआईयू कमलेश बहादुर ने बताया कि खिलौनों की दुकानों की चेकिंग कराई गई है। जनपद में इस तरह की खिलौनों की संख्या ना के बराबर है। लेकिन दिल्ली से ऐसे खिलौने लाए जा सकते हैं, इसलिए दिल्ली से सटे बार्डर एरिया में चेकिंग की हिदायत दी गई है।
बता दें कि यह साफ हो चुका है कि चुनावी रैलियां, कई राजनीतिक पार्टियों के कद्दावर नेता और धार्मिक स्थल इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के आतंकियों के निशाने पर हैं। कुछ आतंकी गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं, मगर अभी भी कुछ आतंकी नहीं पकड़े गए हैं, जिनसे खतरा बना हुआ है।
खिलौनो के अलावा यह भी अस्त्र
रिमोट वाले खिलौनों के अलावा गैस वाले गुब्बारे भी
खतरनाक हो सकते हैं। खुफिया विभाग के सूत्रों ने बताया कि हालांकि गैस के
गुब्बारों के बारे में कोई स्पेसेफिक अलर्ट नहीं है, लेकिन फिर भी गैस के
हवा में उड़ने वाले गुब्बारों पर नजर रखी जा रही है।
क्योंकि गुब्बारों में हाइड्रोजन गैस भरी होती है, जिनमें आग के संपर्क में आने से आग लग सकती है, जो खतरनाक साबित हो सकती है।
इसलिए गैस वालों गुब्बारे बेचने वाले फेरीवालों को भी जांच के घेरे में लाया जाएगा। सीओ एलआईयू कमलेश बहादुर ने बताया कि खिलौनों की दुकानों की चेकिंग कराई गई है। इसके बावजूद फिर से कराई जाएगी। साथ गुब्बारे वालों की भी चेकिंग होगी।
क्योंकि गुब्बारों में हाइड्रोजन गैस भरी होती है, जिनमें आग के संपर्क में आने से आग लग सकती है, जो खतरनाक साबित हो सकती है।
इसलिए गैस वालों गुब्बारे बेचने वाले फेरीवालों को भी जांच के घेरे में लाया जाएगा। सीओ एलआईयू कमलेश बहादुर ने बताया कि खिलौनों की दुकानों की चेकिंग कराई गई है। इसके बावजूद फिर से कराई जाएगी। साथ गुब्बारे वालों की भी चेकिंग होगी।
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