Monday, 8 December 2014

ट्विटर ने बंद किया आतंकी सरगना हाफिज सईद का एकाउंट | हाफिज सईद ने बनाया नया ट्विटर अकाउंट, भारत को बताया डार्केस्ट डेमोक्रेसी,Read-सईद-वैदिक मुलाकात | twitter suspends mumbai attacks mastermind hafiz saeeds account

ट्विटर ने बंद किया आतंकी सरगना हाफिज सईद का एकाउंट | हाफिज सईद ने बनाया नया ट्विटर अकाउंट, भारत को बताया डार्केस्ट डेमोक्रेसी,Read-सईद-वैदिक मुलाकात
 
twitter suspends mumbai attacks mastermind hafiz saeeds account

नई दिल्ली, 9 दिसम्बर 2014 | 


सस्पेंड होने से पहले हाफिज सईद का ट्विटर एकाउंट
जमात उद दावा के मुखि‍या और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का ट्विटर अकाउंट फिलहाल बंद कर दिया गया है. आपको बता दें कि 'टीवी टुडे नेटवर्क' के मैनेजिंग एडिटर राहुल कंवल ने हाल में कुछ ट्वीट किए थे जिसमें उन्होंने हाफिज सईद के खि‍लाफ अपनी राय रखी थी.
राहुल कंवल के इन ट्वीट्स के बाद ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने हाफिज सईद के खि‍लाफ यह कार्रवाई की. इस तरह सईद का ट्विटर एकाउंट @HafizSaeedJuD अब ‘अकाउंट सस्पेंडेड’ पढ़ा जाएगा. मीडिया में आई कुछ खबरों में कहा गया है कि सईद ने ट्विटर पर एक्ट‍िव होने के लिए दो नए अकाउंट बनाए थे. सईद के प्रवक्ता या जेयूडी के किसी सदस्य की तरफ से इस बारे में फिलहाल कोई बयान नहीं आया है.
पाकिस्तान सरकार की मदद पा रहे सईद ने शुक्रवार को अपने समर्थकों से कहा था कि पाकिस्तानियों को आगे आना चाहिए और भारत से आजादी पाने में कश्मीरियों की मदद करनी चाहिए.
हाफिज ने लाहौर के ऐतिहासिक मीनार-ए-पाकिस्तान मैदान में जेयूडी के एक मजमे को संबोधित करते हुए कहा था, 'यदि अमेरिका की मदद के लिए अफगानिस्तान में भारत सैनिक भेज सकता है तो मुजाहिदीन के पास कश्मीर जाने का और अपने भाइयों की मदद करने का पूरा हक है. कश्मीरी मदद की गुहार लगा रहे हैं और यह हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी अपील का जवाब दें.'
आपको बता दें कि यूएन ने जेयूडी को एक आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है और दिसंबर 2008 में सईद को आतंकवादी घोषित कर दिया था. जून 2014 में अमेरिका ने जेयूडी को लश्कर ए तैयबा का सहयोगी गुट घोषित कर दिया था.
सईद के सिर पर एक करोड़ डॉलर का इनाम है. लेकिन, वह पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है. वह अक्सर रैलियों को भी संबोधित करता है जिसमें नियमित रूप से भारत के खिलाफ भड़काऊ भाषण देता है.
पाकिस्तान ने कहा है कि सईद के खिलाफ कोई मामला नहीं है और इसलिए वह एक पाकिस्तानी नागरिक के रूप में आजाद घूम सकता है. भारत ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी भूमिका को लेकर उससे पूछताछ करने के लिए उसे सौंपे जाने की पाकिस्तान से बार बार मांग की है.

हाफिज सईद ने बनाया नया ट्विटर अकाउंट, भारत को बताया डार्केस्ट डेमोक्रेसी

फोटो- अातंकी हाफिज सईद के नए ट्विटर अकाउंट की तस्वीर।
 
जम्मू. सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद ने सोमवार को नया अकाउंट खोल लिया। @Hafizsaeedjud1 के नाम से बनाए इस अकाउंट में भारत को ‘दुनिया की डार्केस्ट डेमोक्रेसी’ बताया गया है।

सोमवार को ही ट्विटर ने सईद के भारत विरोधी बयानों के कारण उसका अकाउंट सस्पेंड किया था। लेकिन उसने तुरंत ही नया अकाउंट बना लिया। इस पर दिन में 2.54 पर पहला ट्वीट किया, ‘सच्चाई को सस्पेंड नहीं किया जा सकता। हम भारत को बेनकाब करना जारी रखेंगे। ट्विटर को दुनिया की डार्केस्ट डेमोक्रेसी के सामने झुकना नहीं चाहिए।’
 
ऐसे कुछ बयानों के कारण सस्पेंड हुआ था पिछला अकाउंट
भारत पर हमला निश्चित है। कश्मीर को आजाद करवा लेंगे। हम 1971 का बदला लेंगे। और अहमदाबाद गुजरात के पीडितों को न्याय मिलेगा।’

लाहौर रैली के बाद का ट्वीट 
कश्मीर को मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। वह आजाद कश्मीर के लोगों के लिए क्या कर सकती है।’

-सितंबर में जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ के बाद का ट्वीट
 
फाइल फोटो- यह फोटो शनिवार को आए पाकिस्‍तानी अखबार 'नेशन' में छपी है। इसमें हाफिज सईद एक अस्‍पताल में भर्ती मरीज का हालचाल पूछते दिखाया गया है। 
 
हाफिज सईद दी थी चेतावनी- कश्‍मीर मसला हल करें, वरना भारत बर्बाद होगा
26/11 हमलों का मुख्य आरोपी हाफिज सईद हमेशा से भारत विरोधी बयानबाजी करता रहा है। हाल ही में पाकिस्तान में हुई एक रैली में उसने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चेतावनी दी कि कश्‍मीर मसला तत्‍काल हल करें, वरना भारत बर्बाद होगा। रैली में उसने कहा कि अगर कश्‍मीर पर बातचीत के लिए मोदी तैयार नहीं होते, तो भारत के खिलाफ जिहाद छेड़ा जाएगा। कश्मीर राग अलापते हुए उसने कहा, "कश्मीरियों से पाकिस्तानियों का खून का रिश्ता है। वे हमारे भाई हैं। उन्हें हमसे अलग नहीं किया जा सकता।" जम्मू-कश्मीर में हो रहे विधानसभा चुनाव के बारे में उसने कहा, "कश्मीर में हो रहे चुनाव जनमत संग्रह का विकल्प नहीं हो सकते।"

जमात-उद-दावा (जेयूडी) के सरगना और अमेरिका द्वारा घोषित आतंकी (उसने सईद पर दस लाख डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है) हाफिज सईद ने लाहौर में पिछले गुरुवार और शुक्रवार को रैली की थी। शुक्रवार को लाहौर की ऐतिहासिक मीनार-ए-पाकिस्तान में उसने भाषण दिया। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक सईद ने कहा, "जिहाद को आतंकवाद घोषित करने की कोशिशें हो रही हैं।" उसने इजरायल और भारत को पाकिस्‍तान का दुश्‍मन बताया।

सईद ने गुरुवार को भी रैली को संबोधित किया था। उसी दिन कश्‍मीर में चार-चार आतंकी हमले हो गए। हमलावर आतंकी पाकिस्‍तान में प्रशिक्षित और वहीं से आए थे।
 
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फाइल फोटो- राजस्थान से सटे पाकिस्तान के सिंध सूबे के गांव में कुख्यात आतंकवादी हाफिज सईद। 
 
पाकिस्तान सईद को बताता है आजाद नागरिक 
भारत द्वारा लगातार सबूत दिए जाने केे बावजूद पाकिस्तान हाफिज सईद को आजाद नागरिक बताता रहा है। नई दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने इसी साल जुलाई में नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि महज किसी को खुश करने के लिए उसे जेल में नहीं डाला जा सकता। मीडिया की तरफ से बासित से पूछा गया था कि 26/11 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड सईद पर पाकिस्तान सरकार कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।

बासित ने हाफिज सईद और वेद प्रताप वैदिक की मुलाकात को 'दो लोगों की निजी मुलाकात' बताया था। उनका कहना था कि पाकिस्तान सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। बासित से पूछा गया कि क्या सईद-वैदिक मुलाकात की जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को थी तो इसके जवाब में बासित ने कहा, 'मैं इससे वाकिफ नहीं हूं।' 

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फाइल फोटो- मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद से मिलते वेद प्रताप वैदिक
 
सईद-वैदिक मुलाकात पर मचा था बवाल
 
देश के वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक कुछ माह पूर्व पाकिस्तान में हाफिज सईद से मिले थे। इस मुलाकात के बाद देश में हंगामा मच गया था। हालांकि इंटरव्यू में क्या बातें हुईं, यह बाहर नहीं आई। दैनिक भास्कर ने वैदिक की सईद से हुई बातचीत के साथ-साथ मुलाकात पर बरपे हंगामे पर वैदिक का पक्ष प्रकाशित किया था। पढ़ें-
 
हाफिज सईद: मैं आपके लेख पढ़ता रहा हूं और आपके टीवी इंटरव्यू भी मैंने देखे हैं। अपने बारे में थोड़ा और बताइए।
 
वेदप्रताप वैदिक: मैं अखबार और एक न्यूज एजेंसी का संपादक रहा। विदेश नीति और अन्य विषयों पर लगभग दर्जन भर किताबें लिखी हैं। पिछले 50-55 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। आपके देश में पिछले 30-35 साल से बराबर आ रहा हूं। क्या आप मुझे अपने बारे में बताएंगे?
 
सईद: हां, क्यों नहीं। मेरा जन्म मार्च 1948 में हुआ। मेरे माता-पिता भारत से पाकिस्तान आए थे।
 
वैदिक: आप क्या बिहार के हैं, मुहाजिर ?
 
सईद: मेरी मां रोपड़ की थीं और पाकिस्तान आकर उन्होंने मुझे जन्म दिया। इस तरह मेरा भारत से भी संबंध है।
 
वैदिक: यदि भारत से संबंध है तो फिर यह बताइए कि आपने भारत पर ऐसे भयंकर हमले क्यों करवाए?
 
सईद: यह बेबुनियाद इल्जाम है। जब बंबई के ताज होटल की खबर मैंने टीवी पर देखी तो क्या देखा कि दो घंटे के अंदर ही अंदर मेरा नाम आने लगा। बार-बार आने लगा।
 
वैदिक: उसकी कुछ तो वजह होगी?
 
सईद: वजह बस एक ही थी। पिछली सरकार मेरे पीछे हाथ धोकर पड़ी हुई थी। उसका गृहमंत्री रहमान मलिक मेरा दुश्मन था। उसने मुझे जबर्दस्ती गिरफ्तार कर लिया।
 
वैदिक: उनके पास कुछ ठोस सबूत जरूर रहे होंगे?
 
सईद: सबूत वगैरह कोई नहीं थे। उसे सिर्फ अमेरिका की गुलामी करनी थी। सरकार का दिवाला पिट रहा था। मुझे पकड़कर अमेरिका को खुश कर दिया और बड़ी मदद ले ली, लेकिन मैंने अदालत में सरकार को चारों खाने चित कर दिया।
 
वैदिक: ये आपकी अपनी अदालतें हैं। यदि ये अंतरराष्ट्रीय अदालतें होतीं तो कुछ और बात होती। मैं आपसे पूछता हूं कि अल्लाहताला का कोई कानून आप मानते हैं या नहीं ?
 
सईद: क्यों नहीं मानता हूं? मैं तो जिहादी हूं।
 
वैदिक: क्या अल्लाहताला बेकसूरों की हत्या को जायज मान लेगा? उसकी अदालत में आप क्या जवाब देंगे?
 
सईद: मैं जिहादी हूं।
 
वैदिक: मैं तो ‘जिहादे-अकबर’ को मानता हूं। इस ऊंचे जिहाद का मतलब तो मैं यही समझता हूं कि इसमें हिंसा की कोई जगह नहीं है।
 
सईद: आप फिर मुझ पर इल्जाम लगा रहे हैं। मेरा दहशतगर्दी से कोई लेना-देना नहीं है। मैं हिंसा में विश्वास करता ही नहीं। मैं तो शुद्ध सेवा-कार्य करता हूं। मदरसे चलाता हूं, अनाथों की देखभाल करता हूं और देखिए अभी जो वजीरिस्तान से लाखों लोग भाग रहे हैं, उनकी सेवा सरकार से ज्यादा मेरे संगठन के लोग कर रहे हैं। आप चलें, खुद अपनी आंखों से देखें।
 
 
वैदिक: लेकिन आखिर संयुक्त राष्ट्र ने आपके संगठन को गैर-कानूनी क्यों घोषित किया है? अमेरिका ने आपके सिर पर करोड़ों का इनाम क्यों रखा है? भारत सरकार ने आपके खिलाफ ठोस सबूत देकर कई दस्तावेज़ तैयार किए हैं। उन सबका आपके पास क्या जवाब है?

सईद: (थोड़ा उत्तेजित होकर) जवाब क्या है? सारे जवाब मैं दे चुका हूं। क्या मेरे जवाबों से आप संतुष्ट नहीं हैं?

वैदिक: भारत के खिलाफ आप जबर्दस्त नफरत फैलाते हैं। मैंने खुद टीवी पर आपके भाषण सुने हैं।

सईद: और भारत जो हमारे कश्मीरी भाइयों की हत्या करता है, जो बलूचिस्तान और सिंध में दहशतगर्दी फैलाता है, वह कुछ नहीं? अफगानिस्तान को हमारे खिलाफ भड़काता है। 

वैदिक: यह बिल्कुल गलत है। हम उस देश की दोस्ताना मदद करते हैं। हिंदुस्तान की जनता आपके नाम से नफरत करती है। मुंबई के रक्तपात को भुलाना मुश्किल है।

सईद: मैं हिंदुस्तानियों की गलतफहमी दूर करना चाहता हूं।

वैदिक: इसका तो एक ही तरीका है कि आप अपना जुर्म कबूल करें और उसकी उचित सजा मांगें। यह आपकी बहादुरी होगी। आप यह रास्ता नहीं अपना सकते हैं तो माफी मांगे।

सईद: (थोड़ी ऊंची आवाज में) मैंने जब कोई जुर्म ही नहीं किया तो इन सब बातों का सवाल ही नहीं उठता।

सईद: यह बताइए कि यह नरिंदर मोदी कैसा आदमी है? इसका आना समूचे दक्षिण एशिया के लिए खतरनाक नहीं है?

वैदिक: इसमें शक नहीं कि नरेंद्र मोदी बहुत सख्त आदमी हैं, लेकिन मोदी साहब ने अपने चुनाव-अभियान में किसी मुल्क के खिलाफ कुछ नहीं बोला। इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ कुछ नहीं बोला। देखिए, आते  ही उन्होंने अपनी शपथ-विधि में पड़ोसी देशों और खासकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को बुलाया।

सईद: क्या बुलाया? बुलाकर बेइज्जत कर दिया। आपकी विदेश सचिव ने कहा कि मोदी ने मियां नवाज को डांट लगाई?

वैदिक: मैंने मियां नवाज, आपके विदेश मंत्री और विदेश सचिव से भी यह पूछा तो उन्होंने ऐसी किसी बात से साफ इनकार किया। यह तो सिर्फ मीडिया की करतूत है।

वैदिक: हम मानते हैं कि भारत-पाक संबंधों की राह में आप सबसे बड़े रोड़े हैं। जरा संबंध सुधरते हैं कि कोई न कोई आतंकवाद की घटना घट जाती है। 

सईद: मैं बिल्कुल भी रोड़ा नहीं हूं। आपकी यही गलतफहमी दूर करने के लिए मैं एक बार भारत आना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि दोनों मुल्कों के ताल्लुकात अच्छे बनें। हम दोनों मुल्कों की तहजीब एक जैसी है। मैं भारत के किसी बड़े जलसे में भाषण (तकरीर) देना चाहता हूं।

वैदिक: मुझसे पाकिस्तान में लोगों ने कहा कि मोदी साहब पाकिस्तान क्यों नहीं आते। अगर आएं तो क्या आप पत्थरबाजी करवाएंगे? प्रदर्शन करेंगे? विरोध करेंगे?

सईद : (थोड़ा रुककर) नहीं, नहीं, हम उनका स्वागत (इस्तकबाल) करेंगे।
 
उत्तेजित हुआ लेकिन बौखलाया नहीं सईद-
हाफिज सईद के साथ बातचीत के दौरान मुझे इस बात का बहुत आश्चर्य हुआ कि वह मेरे तीखे सवालों से थोड़ा उत्तेजित तो हुआ, लेकिन बौखलाया बिल्कुल भी नहीं। इतना भयंकर आतंकवादी संयमित कैसे रह सका? शुरू-शुरू के पांच-सात मिनट मुझे ऐसा जरूर लगा कि वातावरण बहुत तनावपूर्ण है और कहीं ऐसा न हो कि बात एकदम बिगड़ जाए। अनेक बंदूकधारी कमरे के बाहर और अंदर भी खड़े थे। मैं ऐसे दृश्य अफगानिस्तान में प्रधानमंत्री हफीजुल्लाह अमीन के साथ भी 35 साल पहले देख चुका हूं। घंटे भर की बातचीत में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन तू-तू, मैं-मैं की नौबत नहीं आई। किन्हीं फूहड़ शब्दों का इस्तेमाल नहीं हुआ। सारी बातचीत के बाद मुझे लगता है कि हाफिज सईद का व्यक्तित्व एक पहेली है। बातचीत खत्म होने के बाद वह मुझे कार तक छोड़ने आया। 
 
 


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