Friday, 1 May 2015

#ArunShourie:Arun Shourie tears into Narendra Modi; also targets Arun Jaitley, Amit Shah |अरुण शौरी बोले- मोदीनॉमिक्स फेल, मोदी-शाह-जेटली चला रहे बीजेपी

#ArunShourie:Arun Shourie tears into Narendra Modi; also targets Arun Jaitley, Amit Shah

अरुण शौरी बोले- मोदीनॉमिक्स फेल, मोदी-शाह-जेटली चला रहे बीजेपी

May 02, 2015
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Arun Shourie tears into Narendra Modi; also targets Arun Jaitley, Amit Shah
Arun Shourie was also critical of Prime Minister Narendra Modi on his Pakistan policy. 

NEW DELHI: Former Union minister Arun Shourie tore down the Narendra Modi government on Friday, calling its economic policies directionless while accusing the "trimurti" of Modi, finance minister Arun Jaitley and BJP chief Amit Shah of monopolizing decision-making.

Even as he praised Modi for achievements on the foreign policy front, the member of the Vajpayee cabinet said the economy was being run on the basis of intuition and revelations, and showed lack of the big picture. He said decisions were centralized in the PMO which typically lacked "expertise and talent quotient" and expressed worry over what he saw as choking of institutions such as Central Information Commission and Central Vigilance Commission.

He said the silence of Modi, who was otherwise active in "tweeting business" on issues such as "love jihad" and "ghar wapsi", was sending a wrong message and could disrupt harmony and national security.

Shourie also faulted the Modi dispensation for political management, saying its aggressive plans for expansion and tone was alienating allies, while those within were terrified of speaking their mind.

Shourie's remarks in an interview marked the first attack from somebody who is perceived to be an insider and came amid the build-up to the first anniversary celebrations of the Modi government.

Shourie, who was widely speculated to be on Modi's shortlist for the finance ministry, scorned the finance minister in particular. He said the investment climate had not improved, and the concern of foreign investors about stability and clarity in taxation policy remained unaddressed.

"Government is more concerned about managing headlines than putting policies in place. The situation is like the many unconnected different pieces of a jigsaw puzzle lying in a mess with no big picture in mind about how to put them together," he said.

Shourie said the finance ministry's approach towards FIIs was like that of a bully who retreated and offered a whole lot of concessions after making tax demands. "The bravado lasted two days," he said while reviewing the Modi government's first year in a TV interview.

He was also critical of Jaitley for being lawyerly in his approach towards criticism by noted banker Deepak Parekh. "The government cannot dismiss people like Parekh," he said.

Although Shourie said "he still liked Modi and believed him to be the man who could lead", the former journalist was similarly scathing on the PM too. He suggested that Modi was still in the mode of a chief minister who would focus on large projects and had so far failed to focus on "policies" and "big picture".

Even on foreign policy where he praised Modi for recognizing the challenge of China, Shourie, who started off as a critic of Modi but turned into a supporter, said the policy towards the US was a continuation of improvement of ties under successive governments since the Vajpayee regime and criticized the lack of clarity and contradictory messages to Pakistan. In fact, he said that Modi, like other PMs in the first year of their tenure, had shown the fascination for "out-of-box" methods at the cost of traditional diplomacy.

Modi was also targeted for the domination of the "trimurti", saying people within the party were afraid to tell them the truth and hence the troika was not getting feedback about the reality. He said mistakes were not being investigated, giving the example of Delhi polls.

Shourie termed Modi's decision to wear a monogrammed suit as a critical mistake. "I cannot understand who could have given such a gift to him... and it was inexplicable and incomprehensible that he chose to wear it," he said.

On the minority issue also, the former journalist, who earned the praise of RSS for his attacks on Christian missionaries and Leftist historiography, said Modi's silence on moral issues was troubling. "When a man like Julio Ribeiro speaks in anguish, you have to listen," he said, warning that ISIS was waiting at the doorstep.

He was critical of the government's decision to "force" the land bill when the issue, being on the concurrent list, should have been left to states. Shourie also said the ordinance was unnecessary.

 

 

 

 

अरुण शौरी बोले- मोदीनॉमिक्स फेल, मोदी-शाह-जेटली चला रहे बीजेपी

अरुण शौरी बोले- मोदीनॉमिक्स फेल, मोदी-शाह-जेटली चला रहे बीजेपी
नई दिल्ली. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे अरुण शौरी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। शौरी ने कहा है कि बीजेपी को मोदी,शाह और जेटली की त्रिमूर्ति चला रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए शौरी ने कहा कि देश के आर्थिक हालात को संभालने में मोदीनॉमिक्स फेल होती दिखाई दे रही है। इसके अलावा उन्होंने अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर प्रधानमंत्री द्वारा आंखें मूंद लेने का आरोप भी लगाया। अरुण शौरी ने ये बातें एक अंग्रेजी चैनल से बातचीत में कही हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री और विनिवेश मंत्री रहे शौरी आर्थिक सुधारों के दिशा में प्रमुखता से आवाज उठाते रहे हैं। वाजपेयी सरकार में पार्टी के कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले शौरी मोदी सरकार में फिलहाल हाशिए पर हैं।

सिर्फ हेडलाइंस में बने रहने के लिए काम कर रही है सरकार
मोदी सरकार ने आर्थिक विकास की दर के 8 फीसदी और बहुत जल्द इसके 10 फीसदी के करीब होने के दावे पर भी शौरी बरसे। उन्होंने कहा कि ये सरकार के बड़बोलेपन को दिखाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे दावे कुछ देर के लिए हेडलाइंस तो बन सकते हैं, लेकिन हकीकत में ऐसा संभव नहीं है। उन्होंने दावा किया कि मोदीनॉमिक्स दिशाहीन तरीके से काम कर रही है। शौरी ने कहा कि सरकार के पास दावे हैं लेकिन आर्थिक योजनाओं का कोई खाका नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा दिखाई देता है कि सरकार सिर्फ हेडलाइंस में बने रहने के लिए काम कर रही है ताकि उसकी योजनाओं को मीडिया में जगह मिलती रहे।

सरकार ने अब तक कुछ खास नहीं किया
मोदी सरकार की उपलब्धियों की सूची को खारिज करते हुए शौरी ने कहा कि महंगाई, फिस्कल डेफिसिट, एफडीआई, कोल ब्लॉक और स्पेक्ट्रम नीलामी जैसे मुद्दों पर शौरी ने कहा कि इन चीजों के नतीजे कुछ ऐसे ही आने थे। इसमें सरकार ने कुछ नहीं किया है। मसलन- तेल और गैस की कीमतों में कमी का मसला अंतरराष्ट्रीय मामला है] इसमें सरकार ने कुछ नहीं किया।

मोदी के महंगे सूट पर भी साधा निशाना
शौरी से जब अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के दिल्ली दौरे के दौरान पहने गए मोदी के महंगे सूट को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ''मैं खुद नहीं समझ पा रहा हूं कि उन्हें ऐसा करने और दिखाने की क्या जरूरत थी।'' शौरी ने आरोप लगाया कि आप लाखों का सूट पहन कर गांधीजी का नाम नहीं ले सकते।

 
अट‍ल बिहारी वाजपेयी की सरकार में अहम भूमिका निभाने वाले अरुण शौरी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला. मोदी सरकार की पहली सालगिरह के मौके पर शौरी ने इंटरव्यू दिया. जानिए अरुण शौरी के इंटरव्यू की 10 खास बातें...

1. सरकार अपनी सोच को लेकर स्पष्ट नहीं है. सरकार के पास आइडिया अच्छे हैं, लेकिन उन्हें लागू करने में वो पीछे है. समझ और वायदों तथा प्रोजेक्शन और परफॉर्मेंस में बड़ा गैप है. सरकार को पूरी तरह लो प्रोफाइल रहना चाहिए.

2. मोदी की आर्थिक नीति दिशाहीन है. आर्थिक नीति को लेकर कोई बड़ी तस्वीर नहीं है. आर्थिक नीति पर मोदी का फोकस एक मुख्यमंत्री की तरह है. उन्हें परियोजनाओं की बजाय नीतियों पर ज्यादा फोकस करना चाहिए.

3. मोदी की विदेश नीति सफल है, लेकिन मोदी को नीतियों को जल्दी-जल्दी लागू करना चाहिए. चीन भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. मोदी को और तेज होना पड़ेगा. कोई हमारे लिए इंतजार नहीं करेगा. अमेरिका पहले ही इस बेसब्री को महसूस कर रहा है.

4. पाकिस्तान को लेकर सरकार स्पष्ट नहीं है. हमें पाकिस्तान की तरफ स्थिरता से नजर रखनी चाहिए.

5. निवेश नहीं बढ़ रहा. सरकार इंडिया इंक की चेतावनियों को नजरअंदाज नहीं कर सकती. सरकार को जागने की जरूरत है. निवेशकों को अभी भी उम्मीद है, लेकिन इंडस्ट्रियल सेक्टर मजबूत कदमों का इंतजार कर रहा है. विकास दर के दावे सिर्फ हेडलाइंस में आने के लिए किए जाते हैं और सरकार सिर्फ हेडलाइंस में आने की कोशि‍श करती है.

6. टैक्स व्यवस्था को लेकर कन्फ्यूजन है. सरकार के फैसलों से निवेशक छिटक रहे हैं.

7. भारत को मजदूर व्यवस्था को लेकर सुधार करने की जरूरत है. लैंड बिल पर विवाद नहीं होने देना चाहिए था. बीजेपी ने अपने सहयोगियों को भरोसे में नहीं लिया. मोदी को विपक्ष को भरोसे में जरूर लेना चाहिए था. विपक्ष के सपोर्ट के बिना कोई भी सुधार नहीं किया जा सकता. विपक्ष मोदी के खि‍लाफ एकजुट हो गया है.

8. जरूरी पदों पर वैकेंसी को लेकर हालात भयावह हैं. समझ नहीं आता कि इन पदों को भरा क्यों नहीं गया. इससे महत्वपूर्ण संगठनों को मुसीबत झेलनी पड़ रही है.

9. सरकार को अल्पसंख्यकों का डर दूर करना चाहिए. सरकार अल्पसंख्यकों को भरोसा दिलाने में नाकाम रही है. ईसाई बहुत नाराज हैं. प्रधानमंत्री को सबसे बात करनी चाहिए. मोदी को इन जटिल मुद्दों पर जरूर बोलना चाहिए. उनकी चुप्पी से नैतिक सवाल खड़े होते हैं.

10. मोदी को मोनोग्राम वाला सूट नहीं पहनना चाहिए था. मैं समझ नहीं पाया कि मोदी ने वो सूट क्यों स्वीकार किया. आप गांधी का नाम लेकर ऐसी चीजें नहीं पहन सकते.

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