भाजपा की घर वापसी: ईरान टीवी
- 11 फरवरी 2015
दिल्ली विधान सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को मिली अप्रत्याशित जीत कई देशों की मीडिया में भी छाई हुई है.
हालाँकि
विदेशी मीडिया में इसे 'आप' की जीत से ज़्यादा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हार के बतौर देखा जा रहा है.भाजपा की "घर वापसी"
चुनाव परिणामों के शुरूआती रुझानों के साथ ही ईरानी समाचार चैनल प्रेस टीवी ने अपने समाचार बुलेटिनों में इसे यह कहते हुए प्रमुखता से प्रसारित करना शुरू किया कि दिल्ली को एक ‘जवान भूतपूर्व टैक्स इंस्पेक्टर’ ने जीत लिया.आप को ‘बेबी पार्टी’ बताते हुए इस ईरानी टीवी का कहना था कि केजरीवाल ने भाजपा की ‘घर वापसी’ वाली सोच को हरा दिया जो वास्तव में ‘सेक्युलर भारतीय मानस’ की जीत है.
समाचार चैनल के मुताबिक़ भाजपा सरकार में ‘अल्पसंख्यकों के साथ सौतेला व्यवहार’ और ‘धर्मांतरण’ जैसे मुद्दे ‘आप’ की जीत की सबसे बड़ी वजह हैं.
प्रेस टीवी संवाददाता शहाना बट्ट के अनुसार ‘आप’ ने भारत को एक सशक्त विकल्प दिया है और वह भी उस समय जब मोदी और भाजपा के सामने कोई नज़र नहीं आ रहा था.
'कश्मीर के बाद दिल्ली'
पाकिस्तान में सबसे ज़्यादा बिकने वाले अख़बार 'डॉन' ने इस चुनाव परिणाम को प्रधानमंत्री मोदी के लिए 'बड़ा धक्का' बताया है.
'मोदी ने की दिल्ली चुनाव में हार स्वीकार' शीषर्क के साथ छपी रिपोर्ट इस बात की तरफ भी इशारा करती है कि भाजपा को राज्यसभा के लिए विधान सभा चुनावों में ज़्यादा से ज़्यादा सीटें जीतने की ज़रूरत है, जिससे सरकार की नीतियों को आगे बढ़ाया जा सके.
एक अन्य अख़बार 'पाकिस्तान टुडे' ने इस जीत को लोकसभा चुनाव में 'मोदी से मात खाये' अरविंद केजरीवाल के लिए 'मिठाई' की तरह बताया है.
पाकिस्तानी टेलीविज़न न्यूज़ चैनल दुनिया पर प्रसारित दोपहर की हेडलाइंस में से एक थी - 'कश्मीर में हार के बाद भाजपा को दिल्ली चुनाव में भी मुँह की खानी पड़ी’.
'हनीमून पीरियड' ख़त्म
'आप' को भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ने वाली पार्टी बताते हुए चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने भी अपनी एक रिपोर्ट में 'मोदी की हार' को प्रमुखता दी है.
कुछ चीनी अख़बार तो पहले से ही भाजपा की हार की आशंका व्यक्त कर रहे थे.
'द हांगकांग कमर्शियल डेली' में कल छपे एक सम्पादकीय के अनुसार दिल्ली में भाजपा की हार के साथ ही मोदी सरकार का 'हनीमून पीरियड' ख़त्म हो जाएगा.
बांग्लादेश और मालदीव के समाचारपत्रों ने भी दिल्ली चुनाव परिणामों को प्रमुखता से जगह दी है.
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