After #NGO #Greenpeace:
New Delhi:
In yet another crackdown on NGOs receiving foreign funds, government
has cancelled licences of nearly 9,000 such entities for violation of
Foreign Contribution Regulation Act (FCRA).
In an order, the Home Ministry said that notices were issued to 10,343 NGOs for not filing annual returns for the year 2009-10, 2010-11 and 2011-12.
The notices were served on 16 October, 2014 saying that the NGOs should file their annual returns within a month specifying amount of foreign funds received, sources of such funds, for which purpose it was received and in manner in which such foreign contribution was utilised, according to a Home Ministry notification.
Out of the 10,344 NGOs, only 229 replied. There was no reply from the remaining NGOs leading to cancellation of their registration issued under FCRA, the notification issued yesterday said.
Among the registration cancelled 8,975 NGOs include 510 NGOs against whom notices were sent but returned undelivered. Government earlier had suspended the FCRA licence issued to Greenpeace India and frozen their seven bank accounts for various alleged violation of laws.
The
government last week ordered that funds coming from the US-based Ford
Foundation should not be released by any bank to any Indian NGOs without
mandatory permission from the Home Ministry.
#NGO: बड़ी कार्रवाई: 9000 एनजीओ के पंजीकरण निरस्त, 9000 ngo registration cancelled in India
नई दिल्ली:
विदेश से चंदा लेने वाले गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर एक और कड़ी
कार्रवाई की गई है। इसी क्रम में सरकार ने विदेशी चंदा विनियमन अधिनियम
(एफसीआरए) का उल्लंघन करने वाली 8,975 गैर सरकारी संगठनों के पंजीकरण रद कर
दिए हैं।
गृह मंत्रालय ने अपने एक आदेश में कहा है कि साल 2009-10, 2010-11 और 2011-12 के लिए सालाना रिटर्न नहीं भरने वाले 10,343 एनजीओ को नोटिस जारी किए गए थे। गत वर्ष 16 अक्टूबर को जारी किए गए इन नोटिसों में कहा गया था कि वे एक माह के भीतर अपने-अपने सालाना रिटर्न दाखिल करें। इसमें उन्हें यह भी बताना था कि विदेश से उन्हें कितना चंदा मिला, चंदे का स्रोत और इसे लेने के पीछे उद्देश्य क्या था। साथ ही यह जानकारी भी देनी थी कि एनजीओ ने इस चंदे का क्या उपयोग किया।
रविवार को गृह मंत्रालय से जारी अधिसूचना के अनुसार, 10,343 एनजीओ में से महज 229 ने ही अब तक जवाब दिए हैं। इससे पहले, सरकार ग्रीनपीस इंडिया का एफसीआरए लाइसेंस निरस्त कर चुकी है। साथ ही कथित रूप से कई कानूनों का उल्लंघन करने पर उसके सात बैंकों के खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। गत सप्ताह सरकार ने अपने आदेश में कहा था कि कोई भी बैंक, गृह मंत्रालय से आवश्यक अनुमति लिए बगैर, अमेरिका की फोर्ड फाउंडेशन से प्राप्त होने वाली किसी भी राशि को, किसी भी भारतीय एनजीओ के खाते में जारी नहीं करे।
Indian Govt cancels licenses of nearly 9,000 NGOs receiving foreign funds
Apr 28, 2015 09:00 IST
#BJP #FCRA #Ford #foreign #funds #GreenpeaceIndia #India #NDA
---
9,000 NGOs :After #Greenpeace other 9000 #NGO's r now victim of our Indian governments new development Strategies
i think 98% NGOs R #FRAUD
— Bhupesh Kumar Mandal (@bhupeshmandal) April 28, 2015
In an order, the Home Ministry said that notices were issued to 10,343 NGOs for not filing annual returns for the year 2009-10, 2010-11 and 2011-12.
The notices were served on 16 October, 2014 saying that the NGOs should file their annual returns within a month specifying amount of foreign funds received, sources of such funds, for which purpose it was received and in manner in which such foreign contribution was utilised, according to a Home Ministry notification.
Out of the 10,344 NGOs, only 229 replied. There was no reply from the remaining NGOs leading to cancellation of their registration issued under FCRA, the notification issued yesterday said.
Among the registration cancelled 8,975 NGOs include 510 NGOs against whom notices were sent but returned undelivered. Government earlier had suspended the FCRA licence issued to Greenpeace India and frozen their seven bank accounts for various alleged violation of laws.
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#NGO: बड़ी कार्रवाई: 9000 एनजीओ के पंजीकरण निरस्त, 9000 ngo registration cancelled in India
गृह मंत्रालय ने अपने एक आदेश में कहा है कि साल 2009-10, 2010-11 और 2011-12 के लिए सालाना रिटर्न नहीं भरने वाले 10,343 एनजीओ को नोटिस जारी किए गए थे। गत वर्ष 16 अक्टूबर को जारी किए गए इन नोटिसों में कहा गया था कि वे एक माह के भीतर अपने-अपने सालाना रिटर्न दाखिल करें। इसमें उन्हें यह भी बताना था कि विदेश से उन्हें कितना चंदा मिला, चंदे का स्रोत और इसे लेने के पीछे उद्देश्य क्या था। साथ ही यह जानकारी भी देनी थी कि एनजीओ ने इस चंदे का क्या उपयोग किया।
रविवार को गृह मंत्रालय से जारी अधिसूचना के अनुसार, 10,343 एनजीओ में से महज 229 ने ही अब तक जवाब दिए हैं। इससे पहले, सरकार ग्रीनपीस इंडिया का एफसीआरए लाइसेंस निरस्त कर चुकी है। साथ ही कथित रूप से कई कानूनों का उल्लंघन करने पर उसके सात बैंकों के खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। गत सप्ताह सरकार ने अपने आदेश में कहा था कि कोई भी बैंक, गृह मंत्रालय से आवश्यक अनुमति लिए बगैर, अमेरिका की फोर्ड फाउंडेशन से प्राप्त होने वाली किसी भी राशि को, किसी भी भारतीय एनजीओ के खाते में जारी नहीं करे।
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