सिंगल गर्ल चाइल्ड की अब स्नातकोत्तर से पीएचडी तक की पढ़ाई का खर्च यूजीसी उठाएगा:UGC-‘इंदिरा गांधी स्कॉलरशिप फॉर सिंगल गर्ल चाइल्ड’
यूजीसी का तोहफा
27-09-2014
देहरादून: नवरात्र पर ‘देवियों’ को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का खास तोहफा मिला है। अगर आप इकलौती बेटी के अभिभावक हैं तो उसकी पढ़ाई की चिंता करने की जरूरत नहीं। इसकी चिंता अब यूजीसी पर छोड़ दीजिए। स्नातकोत्तर से पीएचडी तक की पढ़ाई का खर्च यूजीसी उठाएगा। यूजीसी ने हाल ही में ‘इंदिरा गांधी स्कॉलरशिप फॉर सिंगल गर्ल चाइल्ड’ का दायरा बढ़ाते हुए इसे स्नातकोत्तर के साथ ही पीएचडी तक बढ़ा दिया है। इसके तहत संस्थान की फीस और अन्य खर्चो के लिए मासिक राशि प्रदान की जाती है।
यूजीसी की 503वीं बैठक 22 सितंबर को दिल्ली में हुई। बैठक में आयोग के अध्यक्ष प्रो. वेद प्रकाश और सदस्यों ने कई अहम फैसले लिए। यूजीसी की ‘इंदिरा गांधी स्कॉलरशिप फॉर सिंगल गर्ल चाइल्ड’ स्कॉलरशिप अब स्नातकोत्तर के साथ ही पीएचडी के लिए भी प्रदान की जाएगी। बताते चलें कि यूजीसी हर साल देशभर से 1200 सिंगल गर्ल चाइल्ड के दायरे में आने वाली बेटियों की स्नातकोत्तर की पढ़ाई का खर्च वहन करता है। स्नातकोत्तर में स्कॉलरशिप के तहत छात्र को संस्थान की फीस के अलावा 2000 रुपये प्रति माह खर्च प्रदान किया जाता है। यह छात्रवृत्ति केवल गैरव्यावसायिक कोर्स के लिए प्रदान की जाती है। छात्रवृत्ति के लिए छात्र को किसी भी मान्यता प्राप्त विवि या महाविद्यालय के संस्थागत माध्यम में प्रवेश लेने के बाद आवेदन करना होता है। दो वर्ष की अवधि में कुल 20 माह मासिक खर्च प्रदान किए जाते है। हालांकि, यूजीसी ने पीएचडी में मासिक खर्च के रूप में कितनी राशि प्रदान की जाएगी, इसका खुलासा नहीं किया है। डीएवी पीजी कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रशांत सिंह का कहना है कि आमतौर पर यूजीसी 16000 रुपये प्रतिमाह फेलोशिप के रूप में प्रदान करती है। संभावना है कि इस स्कॉलरशिप में भी लगभग इतनी ही राशि प्रति माह प्रदान की जाएगी।
‘इंदिरा गांधी स्कॉलरशिप फॉर सिंगल गर्ल चाइल्ड’ के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान में स्नातकोत्तर या पीएचडी में प्रवेश लेने के बाद यूजीसी के निर्धारित आवेदन पत्र पर आवेदन किया जा सकता है। आवेदन के साथ संस्थान से कोर्स में प्रवेश का प्रमाणपत्र, सिंगल गर्ल चाइल्ड होने का शपथपत्र कम से कम एसएडीएम या तहसीलदार स्तर के अधिकारी से हस्ताक्षारित, जन्म तिथि का प्रमाण पत्र, राशन कार्ड की प्रति संलग्न कर यूजीसी को भेजें।
देहरादून: नवरात्र पर ‘देवियों’ को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का खास तोहफा मिला है। अगर आप इकलौती बेटी के अभिभावक हैं तो उसकी पढ़ाई की चिंता करने की जरूरत नहीं। इसकी चिंता अब यूजीसी पर छोड़ दीजिए। स्नातकोत्तर से पीएचडी तक की पढ़ाई का खर्च यूजीसी उठाएगा। यूजीसी ने हाल ही में ‘इंदिरा गांधी स्कॉलरशिप फॉर सिंगल गर्ल चाइल्ड’ का दायरा बढ़ाते हुए इसे स्नातकोत्तर के साथ ही पीएचडी तक बढ़ा दिया है। इसके तहत संस्थान की फीस और अन्य खर्चो के लिए मासिक राशि प्रदान की जाती है।
यूजीसी की 503वीं बैठक 22 सितंबर को दिल्ली में हुई। बैठक में आयोग के अध्यक्ष प्रो. वेद प्रकाश और सदस्यों ने कई अहम फैसले लिए। यूजीसी की ‘इंदिरा गांधी स्कॉलरशिप फॉर सिंगल गर्ल चाइल्ड’ स्कॉलरशिप अब स्नातकोत्तर के साथ ही पीएचडी के लिए भी प्रदान की जाएगी। बताते चलें कि यूजीसी हर साल देशभर से 1200 सिंगल गर्ल चाइल्ड के दायरे में आने वाली बेटियों की स्नातकोत्तर की पढ़ाई का खर्च वहन करता है। स्नातकोत्तर में स्कॉलरशिप के तहत छात्र को संस्थान की फीस के अलावा 2000 रुपये प्रति माह खर्च प्रदान किया जाता है। यह छात्रवृत्ति केवल गैरव्यावसायिक कोर्स के लिए प्रदान की जाती है। छात्रवृत्ति के लिए छात्र को किसी भी मान्यता प्राप्त विवि या महाविद्यालय के संस्थागत माध्यम में प्रवेश लेने के बाद आवेदन करना होता है। दो वर्ष की अवधि में कुल 20 माह मासिक खर्च प्रदान किए जाते है। हालांकि, यूजीसी ने पीएचडी में मासिक खर्च के रूप में कितनी राशि प्रदान की जाएगी, इसका खुलासा नहीं किया है। डीएवी पीजी कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रशांत सिंह का कहना है कि आमतौर पर यूजीसी 16000 रुपये प्रतिमाह फेलोशिप के रूप में प्रदान करती है। संभावना है कि इस स्कॉलरशिप में भी लगभग इतनी ही राशि प्रति माह प्रदान की जाएगी।
‘इंदिरा गांधी स्कॉलरशिप फॉर सिंगल गर्ल चाइल्ड’ के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान में स्नातकोत्तर या पीएचडी में प्रवेश लेने के बाद यूजीसी के निर्धारित आवेदन पत्र पर आवेदन किया जा सकता है। आवेदन के साथ संस्थान से कोर्स में प्रवेश का प्रमाणपत्र, सिंगल गर्ल चाइल्ड होने का शपथपत्र कम से कम एसएडीएम या तहसीलदार स्तर के अधिकारी से हस्ताक्षारित, जन्म तिथि का प्रमाण पत्र, राशन कार्ड की प्रति संलग्न कर यूजीसी को भेजें।
No comments:
Post a Comment