Watch- इसरोः मुख्य लिक्विड इंजन टेस्ट फायरिंग सफल, अंतरिक्ष में भारत को मिली बड़ी कामयाबी, 24 को मंगल की कक्षा में प्रवेश करेगा मार्स ऑर्बिटर
इसका मकसद स्पेसक्राफ़्ट की गति को
धीमा करना है ताकि ये मंगल ग्रह के गुरुत्वाकर्षण में खिंचा चला जाए और उस
की कक्षा में स्थापित हो सके.
इसरो ने बताया कि स्पेसक्राफ़्ट के 'मैन लिक्विड इंजिन' के कार्य-निष्पादन (परफ़ोरमेंस) की तसदीक के लिए स्टार्ट किया गया. इससे मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश की रणनीति में सहायता मिलेगी.
इससे पहले सोमवार सुबह मंगल की थाह लेने जा रहा भारत का महत्वाकांक्षी मंगलयान उसके गुरूत्वाकर्षण क्षेत्र में पहुंच गया है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने सोमवार को ट्विटर पर कहा, "हमारे नेविगेटरों की गणना के मुताबिक मंगलयान मंगल के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में प्रवेश कर गया है."
मंगल से 5.8 लाख किलोमीटर दूर से उसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र शुरू हो जाता है.
इसरो की योजना सोमवार को ही मंगलयान की दिशा सही करने की है और साथ ही उसके तरल ईधन का भी परीक्षण होना है.
दस महीने से सुषुप्त पड़े इस इंजन को करीब चार सेकंड के लिए चालू किया गया.
मंगलयान 24 सितंबर को मंगल की कक्षा में प्रवेश
करेगा और इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के
भी बेंगलूर में इसरो के केंद्र में मौजूद रहने की संभावना है.
भारत अगर अपने मिशन में कामयाब रहता है तो वह मंगल पर सफल मिशन भेजने वाला एशिया का पहला और दुनिया का चौथा देश होगा.
मंगलयान को पिछले साल पांच नवंबर में प्रक्षेपित किया गया था.
भारत ने अपने 'मार्स मिशन' में आज उस वक्त एक बड़ी बाधा पार कर ली जब मंगलयान के इंजन को सफलतापूर्वक चालू कर लिया गया. अब 24 सितंबर यानी बुधवार को 'मार्स ऑर्बिटर' को मंगल की कक्षा में प्रवेश करेगा. मंगल की कक्षा में मंगलयान की एंट्री का काउंट डाउन शुरु हो गया है. स्पीड कम करने के लिए मंगलयान के इंजन को सफलतापूर्वक चालू कर लिया गया है. 24 तारीख से मंगलयान मंगल के चारों तरफ चक्कर लगाना शुरू कर देगा.
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑरगनाइजेशन (इसरो) के वैज्ञानिकों के अनुसार अंतरिक्ष में 300 दिन गुजार चुका मंगलयान अच्छी स्थिति में है. लेकिन मंगल की कक्षा में घुसने के लिए मंगलयान के इंजन को स्टार्ट करना जरूरी था जो पिछले 300 दिनों से बंद पड़ा था.
इंजन को 2 बजकर 30 मिनट पर करीब 4 सेकेंड के लिए फायर किया किया. मुख्य इंजन यानी 440 न्यूटन तरल एपोगी मोटर को फिर से चालू किया गया और उसके साथ 22 न्यूटन वाले सभी आठों इंजन लगभग 4 सेकेंड चालू रखे गए. इससे यान की स्पीड में कमी आई.
मंगलयान के इंजन को पिछले साल 5 नवंबर को मंगल की कक्षा के लिए छोड़ा गया था. मंगल अभियान भारत का पहला अंतरग्रही अभियान है. इसे 5 नवंबर 2013 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) सी-25 की मदद से प्रक्षेपित किया गया था.
मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करने के अहम मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 सिंतबर की सुबह इसरो केंद्र में मौजूद रहेंगे. किसी भी देश ने अपनी पहली कोशिश में मंगल पर विजय नहीं पाई है. भारत अपने पहले प्रयास में ही मंगल की कक्षा के काफी करीब पहुंच चुका है. अब बस इतंजार है 24 सितंबर का जब मंगल पर भारत के फतह की खबर आएगी.
देखिए: 24 सितंबर को मंगलयान कैसे होगा मंगल की कक्षा में स्थापित. खास कार्यक्रम 'मंगल-मय यात्रा'
अहम टेस्ट में कामयाब रहा मंगलयान
Mangalyan, ISRO, Mars
सोमवार, 22 सितंबर, 2014 को 14:55 IST
भारत के मंगलयान का 'मेन लिक्विड इंजिन' सोमवार को चार सेकंड के लिए स्टार्ट किया गया.
इसरो ने ट्वीट कर कहा कि इंजिन को चलाने का परीक्षण सफल रहा.इसरो ने बताया कि स्पेसक्राफ़्ट के 'मैन लिक्विड इंजिन' के कार्य-निष्पादन (परफ़ोरमेंस) की तसदीक के लिए स्टार्ट किया गया. इससे मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश की रणनीति में सहायता मिलेगी.
इससे पहले सोमवार सुबह मंगल की थाह लेने जा रहा भारत का महत्वाकांक्षी मंगलयान उसके गुरूत्वाकर्षण क्षेत्र में पहुंच गया है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने सोमवार को ट्विटर पर कहा, "हमारे नेविगेटरों की गणना के मुताबिक मंगलयान मंगल के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में प्रवेश कर गया है."
मंगल से 5.8 लाख किलोमीटर दूर से उसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र शुरू हो जाता है.
इसरो की योजना सोमवार को ही मंगलयान की दिशा सही करने की है और साथ ही उसके तरल ईधन का भी परीक्षण होना है.
दस महीने से सुषुप्त पड़े इस इंजन को करीब चार सेकंड के लिए चालू किया गया.
मोदी की मौजूदगी
भारत अगर अपने मिशन में कामयाब रहता है तो वह मंगल पर सफल मिशन भेजने वाला एशिया का पहला और दुनिया का चौथा देश होगा.
मंगलयान को पिछले साल पांच नवंबर में प्रक्षेपित किया गया था.
भारत ने अपने 'मार्स मिशन' में आज उस वक्त एक बड़ी बाधा पार कर ली जब मंगलयान के इंजन को सफलतापूर्वक चालू कर लिया गया. अब 24 सितंबर यानी बुधवार को 'मार्स ऑर्बिटर' को मंगल की कक्षा में प्रवेश करेगा. मंगल की कक्षा में मंगलयान की एंट्री का काउंट डाउन शुरु हो गया है. स्पीड कम करने के लिए मंगलयान के इंजन को सफलतापूर्वक चालू कर लिया गया है. 24 तारीख से मंगलयान मंगल के चारों तरफ चक्कर लगाना शुरू कर देगा.
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑरगनाइजेशन (इसरो) के वैज्ञानिकों के अनुसार अंतरिक्ष में 300 दिन गुजार चुका मंगलयान अच्छी स्थिति में है. लेकिन मंगल की कक्षा में घुसने के लिए मंगलयान के इंजन को स्टार्ट करना जरूरी था जो पिछले 300 दिनों से बंद पड़ा था.
इंजन को 2 बजकर 30 मिनट पर करीब 4 सेकेंड के लिए फायर किया किया. मुख्य इंजन यानी 440 न्यूटन तरल एपोगी मोटर को फिर से चालू किया गया और उसके साथ 22 न्यूटन वाले सभी आठों इंजन लगभग 4 सेकेंड चालू रखे गए. इससे यान की स्पीड में कमी आई.
मंगलयान के इंजन को पिछले साल 5 नवंबर को मंगल की कक्षा के लिए छोड़ा गया था. मंगल अभियान भारत का पहला अंतरग्रही अभियान है. इसे 5 नवंबर 2013 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) सी-25 की मदद से प्रक्षेपित किया गया था.
मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करने के अहम मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 सिंतबर की सुबह इसरो केंद्र में मौजूद रहेंगे. किसी भी देश ने अपनी पहली कोशिश में मंगल पर विजय नहीं पाई है. भारत अपने पहले प्रयास में ही मंगल की कक्षा के काफी करीब पहुंच चुका है. अब बस इतंजार है 24 सितंबर का जब मंगल पर भारत के फतह की खबर आएगी.
देखिए: 24 सितंबर को मंगलयान कैसे होगा मंगल की कक्षा में स्थापित. खास कार्यक्रम 'मंगल-मय यात्रा'
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