Tuesday 1 April 2014

चीनः सरकार के ख़िलाफ़ मुकदमा दायर करने वाला पहला समलैंगिक :::: Read More About- China Red Revolution: How China kill human rights "Tiananmen Square Protests of 1989 Story"

चीनः सरकार के ख़िलाफ़ मुकदमा दायर करने वाला पहला समलैंगिक

::::

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 China Red Revolution: How China kill human rights

 "Tiananmen Square Protests of 1989 Story"


जियांग
चीन के हुनान प्रांत के एक समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ता 19 वर्षीय जियांग जिआहन ने अपने दृढ़ संकल्प की बदौलत चीन की सरकार को अदालत में घसीटा है.
उनके इस कदम की वज़ह से उन्हें चीन का डॉन करार दिया जा रहा है.
हुनान सरकार के नागरिक मामलों के विभाग ने उनके समलैंगिक अधिकार संगठन को रजिस्टर करने से मना कर दिया है. उन्होंने इस निर्णय को चुनौती दी है.
चीन के समलैंगिक समुदाय द्वारा इस पर खुला विरोध जाहिर किया गया है. इस बात ने उन्हें मीडिया की सुर्खियों में ला दिया है.
चीन में 1997 तक समलैंगिकता ग़ैर-क़ानूनी था और 2001 तक इसे मानसिक विकृति के रूप में परिभाषित किया जाता रहा है.

लामबंदी

इस बात ने सतारूढ कम्युनिस्ट पार्टी की सहिष्णुता के प्रति जनता की राय को लामबंद होने का मौका दिया है.
हुनान सरकार के ख़िलाफ़ मानहानि का मुकदमा दायर किए जाने के बाद सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने उनके अभियान के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट दी है.
मुकदमा दायर किए जाने के बाद उनको अपने अभियान में अभूतपूर्व समर्थन मिल रहा है.
बीबीसी के साथ एक साक्षात्कार में जियांग जिआहन ने कहा कि हुनान सरकार के पीछे हटने की संभावना कम है लेकिन वह लड़े बिना हार नहीं मानेंगे.
उन्होंने कहा, "माफी सिर्फ मेरे लिए नहीं, बल्कि चीन में सैकड़ों समलैंगिक पुरुषों और महिलाओं के लिए है."
हुनान सरकार के द्वारा संगठन को रजिस्टर करने से मना करने के बाद जियांग जिआहन ने प्रांतीय राजधानी चांग्शा में मुकदमा दायर किया है.

चीनी संस्कृति

समलैंगिक विरोध प्रदर्शन
हुनान सरकार ने अपने लिखित उत्तर की प्रति में कहा है कि समलैंगिकता के लिए पारंपरिक चीनी संस्कृति में कोई स्थान नहीं था. "आध्यात्मिक सभ्यता का निर्माण" आधुनिक चीन में एक तकिया कलाम है जिसके बारे में लोगों को लगता है कि यह पार्टी का संदेश है.
जियांग ने कहा, "मेरा मानना है कि सरकार ने (उत्तर में) जो कहा है वो चीन में समलैंगिक और समलैंगिक समुदाय की प्रतिष्ठा को धक्का पहुंचाने वाला है और मैं चाहता हूँ वे एक लिखित माफ़ीनामा जारी करे."
वह यह भी चाहते हैं कि सरकार उनके संगठन को रजिस्टर नहीं करने के अपने निर्णय को वापस ले और एक ग़ैर सरकारी संगठन के रूप में उनके समूह का पंजीकरण करे.
ग़ैर-सरकारी संगठन के रूप में पंजीकरण से उनका संगठन क़ानूनी रूप से दान प्राप्त कर सकेगा और कर छूट भी ले सकेगा.
चीन में पहले से ही कुछ ग़ैर-सरकारी संगठन समलैंगिकों के अधिकारों के संरक्षण के लिए काम कर रहे है लेकिन वे समलैंगिक संगठन के नाम पर नहीं चल रहे है.

पहला संगठन

समलैंगिक विरोध
अगर जियांग का संगठन पंजीकृत होता है तो यह समलैंगिकों के अधिकार पर काम करने वाला चीन का पहला पंजीकृत ग़ैर-सरकारी संगठन होगा.
विश्लेषकों का कहना है, जियांग का हाइ प्रोफाइल विरोध चीन में समलैंगिकता के प्रति दृष्टिकोण बदलने का एक संकेत है.
जियांग निश्चिंत है. उन्होंने कहा, "यह लंबे वक़्त तक चलने वाली एक लड़ाई है. हम क़ानून के माध्यम से समलैंगिक और समलैंगिक अधिकारों की रक्षा और अपने संगठन को रजिस्टर करने के लिए सरकार को प्रोत्साहित करने का प्रयास करते रहेंगे. "
"मैं आश्वस्त हूँ कि समलैंगिकों को पूरी तरह से चीन में स्वीकार किया जाएगा भले ही ऐसा करने में 20, 30 या 50 साल लग जाएँ."

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