मोदी जी शुक्रिया, मेरा बेटा अब नहीं रहा,
...बेटे के इलाज के लिए PM मनमोहन को पत्र लिखकर आर्थिक मदद मांगी थी लेकिन नहीं मिली।
...PM नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आर्थिक मदद की गुहार लगाई। 10 oct को आर्थिक मदद तो मिली लेकिन 7 oct को मासूम नितिन(9) ने दम तोड़ दिया।
...और उसने इस धनराशि को लौटाने का फैसला किया है।
वाराणसी। आदरणीय प्रधानमंत्री जी, आपकी ओर से की गई आर्थिक मदद के
लिए पूरा परिवार शुक्रिया अदा करता है, लेकिन अब इन रुपयों का क्या होगा,
इसे वापस ले लें, किसी अन्य जरूरतमंद के काम आएगा। क्योंकि, हमारा नितिन अब
नहीं रहा, फिर भी आपने हमारी गुहार पर संज्ञान लिया, ताउम्र हम आपके आभारी
रहेंगे। यह पत्र है वाराणसी के भरत मौर्या का जिन्होंने आर्थिक तंगी की
वजह से अपने नौ साल के बेटे को कैंसर के चलते खो दिया। उनको प्रधानमंत्री
की ओर से मदद तो मिली लेकिन तब तक मासूम नितिन की मौत हो चुकी थी।
छित्तूपुर, लंका निवासी भरत मौर्या के चार बच्चे थे। जिसमें सबसे छोटा बेटा नितिन अब इस दुनिया में नहीं है। नितिन पिछले तीन वर्ष से कैंसर से जूझ रहा था। उसके इलाज में भरत मौर्या के सात-आठ लाख रुपये खर्च हो गए और परिवार आर्थिक रूप से टूट गया। भरत बताते हैं कि जब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। उनसे बेटे के इलाज के लिए पत्र लिखकर आर्थिक मदद मांगी थी लेकिन नहीं मिली। इस बार सितंबर में बच्चे की तबीयत फिर बिगड़ी तो बीएचयू के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया।
उसी वक्त उन्होंने बनारस के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आर्थिक मदद की गुहार लगाई। इस बीच सात अक्टूबर को मासूम नितिन ने दम तोड़ दिया। परिवार अभी नितिन की मौत का गम भुला रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्ताक्षर से जारी हुआ पत्र दस दिसंबर को भरतजी के पास पहुंचा। जिसमें प्रधानमंत्री ने लिखा था कि नितिन के इलाज के लिए डेढ़ लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। मोदी की इस एक पाती को देखकर पूरा परिवार रो पड़ा। ...और उसने इस धनराशि को लौटाने का फैसला किया है।
But I am Happy To see That you help's him.-bhupesh
...बेटे के इलाज के लिए PM मनमोहन को पत्र लिखकर आर्थिक मदद मांगी थी लेकिन नहीं मिली।
...PM नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आर्थिक मदद की गुहार लगाई। 10 oct को आर्थिक मदद तो मिली लेकिन 7 oct को मासूम नितिन(9) ने दम तोड़ दिया।
...और उसने इस धनराशि को लौटाने का फैसला किया है।
Fri, 13 Dec 2014
और जानें : Cash-strapped |
Prime Minister |
Parliamentary Office |
amount refunded |
son's death |
Varanasi |
help |
|
छित्तूपुर, लंका निवासी भरत मौर्या के चार बच्चे थे। जिसमें सबसे छोटा बेटा नितिन अब इस दुनिया में नहीं है। नितिन पिछले तीन वर्ष से कैंसर से जूझ रहा था। उसके इलाज में भरत मौर्या के सात-आठ लाख रुपये खर्च हो गए और परिवार आर्थिक रूप से टूट गया। भरत बताते हैं कि जब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। उनसे बेटे के इलाज के लिए पत्र लिखकर आर्थिक मदद मांगी थी लेकिन नहीं मिली। इस बार सितंबर में बच्चे की तबीयत फिर बिगड़ी तो बीएचयू के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया।
उसी वक्त उन्होंने बनारस के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आर्थिक मदद की गुहार लगाई। इस बीच सात अक्टूबर को मासूम नितिन ने दम तोड़ दिया। परिवार अभी नितिन की मौत का गम भुला रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्ताक्षर से जारी हुआ पत्र दस दिसंबर को भरतजी के पास पहुंचा। जिसमें प्रधानमंत्री ने लिखा था कि नितिन के इलाज के लिए डेढ़ लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। मोदी की इस एक पाती को देखकर पूरा परिवार रो पड़ा। ...और उसने इस धनराशि को लौटाने का फैसला किया है।
But I am Happy To see That you help's him.-bhupesh
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