Saturday, 3 August 2013

आईएएस दुर्गाशक्ति का निलंबन रद्द कर सकता है केंद्र

आईएएस दुर्गाशक्ति का निलंबन रद्द कर सकता है केंद्र

4 अगस्त 2013 12:28 AM 
centre may cancel the suspension of durgashakti
देश में ईमानदारी के साथ नारी शक्ति की नई पहचान बनीं उत्तर प्रदेश की युवा आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल के निलंबन के मामले में अब नया राजनीतिक मोड़ आ गया है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खुद इस मामले में दखल देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर कह दिया है कि महिला अफसर के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।

साथ ही सोनिया ने अफसरों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करने की बात कही है। सोनिया के मनमोहन को लिखे खत के बाद केंद्र सरकार दुर्गाशक्ति के निलंबन को रद्द करने पर गंभीरता से विचार कर रही है।

केंद्र के इस रुख को देखते हुए इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा रहा कि अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए यूपी सरकार खुद ही दुर्गाशक्ति का निलंबन रद्द कर दे।

केंद्र के पास निलंबन को रद्द करने का पूरा अधिकार
केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री नारायण सामी ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि दुर्गाशक्ति नागपाल के निलंबन पर उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन दिन बीत जाने के बावजूद अब तक कोई रिपोर्ट नहीं भेजी है और केंद्र के पास युवा आईएएस अधिकारी के निलंबन को रद्द करने का पूरा अधिकार है।

नारायणसामी ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की कैडर कंट्रोलिंग अथॉरिटी होने के नाते कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने बीते बृहस्पतिवार को अखबारों और मीडिया की खबरों को देखकर अखिलेश सरकार से नागपाल के निलंबन का कारण और पूरी घटना का ब्यौरा मांगा था।

लेकिन अपने फैसले के पक्ष में अजीबोगरीब तर्क दे रही सपा सरकार ने केंद्र के इस निर्देश की अब तक कोई सुध नहीं ली है। नारायणसामी ने कहा कि कार्मिक विभाग के नियम के मुताबिक अगर नागपाल के निलंबन के पीछे का कारण तर्कसंगत नहीं हुआ तो उनके पास राज्य सरकार के इस फैसले को खारिज करने का पूरा अख्तियार है।

सामी के मुताबिक इसके लिए दुर्गाशक्ति को विभाग के पास अर्जी देनी होगी जिसे तकनीकी तौर पर मेमोरियल कहा जाता है। डीओपीटी आईएएस अधिकारी के निलंबन के कारणों की जांच करेगा। इस क्रम में राज्य सरकार को भी पूरी रिपोर्ट सौंपनी होगी।

निलंबन का सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने से कोई संबंध नहीं
उच्चपदस्थ सरकारी सूत्रों के मुताबिक आईबी की खुफिया रिपोर्ट से भी यह साफ हो गया है कि नागपाल के निलंबन का ग्रेटर नोएडा के गांव में सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने से कोई संबंध नहीं है।

केंद्र को इस बारे में भी कोई शंका नहीं कि यह निलंबन रेत माफिया के दबाव में दिया गया है जिन पर इस महिला युवा अधिकारी ने अपना शिकंजा मजबूत कर लिया था।

लिहाजा डीओपीटी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आगे की कार्रवाई करने का मन बना लिया है। अधिकारी के मुताबिक हालांकि कोई भी कार्रवाई नियमों और उचित प्रक्रिया के तहत ही की जाएगी।

लेकिन केंद्र सरकार उदाहरण कायम करना चाहती है जिससे ईमानदार आईएएस अधिकारियों को अपने सही काम के लिए परेशान नहीं होना पड़े।

दो पत्र और लिखें सोनिया : सपा
सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा है कि सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री को दो पत्र और लिखने चाहिए। एक पत्र उन्हें आईएएस अफसर अशोक खेमका के बारे में लिखना चाहिए, जिनका हरियाणा के सीएम ने तबादला कर दिया था।

वह दूसरा पत्र दो आईएएस अफसरों के बारे में लिखें, जिन्हें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निलंबित कर दिया था। दोनों ही मामलों में जमीन सौदों को लेकर रॉबर्ट वाड्रा का नाम उछला था।

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