Cobrapost-Sting: On Demolition of Babri Masjid :::: स्टिंग में दावाः योजनाबद्ध था बाबरी मस्जिद ढहाना :::: रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़े 23 बड़े नेताओं ने उसके प्रतिनिधि से बातचीत में यह खुलासा ::::
यूं रची थी साजिशस्टिंग में दावाः योजनाबद्ध था बाबरी मस्जिद ढहाना
Fri, 04 Apr 2014 07:20 AM (IST)
और जानें : sting operation |
Ram Janambhoomi movement |
demolition of Babri Masjid |
6 December 1992 |
elaborately planned |
Sangh parivar |
Cobrapost |
claims |
Sakshi Maharaj |
Acharya Dharmendra |
Uma Bharti |
Mahant Vedanti |
Vinay Katiyar |
L K Advani |
Kalyan Singh |
former Congress PM |
P V Narasimha Rao |
|
भाजपा ने कोबरापोस्ट के इस स्टिंग को प्रायोजित बताते हुए इसे कांग्रेस की साजिश करार दिया है। भाजपा ने चुनाव आयोग से मांग की है कि इस पर तुरंत कार्रवाई की जाए। भाजपा ने कहा कि कोबरापोस्ट नाम के एक एनजीओ ने प्रायोजित स्टिंग किया है। भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहाकि पार्टी ने चुनाव आयोग से कहा है कि चुनाव से पहले इस तरह के प्रचार-प्रसार पर तुरंत रोक लगाई जाए अन्यथा सांप्रदायिक माहौल बिगड़ सकता है।
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि चुनाव के समय इस तरह मुद्दे हमेशा से ही उठते रहे हैं। सामाजिक मुद्दे को राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए। वहीं राजद नेता लालू यादव ने कहा कि जो भी स्टिंग हुआ है, वह सही हुआ है।
कोबरा पोस्ट के स्टिंग 'ऑपरेशन जन्मभूमि' के मुताबिक, साजिश को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कारसेवकों की सेवाएं ली गई थी। इसके लिए बकायदा योजना बनाई गई थी, जिसकी जानकारी भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, तब यूपी के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह और तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भी थी।
कोबरा पोस्ट का दावा है कि उसके एसोसिएट एडिटर के. आशीष ने अयोध्या, फैजाबाद, टांडा, लखनऊ, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद, जयपुर, औरंगाबाद, मुंबई और ग्वालियर का दौरा कर रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़े बड़े नेताओं से बात की, जिसे गोपनीय रूप से रिकॉर्ड भी किया गया।
जिन लोगों से बात की गई उनमें साक्षी महाराज, आचार्य धर्मेंद्र, उमा भारती, महंत वेदांती और विनय कटियार भी शामिल हैं।
मालूम हो, भाजपा अब तक दावा करती रही है कि 06 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद का ढहाया जाना महज एक घटना थी। वहां मौजूद कारसेवक बेकाबू हो गए और उन्होंने इसे अंजाम दे दिया।
स्टिंग ऑपरेशन के मुताबिक, कई माह तक योजना बनाई गई थी। लोगों को सैन्य अभियान की तर्ज पर प्रशिक्षित किया गया था। साजो-सामन निश्चित स्थानों तक पहुंचाए गए थे।
मौत के बाद ही उग्र होगा आंदोलन
रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़े उक्त नेताओं ने विस्तार से बताया कि किस तरह पूरी साजिश को अंजाम दिया गया। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि 1990 में कार सेवकों पर फायरिंग के लिए पुलिस को उकसाया गया, क्योंकि बड़े नेताओं का मानना था कि जब तक कुछ हिंदुओं की मौत नहीं होगी, आंदोलन उग्र नहीं हो सकेगा।
यूं रची थी साजिश
- जिन कार्यकर्ताओं को साजिश में शामिल किया गया था, उन्हें बाबरी ढहाने के एक माह पहले ही इस बारे में बताया गया।
- गुजरात में सर्खेज नामक स्थान पर बजरंग दल ने जून 1992 में 38 सदस्यों का विशेष प्रशिक्षण शिविर लगाया था।
- जिन लोगों ने वहां प्रशिक्षण दिया था, वे सेना से रिटायर थे।
- बाद में विश्वहिंदू परिषद के शीर्ष नेताओं ने इन 38 लोगों से मुलाकात कर इनकी टीम को 'लक्ष्मण सेना' नाम दिया था।
- यदि यह योजना किसी कारणवश नाकाम रहती तो प्लान बी भी तैयार था।
- प्लान बी के तहत शिवसेना के लोग डायनामाइट से ढांचा गिराने की फिराक में थे।
- इसके भी फेल होने पर पेट्रोल बम से विवादित ढांचे को गिराने का प्लान था।
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