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9 Feb 2015
एचएसबीसी के स्विट्ज़रलैंड स्थित प्राइवेट बैंक ने दुनिया के कई प्रमुख
राजनेताओं, विभिन्न क्षेत्रों की जानी-मानी हस्तियों और अपराधियों को उनके
देशों की सरकारों से कर बचाने या फिर कर की चोरी करने में मदद की थी.
बीबीसी
और कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों को लीक किए गए दस्तावेज़ों के
अनुसार बैंक ने कई खाताधारकों को 'टैक्स की चोरी' में मदद की है.ग़ौरतलब है कि इन अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों में भारतीय अख़बार इंडियन एक्सप्रेस भी शामिल है जिसने कई भारतीय ख़ाताधारकों के भी नाम छापे हैं जिनमें राजनेता और उद्योगपतियों के भी नाम हैं.
एचएसबीसी के स्विटज़रलैंड स्थित निज़ी बैंक पर आरोप है कि उसने अपने खाताधारकों को टैक्स चोरी की सलाह देते हुए बताया कि वो कैसे क़ानून से एक कदम आगे रहें.
मीडिया संस्थानों को मिली जानकारी के अनुसार ये अकाउंट 2007 के हैं और इनमें दुनिया भर के हज़ारों खाताधारकों के नाम हैं.
एचएसबीसी ने माना है कि कुछ लोगों ने बैंक की गुप्त सेवाओं का लाभ उठाते हुए अघोषित अकाउंट खोले थे.
बैंक ने अपनी सफ़ाई में माना कि कई लोगों ने बैंक के नियमों का फ़ायदा उठाया लेकिन बैंक का ये भी कहना है कि उसने अब ये नियम बदल दिए हैं.
माना जा रहा है ये जानकारियां बाहर आने के बाद टैक्स चोरी को लेकर कई देशों में नए क़ानून बन सकते हैं.
आपराधिक जांच शुरू
कर बचाने या कर चोरी में मदद करने के मामले में एचएसबीसी के खिलाफ अमरीका, फ्रांस, बेेल्जियम और अर्जेटीना ने आपराधिक जांच शुरू कर दी है.एचबीसी के अनुसार वह संबंधित अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है.
एसएसबीसी से संबंधित ये मामले जिस समय के हैं, तब बैंक की कमान स्टीफन ग्रीन के हाथों में थी. इसके बाद उन्हें हाउस ऑफ लॉर्ड्स का सदस्य बनाया गया और सरकार में भी पद दिया गया.
स्टीफन ने प्रतिक्रिया देते हुए बीबीसी से कहा है, "मैं एचएसबीसी में अतीत या वर्तमान में हुए बिज़नेस पर कोई टिप्पणी नहीं करुंगा."
एचएसबीसी ने अपने बयान में कहा है, "करों की चोरी या मनी लॉंड्रिंग में एचएसबीसी की बैंकिंग सेवाओं का इस्तेमाल न हो, इसके लिए बैंक ने कई कदम उठाए हैं."
हालांकि विदेशी खाता रखना गैरकानूनी नहीं है लेकिन कई लोग इसका इस्तेमाल अपना धन छिपाने के लिए करते हैं ताकि वे कर से बच सकें.
कर देने से बचने के लिए अन्य उपायों का इस्तेमाल करना अपराध नहीं है. लेकिन कर से बचने के लिए जानबूझ कर अपना पैसा छिपाना ज़रूर गैरकानूनी है.
फ़्रांस, ब्रिटेन में कार्रवाई
फ्रांस के अधिकारियों ने लीक हुई जानकारियों को जांचा-परखा और साल 2013 में ये निष्कर्ष निकाला था कि सूची में जितने फ्रांसीसी शामिल थे उनमें से 99.8 फीसदी नाम संभवतः कर चोरी के दोषी थे.दस्तावेज में लगभग 7,000 ब्रितानी खाताधारकों में कर की चारी करने वाले 1100 लोगों की पहचान कर ली गई है पर पाँच साल के बाद केवल एक ही व्यक्ति पर मुकदमा चल रहा है.
फ्रांस के जाने माने अखबार 'ली मांडे' को लीक दस्तावेज़ों के हजारों पन्ने मिले हैं.
संयुक्त छानबीन के तहत ज़रूरी दस्तावेजों को गार्डियन अखबार, बीबीसी पेनोरमा, अंतरराष्ट्रीय कंसोर्टियम ऑफ़ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स के साथ 50 अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों को भी मिल गए हैं.
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