नाबालिग बेटी का हुआ अपहरण, परिवार 205 दिन से अनशन पर
शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश), 3 अगस्त 2013 | अपडेटेड: 14:57 IST
शाहजहांपुर में एक परिवार का 205 दिन का अनशन उत्तर प्रदेश की कानून
व्यवस्था के हालात बयां कर रहा है. यहां एक मां अपने मासूम बच्चों के साथ
अपनी अपहृत नाबालिग बेटी की बरामदगी के लिए कलेक्ट्रेट में अनशन पर बैठी
है. बेबस परिवार आत्महत्या करने की बात कर रहा है. उसका कहना है कि उनकी
मौत के जिम्मेदार मुख्यमन्त्री समेत पुलिस और प्रशासन होगा.
कलेक्ट्रेट में डीएम कार्यालय के बाहर बैठे तीन बच्चे और उनकी मां पिछले
205 पांच दिनों से अनशन पर हैं, क्योंकि इन बच्चों की नाबालिग बहन का अपहरण
कर लिया गया है. कई महीने बीत जाने के बाद भी उसकी बरामदगी नहीं की जा
सकी.
मां सिर्फ अपनी उस 14 साल की बेटी पूजा की बरामदगी चाहती है जिसका सात
महीने पहले अपहरण कर लिया गया था.
इस परिवार की 14 साल की बेटी को 9 अक्टूबर 2012 को अगवा कर लिया गया था.
पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ अपहरण का मामला भी दर्ज किया, लेकिन 205 दिन
बीत जाने के बाद भी इनकी बेटी का कोई सुराग नहीं लग सका.
परिवार का आरोप है कि स्थानीय पुलिस सिर्फ खानापूर्ती ही कर रही है. पुलिस की इसी बेरुखी से नाराज ये परिवार अपने बच्चों समेत कलेक्ट्रेट में अपनी बेटी की बरामगी को लेकर डटी हुई है. बेटी मिलने की परिवार की आस अब टूटती नजर आ रही है.
परिवारजनों का कहना है कि अगर पूजा की जल्द ही बरामदगी नहीं की गई तो वे आत्महत्या कर लेंगे, जिसके जिम्मेदार प्रदेश के मुखिया अखिलेश यादव और पुलिस प्रशासन के अधिकारी होंगे.
पूजा की मां आरती ने कहा कि कई दिन हो गये हमें बैठे, हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई. इससे अच्छा तो हम मर जाएं. गरीबों की कोई सुनने वाला नहीं है. मेरी लड़की अभी तक नहीं मिली है, उसका जिम्मेदार प्रशासन है.
ये परिवार पुलिस की चौकी से लेकर डीजीपी और मुख्यमन्त्री तक अपनी गुहार लगा चुका है, लेकिन अभी तक पूजा नहीं मिली है. प्रदेश के मंत्री की मानें तो कानून-व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त है और लड़की की बरामदगी के लिए भी प्रयासरत है, लेकिन बरामदगी होगी भी या नहीं ये उन्हें भी नहीं मालूम. फिलहाल जिले के नए पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच नए सिरे से करने के आदेश दिए हैं.
शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक सैयद वसीम अहमद ने कहा कि यह मामला जब से उनके संज्ञान में आया, वे पूरी तरह प्रयास कर रहा हूं कि लड़की को बरामद किया जाये.
प्रदेश के पिछड़ा वर्ग राज्य मन्त्री राम मूर्ति सिंह वर्मा ने कहा कि पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मामले में लगा है और उन्होंने खुद भी कई बार जाकर उन लोगों की खैर खबर ली है.
समाजसेवी फकीरे लाल भोजवाल का कहना है कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह से फेल है. बड़ी मुश्किल से रिपोर्ट दर्ज हुई. पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही.
परिवार का आरोप है कि स्थानीय पुलिस सिर्फ खानापूर्ती ही कर रही है. पुलिस की इसी बेरुखी से नाराज ये परिवार अपने बच्चों समेत कलेक्ट्रेट में अपनी बेटी की बरामगी को लेकर डटी हुई है. बेटी मिलने की परिवार की आस अब टूटती नजर आ रही है.
परिवारजनों का कहना है कि अगर पूजा की जल्द ही बरामदगी नहीं की गई तो वे आत्महत्या कर लेंगे, जिसके जिम्मेदार प्रदेश के मुखिया अखिलेश यादव और पुलिस प्रशासन के अधिकारी होंगे.
पूजा की मां आरती ने कहा कि कई दिन हो गये हमें बैठे, हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई. इससे अच्छा तो हम मर जाएं. गरीबों की कोई सुनने वाला नहीं है. मेरी लड़की अभी तक नहीं मिली है, उसका जिम्मेदार प्रशासन है.
ये परिवार पुलिस की चौकी से लेकर डीजीपी और मुख्यमन्त्री तक अपनी गुहार लगा चुका है, लेकिन अभी तक पूजा नहीं मिली है. प्रदेश के मंत्री की मानें तो कानून-व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त है और लड़की की बरामदगी के लिए भी प्रयासरत है, लेकिन बरामदगी होगी भी या नहीं ये उन्हें भी नहीं मालूम. फिलहाल जिले के नए पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच नए सिरे से करने के आदेश दिए हैं.
शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक सैयद वसीम अहमद ने कहा कि यह मामला जब से उनके संज्ञान में आया, वे पूरी तरह प्रयास कर रहा हूं कि लड़की को बरामद किया जाये.
प्रदेश के पिछड़ा वर्ग राज्य मन्त्री राम मूर्ति सिंह वर्मा ने कहा कि पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मामले में लगा है और उन्होंने खुद भी कई बार जाकर उन लोगों की खैर खबर ली है.
समाजसेवी फकीरे लाल भोजवाल का कहना है कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह से फेल है. बड़ी मुश्किल से रिपोर्ट दर्ज हुई. पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही.
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