Friday 27 September 2013

मार्टिन लूथर किंग की भी जासूसी हुई थी

मार्टिन लूथर किंग की भी जासूसी हुई थी

 गुरुवार, 26 सितंबर, 2013 को 15:17 IST तक के समाचार

किंग, जॉनसन और यंग
वियतनाम युद्ध में अमरीका की भूमिका को लेकर हुए भारी विरोध के वक्त अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) ने मानवाधिकार कार्यकर्ता मार्टिन लूथर किंग और प्रसिद्ध मुक्केबाज मोहम्मद अली की जासूसी की थी, गुप्त सूची से हटाए गए दस्तावेज़ों से ये पता चला है.
दस्तावेजों के मुताबिक एनएसए ने न्यूयॉर्क टाइम्स और वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकारों के अलावा दो सीनेटरों की भी जासूसी की थी. बाद में एनएसए के कुछ अधिकारियों ने इस जासूसी को "अशोभनीय" करार दिया था.
'मिनारेट' नाम के इस अभियान का पता तो 1970 के दशक में चल गया था लेकिन इस अभियान में जिन लोगों के फोन टैप किए गए, उनके नाम अब तक गुप्त रखे गए थे.
एक सरकारी पैनल के जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के पक्ष में फैसला देने के बाद इन गोपनीय दस्तावेजों को प्रकाशित किया गया.
विश्वविद्यालय का क्लिक करें नेशनल सिक्योरिटी आर्काइव सरकार के गोपनीय कामों पर नज़र रखने वाला शोध संस्थान है. संस्थान का कहना है कि एनएसए की निगरानी सूची को देखकर वे अचंभित रह गए.
इस सूची में मार्टिन लूथर किंग और व्हिटनी यंग के अलावा मुहम्मद अली, न्यूयॉर्क टाइम्स के पत्रकार टॉम विकर और वॉशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार आर्ट बुचवाल्ड के नाम शामिल थे.
एनएसए ने अमरीका के दो वरिष्ठ सीनेटरों- डेमोक्रेट सीनेटर फ्रैंक चर्च और रिपब्लिकन सीनेटर होवार्ड बेकर के दूसरे देशों को किए गए फोन कॉल की भी निगरानी की.

विरोध का डर

स्नोडन, खुफिया, एजेंसी, निगरानी
अमरीकी खुफिया एजेंसियों के जानकारी इकट्ठा करने के तरीकों के बारे में एडवर्ड स्नोडन ने खुलासा किया था.
एनएसए की निगरानी में शामिल किए गए अधिकतर वे लोग थे जिन्होंने वियतनाम में अमरीकी हस्तक्षेप की आलोचना की थी.
साल 1967 के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने अमरीकी खुफिया एजेंसियों से इस बात की जांच करने को कहा था कि क्या कुछ प्रदर्शनों की आग को विदेशी सरकारें भड़का रही हैं.
"एनएसए के घरेलू निगरानी कार्यक्रम को लेकर हाल ही के रहस्योद्घाटन जितने भी चौंकाने वाले लगें, अब तक ऐसे सबूत नहीं मिले हैं कि आज की सिग्नल इंटेलीजेंस कोर ने व्हाइट हाउस के राजनीतिक दुश्मनों की निगरानी के लिए इस तरह का कोई कदम उठाया हो. "
मैथ्यू एड और विलियम बर, शोधकर्ता
एनएसए ने युद्ध के विरोधियों की सूची तैयार करने और उनके टेलीफोन टैप करने में दूसरी खुफिया एजेंसियों से मिलकर काम किया.
साल 1969 में रिचर्ड निक्सन के राष्ट्रपति बनने के बाद भी यह कार्यक्रम जारी रहा. जब निक्सन प्रशासन वाटर गेट घोटाले में फंसा हुआ था उसी दौरान साल 1973 में अमरीकी अटॉर्नी जनरल एलियट रिचर्डसन ने इस निगरानी कार्यक्रम को बंद कर दिया.
ये ताज़ा रहस्योद्घाटन उस वक्त हुए हैं जब एनएसए के विवादित निगरानी कार्यक्रमों को लेकर बहस चल रही है.
हाल में अमरीकी खुफिया एजेंसियों के दुनिया भर के लोगों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के तरीकों के बारे में एडवर्ड स्नोडन ने खुलासा किया था.
बुधवार को इन दस्तावेजों को प्रकाशित करने वाले शोधकर्ता मैथ्यू एड और विलियम बर ने कहा कि अभी की तुलना में वियतनाम युद्ध के वक्त की जा रही जासूसी काफी व्यापक थी.

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