अब जनसंख्या बढ़ाने को पैसा देगी भारत सरकार
खास-खास
भारत में 1941 में इस समुदाय की संख्या 1,15,000 थी, उसके बाद से इस समुदाय की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। 2001 में तो इस समुदाय की संख्या घट कर 69,601 और वर्ष 2011 में लगभग 55,000 रह गई।कम होती जनसंख्या को देखते हुए सरकार ने विलुप्त होने की कगार पर खड़े बेहद समृद्ध माने जाने वाले पारसी समुदाय को बचाने का जिम्मा अब अल्पसंख्यक मंत्रालय ने संभाला है।
इस समुदाय की लगातार घटती संख्या से चिंतित मंत्रालय ने सोमवार को ‘जियो पारसी’ योजना की शुरुआत की। योजना के तहत पारसी समुदाय के विवाहित जोड़ों में जन्म दर बढ़ाने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। खासतौर पर पारसियों के गढ़ माने जाने वाले मुंबई में ऐसे जोड़ों को मुफ्त और बेहतरीन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री के रहमान खान ने इस योजना का उद्घाटन करते हुए पारसी समुदाय की घटती संख्या पर चिंता जाहिर की।
उन्होंने कहा कि हालात नहीं बदले तो दुनिया का सबसे बेहतरीन समुदाय विलुप्त हो जाएगा। दरअसल भारत में ही नहीं दुनिया भर में यह समुदाय संख्या की दृष्टि से लगातार सिमटता जा रहा है।
हालत यह है कि भारत में अब बमुश्किल 55,000 पारसी ही बचे हैं। इनमें भी विवाहित जोड़ों के औसतन एक बच्चा भी नहीं है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा कॅरियर बनाने के चक्कर में देर से विवाह की प्रवृत्ति की वजह से है। इसी कारण देश और दुनिया में हर क्षेत्र में पारसी समुदाय ने अपनी प्रतिभा का लोहा तो मनवाया, मगर जनसंख्या में लगातार पिछड़ते चले गए।
अब मंत्रालय इस योजना के तहत पारसी समुदाय से संपर्क स्थापित कर जन्म दर बढ़ाने की कोशिशों में जुटेगा। बकौल रहमान खान बांबे पारसी पंचायत की सहायता से विवाहित जोड़ों को जन्म दर बढ़ाने के लिए बेहतरीन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के साथ-साथ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
No comments:
Post a Comment