'पाकिस्तान आइडल' का चरमपंथियों से सामना
गुरुवार, 26 सितंबर, 2013 को 16:46 IST तक के समाचार
'अमरीकन आइडल' कार्यक्रम के
पाकिस्तानी संस्करण के निर्माता इस कार्यक्रम को चरमपंथ प्रभावित क्षेत्रों
तक ले जाने की योजना बना रहे हैं.
यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है क्योंकि
पश्चिमोत्तर ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह प्रांत की राजधानी पेशावर, दक्षिण पश्चिमी
प्रांत बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा जैसे शहरों में संगीतकारों को
इस्लामी चरमपंथी समूहों से मौत की धमकियां मिलती रहती हैं.ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह में संगीत की शानदार परंपरा क्षेत्र में तालिबान के उदय के कारण दब गई थी.
रक्तरंजित मंच
ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह में साल 2002 में धार्मिक गठबंधन मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल की सरकार बनने के बाद वहां संगीत पर सार्वजनिक रूप से क्लिक करें पाबंदी लगा दी गई. सिनेमाघरों पर ताले लगा दिए गए. और संगीत से जुड़ी चीज़ें बेचने वाली दुकानें जबरन बंद करा दी गईं.जनवरी, 2009 में क्लिक करें तालिबान ने एक पख़्तून गायिका और नर्तकी की हत्या कर दी और उनके शव को बिजली के खंभे से टांग दिया. कुछ महीने बाद उसी कबाइली इलाक़े में एक गायिका की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
बताया जाता है कि सरकारी टीवी पर कार्यक्रम पेश कर चुकीं पेशावर की एयमन उदास की हत्या उन्हीं के रिश्तेदारों ने की क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि वे संगीत के क्षेत्र में रहें. एक अलगाववादी समूह के लिए एलबम रिकॉर्ड करने वाले एक बलूच गायक इसी अगस्त में मृत पाए गए थे.
क्लिक करें पेशावर और क्वेटा में हाल ही के वक्त की कुछ सबसे हिंसक घटनाएं हुई हैं. इसी 22 सितंबर को पेशावर में एक चर्च के बाहर हुए दोहरे आत्मघाती बम हमले में 80 से ज़्यादा लोग मारे गए थे.
पिछले महीने क्लिक करें क्वेटा में एक अंत्येष्टि के दौरान हुए आत्मघाती विस्फ़ोट में 30 से ज़्यादा पुलिसकर्मी मारे गए थे.
बुर्क़ा एवेंजर
चैनल के प्रबंध निदेशक आसिफ़ रज़ा मीर कहते हैं कि नेटवर्क को क्वेटा और पेशावर में ख़तरों का अंदेशा है.
वह कहते हैं, "हम अपने प्रतिभागियों, जजों और कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान करेंगे."
चेंज डॉट ओआरजी वेबसाइट पर एक अपील जारी की जा चुकी है, "जियो टीवो को पाकिस्तान आइडल का प्रसारण करने से रोको क्योंकि यह हमारी धार्मिक मान्यताओं के ख़िलाफ़ है."
जियो नेटवर्क अगस्त में भी उस समय चर्चा में आया था जब उसने एक एनिमेटेड सिरीज़ बुर्क़ा एवेंजर शुरू की थी.
इसमें बुर्क़ा पहने एक शिक्षिका उन बदमाशों का मुक़ाबला करती हैं जो लड़कियों के उस स्कूल का विरोध करते हैं जिसमें वह पढ़ाती हैं.
इस एनिमेटेड सिरीज़ को तालिबान के लिए एक चुनौती के रूप में देखा गया जो पाकिस्तान के कबाइली इलाक़ों में स्कूलों पर हमला कर रहा है.
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