ममनून हुसैन होंगे पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति
मंगलवार, 30 जुलाई, 2013 को 19:10
पाकिस्तान में ममनून हुसैन नए
राष्ट्रपति चुने गए हैं. 73 वर्षीय ममनून हुसैन पेशे से कपड़ा कारोबारी हैं
और प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के क़रीबी रहे हैं.
उनका जन्म भारत के ऐतिहासिक शहर आगरा में हुआ था
और विभाजन के बाद वे पाकिस्तान चले गए थे. सितंबर में आसिफ अली जरदारी के
पद छोड़ने के बाद ममनून हुसैन राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे.क्लिक करें पाकिस्तान में राष्ट्रपति पद के चुनाव में संसद सदस्य और चार प्रांतों की विधानसभाओं के सदस्य मतदान करते हैं. पाकिस्तान में राष्ट्रपति के पास बहुत ज़्यादा अधिकार नहीं होते.
क्लिक करें पाकिस्तान में मई में हुए आम चुनाव में जीत हासिल करने के बाद पीएमएल-एन के क्लिक करें नवाज़ शरीफ़ प्रधानमंत्री बने थे. नवाज़ शरीफ़ की पार्टी ने पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली और पाकिस्तान के सबसे अधिक आबादी वाले पंजाब प्रांत की एसेंबली में बहुमत प्राप्त किया था.
विवादों भरा कार्यकाल
ज़रदारी ने पूर्व सैनिक शासक परवेज़ मुशर्रफ़ के बाद यह पद ग्रहण किया था. ज़रदारी ने 2010 में पद ग्रहण करते समय कई संवैधानिक सुधार करने के लिए सहमति जताई थी जिसके तहत राष्ट्रपति के कई अधिकारों को प्रधानमंत्री को हस्तांतरित किया जाना शामिल था.
किसी भी नागरिक सरकार के दौरान अपना कार्यकाल पूरा करने वाला पहला राष्ट्रपति होने को ज़रदारी की मुख्य उपलब्धि मानी जा रही है.
ज़रदारी के कार्यकाल के दौरान सेना और न्यायपालिका के संग हुए विवाद चर्चित रहे थे. उनकी सरकार ने तालिबानी घुसपैठ से परेशान पाकिस्तान की बढ़ती हुई क्लिक करें आर्थिक दिक्कतों को दूर करने के लिए कुछ खास प्रयास नहीं किए.
ममनून हुसैन के मन में आगरा का ख़ास मकाम
पाकिस्तान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति क्लिक करें
ममनून हुसैन आगरा का नाम आते ही जज्बाती हो जाते हैं. हो भी क्यों न, इस शहर से उनका पुराना रिश्ता रहा है.
जैसा कि वे ख़ुद कहते हैं- हर इंसान जहाँ पैदा होता है या जहाँ उसकी पढ़ाई होती है, वहाँ से उसका जज़्बाती लगाव होता है."अगर मुझे मौक़ा मिला, तो मैं अपनी ओर से भरपूर कोशिश करूँगा. मेरी पैदाइश आगरा से है, मैं वहाँ से आया था, तो शायद मुझे इसमें शामिल भी किया जाए"
ममनून हुसैन
ममनून हुसैन पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति चुने गए हैं. सितंबर में आसिफ अली जरदारी के पद छोड़ने के बाद ममनून हुसैन राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे.
73 वर्षीय ममनून हुसैन पेशे से कपड़ा कारोबारी हैं और प्रधानमंत्री क्लिक करें नवाज़ शरीफ़ के क़रीबी रहे हैं. उनका जन्म भारत के ऐतिहासिक शहर आगरा में हुआ था और विभाजन के बाद वे पाकिस्तान चले गए थे.
ममनून हुसैन कहते हैं कि प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने तो पहले ही अपना इरादा स्पष्ट कर दिया है कि वे न सिर्फ़ हिंदुस्तान बल्कि सभी पड़ोसी देशों के साथ बेहतर रिश्ते चाहते हैं. क्योंकि वे मानते हैं कि पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते ख़राब करके कोई देश अच्छी तरह से आगे नहीं बढ़ सकता.
यादों का पिटारा
आगरा की यादों में एकाएक खो गए ममनून हुसैन ने बताया, "जब मैं आगरा से पाकिस्तान आया था, तो मेरी उम्र साढ़े आठ साल थी. ज़ाहिर है इंसान जहाँ पैदा होता है, वहाँ से उसका जज्बाती लगाव होता है. मेरे जेहन में बचपन की बहुत सी यादें हैं."
"जब मैं आगरा से पाकिस्तान आया था, तो मेरी उम्र साढ़े आठ साल थी. ज़ाहिर है इंसान जहाँ पैदा होता है, वहाँ से उसका जज्बाती लगाव होता है. मेरे जेहन में बचपन की बहुत सी यादें हैं"
ममनून हुसैन
बातों-बातों में उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में आगरा जाने की इच्छा भी जता दी.
उन्होंने कहा, " मेरा ख्वाहिश होगी कि मैं वहाँ जाऊँ. ताजमहल देखने का उत्साह रहता है. मैं जब पहली बार पाकिस्तान से आगरा गया, तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे मैं ख़्वाब देख रहा हूँ, जब मैंने ताजमहल को देखा."
ममनून हुसैन के जेहन में आगरा के लिए एक ख़ास मकाम है. उनका कहना है कि अगर आगरा के लोग उनके लिए अच्छे जज़्बात रखते हैं, तो उन्हें उनका इंतज़ार करना चाहिए.
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