American Court Issues Summons Against PM Modi In Connection With 2002 Gujrat Riot
आमने-सामने प्रशंसक और विरोधी
मोदी जब संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करेंगे तो बिल्डिंग के बाहर सुबह 10 से 11 बजे तक उनके समर्थक अपने नेता के बारे में प्रशंसा करते दिखाई देंगे। इसके बाद 11 से 12 बजे तक मोदी के विरोधी उनके खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करेंगे। ठीक ऐसा ही नजारा मैडिसन स्क्वायर गार्डन के बाहर देखने को मिलेगा। यहां पर भी मोदी के समर्थक और विरोधी अपनी भावनाओं का इजहार करते दिखाई देंगे। हालांकि, यहां पर दोनों समूह एक-दूसरे से दूर अलग-अलग गलियों में नजर आएंगे। बताया जा रहा है कि मोदी समर्थक टाइम्स स्क्वायर पर नजर नहीं आएंगे। इन चीजों के मद्देनजर सुरक्षा के भी सख्त इंतजाम किए गए हैं।
एक सूत्र ने कहा, न्यूयॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट (एनवाईपीडी) के अलावा खुफिया एजेंसियों की नजर इन कार्यक्रमों पर रहेगी। पूरे इलाके को सील किया जाएगा।
27 सितंबर : कुछ प्रमुख देशों के शासनाध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय मुलाकात। (पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात का तय नहीं, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मिलेंगे)।
28 सितंबर : मेडिसन स्क्वायर गार्डन में भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करेंगे। कई जगहों पर इसका सीधा प्रसारण।
28 सितंबर : संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत द्वारा दिए जाने वाले विशेष भोज में शामिल होंगे।
29 सितंबर : वॉशिंगटनडीसी पहुंचेंगे। अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के प्रमुख सदस्यों से मुलाकात करेंगे।
29-30 सितंबर : व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात।
मोदी के खिलाफ अमेरिकी कोर्ट का समन- 21 दिन में जवाब दें, वरना खिलाफ सुना देंगे फैसला
Sep 27, 2014
फोटो: 25 सितंबर को न्यूयॉर्क की अदालत से मोदी को जारी समन की कॉपी।
वॉशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस दिन भारत से अमेरिका रवाना हुए, उसी दिन न्यूयॉर्क की एक अदालत ने उनके खिलाफ समन जारी किया। 2002 के गुजरात दंगा मामले में बतौर मुख्यमंत्री मोदी की भूमिका को
लेकर दायर एक केस में न्यूयॉर्क की अदालत ने यह समन जारी किया है।
प्रधानमंत्री को 21 दिनों के भीतर जवाब देना होगा। अगर तय वक्त के भीतर
जवाब नहीं दिया गया तो उनके खिलाफ 'डिफॉल्ट जजमेंट' सुनाने की बात समन में
कही गई है (ऊपर देखें समन की कॉपी)।
मोदी के खिलाफ याचिका
न्यूयॉर्क के सदर्न डिस्ट्रिक्ट की संघीय अदालत ने मानवाधिकार संगठन अमेरिकन जस्टिस सेंटर (एजेसी) की याचिका पर मोदी के खिलाफ समन जारी किया है। 28 पन्नों की इस याचिका में मोदी पर मानवता के खिलाफ अपराध, हत्याएं, टॉर्चर और दंगा पीड़ितों पर मानसिक और शारीरिक यंत्रणा पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। संगठन ने नरेंद्र मोदी पर कार्रवाई करने के साथ-साथ दंगा पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग की है।
न्यूयॉर्क के सदर्न डिस्ट्रिक्ट की संघीय अदालत ने मानवाधिकार संगठन अमेरिकन जस्टिस सेंटर (एजेसी) की याचिका पर मोदी के खिलाफ समन जारी किया है। 28 पन्नों की इस याचिका में मोदी पर मानवता के खिलाफ अपराध, हत्याएं, टॉर्चर और दंगा पीड़ितों पर मानसिक और शारीरिक यंत्रणा पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। संगठन ने नरेंद्र मोदी पर कार्रवाई करने के साथ-साथ दंगा पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग की है।
जवाब नहीं देने पर हो सकती है कार्रवाई
मोदी के खिलाफ जो समन जारी किया गया है, उसमें कहा गया है कि 21 दिनों के भीतर जवाब दाखिल नहीं करने की सूरत में 'डिफॉल्ट जजमेंट' का इस्तेमाल किया जाएगा। गौरतलब है कि इस तरह के जजमेंट का प्रयोग तब होता है, जब किसी मामले में कोई एक पार्टी तय वक्त के भीतर जवाब नहीं दे पाती है। ज्यादातर मामलों में जब प्रतिवादी समन का जवाब देने में नाकाम रहता है तो फैसला वादी के पक्ष में जाता है।
मोदी के खिलाफ जो समन जारी किया गया है, उसमें कहा गया है कि 21 दिनों के भीतर जवाब दाखिल नहीं करने की सूरत में 'डिफॉल्ट जजमेंट' का इस्तेमाल किया जाएगा। गौरतलब है कि इस तरह के जजमेंट का प्रयोग तब होता है, जब किसी मामले में कोई एक पार्टी तय वक्त के भीतर जवाब नहीं दे पाती है। ज्यादातर मामलों में जब प्रतिवादी समन का जवाब देने में नाकाम रहता है तो फैसला वादी के पक्ष में जाता है।
न्यूयॉर्क स्थित मैडिसन स्क्वायर गार्डन जहां मोदी ऐतिहासिक भाषण देंगे।
अमेरिका में मोदी के समर्थक जहां उनके दौरे को कामयाब बनाने में कोई
कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं वहीं विरोधियों ने भी मोदी के खिलाफ मोर्चा
खोलने की पूरी तैयारी कर रखी है। मोदी 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र
महासभा को संबोधित करेंगे और 28 सितंबर को न्यूयॉर्क स्थित मैडिसन
स्क्वायर गार्डन में ऐतिहासिक भाषण देंगे। इसके बाद वह अमेरिकी
राष्ट्रपति बराक ओबामा
से मुलाकात करेंगे। इन सभी जगहों के बाहर जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन होने
की आशंका है। खास बात यह है कि मोदी के समर्थकों और विरोधियों को अपनी बात
रखने के लिए एक-एक घंटे का वक्त दिया गया है।
आमने-सामने प्रशंसक और विरोधी
मोदी जब संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करेंगे तो बिल्डिंग के बाहर सुबह 10 से 11 बजे तक उनके समर्थक अपने नेता के बारे में प्रशंसा करते दिखाई देंगे। इसके बाद 11 से 12 बजे तक मोदी के विरोधी उनके खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करेंगे। ठीक ऐसा ही नजारा मैडिसन स्क्वायर गार्डन के बाहर देखने को मिलेगा। यहां पर भी मोदी के समर्थक और विरोधी अपनी भावनाओं का इजहार करते दिखाई देंगे। हालांकि, यहां पर दोनों समूह एक-दूसरे से दूर अलग-अलग गलियों में नजर आएंगे। बताया जा रहा है कि मोदी समर्थक टाइम्स स्क्वायर पर नजर नहीं आएंगे। इन चीजों के मद्देनजर सुरक्षा के भी सख्त इंतजाम किए गए हैं।
एक सूत्र ने कहा, न्यूयॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट (एनवाईपीडी) के अलावा खुफिया एजेंसियों की नजर इन कार्यक्रमों पर रहेगी। पूरे इलाके को सील किया जाएगा।
जुटेंगे मोदी समर्थक
मोदी समर्थक न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी के विभिन्न इलाकों से आठ बसों में आएंगे। इसके अलावा शिकागो जैसी दूर की जगहों से भी उनके जुटने की उम्मीद है। इनकी तादाद 600 के करीब होगी। उनके चेहरे पर मोदी का मास्क लगा होगा और उन्होंने जो टीशर्ट पहनी होगी उस पर 'अमेरिका लव्स मोदी' और 'न्यूयॉर्क लव्स मोदी' और 'वी वेलकम मोदी' जैसे स्लोगन लिखे होंगे। आरएसएस के एक समर्थक नारायण कटारिया ने कहा, मोदी के प्रति अपने प्यार का इजहार करने के लिए हम 150 पोस्टर्स और 100 अमेरिकी झंडों का इस्तेमाल करेंगे।
मोदी समर्थक न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी के विभिन्न इलाकों से आठ बसों में आएंगे। इसके अलावा शिकागो जैसी दूर की जगहों से भी उनके जुटने की उम्मीद है। इनकी तादाद 600 के करीब होगी। उनके चेहरे पर मोदी का मास्क लगा होगा और उन्होंने जो टीशर्ट पहनी होगी उस पर 'अमेरिका लव्स मोदी' और 'न्यूयॉर्क लव्स मोदी' और 'वी वेलकम मोदी' जैसे स्लोगन लिखे होंगे। आरएसएस के एक समर्थक नारायण कटारिया ने कहा, मोदी के प्रति अपने प्यार का इजहार करने के लिए हम 150 पोस्टर्स और 100 अमेरिकी झंडों का इस्तेमाल करेंगे।
होगा विरोध भी
मोदी के विरोधी अलाइंस फॉर जस्टिस एंड अकांटिबिलिटी और साउथ एशिया सॉलिडरिटी इनिशिएटीव के तहत जुटेंगे। हालांकि, इनकी तादाद के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है। विरोधी मोदी को काला झंडा दिखाएंगे और इनके हाथों में ऐसे बैनर होंगे जिन पर 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े फोटो होंगे।
मोदी के विरोधी अलाइंस फॉर जस्टिस एंड अकांटिबिलिटी और साउथ एशिया सॉलिडरिटी इनिशिएटीव के तहत जुटेंगे। हालांकि, इनकी तादाद के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है। विरोधी मोदी को काला झंडा दिखाएंगे और इनके हाथों में ऐसे बैनर होंगे जिन पर 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े फोटो होंगे।
26 सितंबर : न्यूयॉर्क के जेएफके हवाई अड्डे पर स्वागत होगा।
27 सितंबर : संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन। अटल बिहारी वाजपेयी के बाद दूसरे भारतीय नेता जो हिंदी में भाषण देंगे।
27 सितंबर : कुछ प्रमुख देशों के शासनाध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय मुलाकात। (पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात का तय नहीं, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मिलेंगे)।
28 सितंबर : मेडिसन स्क्वायर गार्डन में भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करेंगे। कई जगहों पर इसका सीधा प्रसारण।
28 सितंबर : संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत द्वारा दिए जाने वाले विशेष भोज में शामिल होंगे।
29 सितंबर : वॉशिंगटनडीसी पहुंचेंगे। अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के प्रमुख सदस्यों से मुलाकात करेंगे।
29-30 सितंबर : व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात।
No comments:
Post a Comment