स्नोडन को पिता से मिलवाना चाहती है एफ़बीआई
बुधवार, 31 जुलाई, 2013 को 16:35
अमरीकी ख़ुफ़िया एजेंसी के फ़रार
कर्मचारी एडवर्ड स्नोडन के पिता का कहना है कि संघीय जांच एजेंसी एफ़बीआई
ने उन्हें अपने बेटे से मिलने के लिए मॉस्को जाने को कहा है लेकिन अभी
उन्हें विस्तृत जानकारी का इंतज़ार है.
अमरीका के इलेक्ट्रानिक निगरानी कार्यक्रम की
जानकारी सार्वजनिक करने वाले एडवर्ड स्नोडन को अमरीकी प्रशासन वापिस लाने
के लिए प्रयासरत हैं.लोनी का कहना है कि अमरीका में उनके बेटे को निष्पक्ष तरीक़े से न्याय मिलने की उम्मीद कम है और अगर स्नोडन की जगह वे होते तो रूस में ही टिके रहते.
अपने बेटे को सच्चा देशभक्त बताते हुए स्नोडन के पिता ने कहा अमरीका के राष्ट्रीय निगरानी कार्यक्रम की जानकारी देकर उसने अमरीकी जनतंत्र को मज़बूती प्रदान की है.
स्नोडन पिछले एक महीने से भी ज़्यादा समय से मॉस्को हवाई अड्डे के ट्राज़िंट क्षेत्र में रह रहे हैं क्योंकि उनके पास यात्रा के लिए ज़रूरी काग़ज़ात नहीं हैं.
बेटे पर गौरवान्वित
रूसी टीवी पर सीधे प्रसारित किए गए इस इंटरव्यू में लोनी ने अपने बेटे को संबोधित करते हुए कहा ''एडवर्ड उम्मीद है तुम ये देख रहे हो. तुम्हारा परिवार ठीक है. हम सभी को तुमसे प्यार है.''''हमें उम्मीद है कि तुम सेहतमंद हो. तुम्हे बहुत जल्दी देखने की कामना करता हूं लेकिन सबसे ज़्यादा ये चाहता हूं कि तुम सुरक्षित रहो. तुम्हे एक सुरक्षित जगह मिले.''
"किसी भी अन्य माता-पिता की तरह जो अपने बच्चों से प्यार करते हैं,मैं भी अपने बेटे से प्यार करता हूं.तुमने जो भी किया है उसके लिए मैं हमेशा तुम्हारा कृतज्ञ रहूंगा"
लोनी स्नोडन,एडवर्ड स्नोडन के पिता
उन्होने कहा कि ''किसी भी अन्य माता-पिता की तरह जो अपने बच्चों से प्यार करते हैं,मैं भी अपने बेटे से प्यार करता हूं. तुमने जो भी किया है उसके लिए मैं हमेशा तुम्हारा कृतज्ञ रहूंगा.''
स्नोडन 23 जून को मॉस्को हवाओई अड्डे पहुंचे थे जहां उन्होने अपने पास उपलब्ध जानकारी सार्वजनिक की थी.उन्होने रूस से ये कहते हुए अस्थायी शरण की मांग की कि वे अततः लैटिन अमरीका जाना चाहते हैं.
स्नोडन ने अमरीकी निगरानी कार्यक्रम की सूचना देकर अमरीका के परंपरागत साथियों और शत्रुओं के लिहाज से कूटनीतिक संकट पैदा कर दिया.
अमरीकी अटॉर्नी जनरल ने आश्वासन दिया है कि अगर रूस स्नोडन को प्रत्यर्पित करता है तो उसे मौत की सज़ा नहीं दी जाएगी लेकिन रूस ने उसे सौंपने की कोई इच्छा ज़ाहिर नहीं की है.
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