Friday, 27 September 2013

'दाग़ी नेताओं' पर अध्यादेश को फाड़ दोः राहुल

'दाग़ी नेताओं' पर अध्यादेश को फाड़ दोः राहुल

 शुक्रवार, 27 सितंबर, 2013 को 15:01 IST तक के समाचार

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने 'दांग़ी सांसदों और विधायकों' पर लाए गए यूपीए सरकार के अध्यादेश को 'बकवास' करार देते हुए कहा है कि इसे फ़ाडकर फेंक देना चाहिए.
दिल्ली में आनन फानन में बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि कांग्रेस समेत सारी पार्टियों को राजनीति के नाम पर ऐसा करना बंद करना चाहिए.
यूपीए सरकार कुछ दिन पहले अध्यादेश लेकर आई है जिसमें कहा गया है कि कुछ शर्तों के तहत अदालत में दोषी पाए जाने के बाद भी सांसदों और विधायकों को अयोग्य क़रार नहीं दिया जा सकेगा.
इससे पहले क्लिक करें केंद्रीय संचार राज्य मंत्री मिलिंद देवड़ा ने क्लिक करें 'दाग़ी' नेताओं को राहत देने वाले सरकार के अध्यादेश की आलोचना की थी.

बंद करने होंगे समझौते

राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक संक्षिप्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कहा, "इस अध्यादेश के बारे में मेरी राय यह है कि यह पूरी तरह से बेतुका है और इसे फाड़कर फेंक देना चाहिए. अध्यादेश के बारे में यह मेरी व्यक्तिगत राय है."
इसके बाद उन्होंने अपने इस बयान को एक बार फिर दोहराया.
"इस अध्यादेश के बारे में मेरी राय यह है कि यह पूरी तरह से बेतुका है और इसे फाड़कर फेंक देना चाहिए."
राहुल गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष
राहुल गांधी ने कहा, "इस देश में लोग अगर वास्तव में भ्रष्टाचार से लड़ना चाहते हैं तो हम ऐसे छोटे समझौते नहीं कर सकते हैं."
राहुल गांधी का कहना था कि जब हम एक छोटा समझौता करते हैं तो हम हर तरह के समझौते करने लगते हैं.

सरकार की गलती

अपनी बात रखते हुए राहुल गांधी बोले, "इस क्लिक करें अध्यादेश के लिए मेरे संगठन में जो दलील दी जा रही है वह यह है कि 'हमें ऐसा करने की ज़रूरत इसलिए है क्योंकि इस पर एक राजनीतिक सहमति है.' अब समय आ गया है कि इस बेतुके काम को रोका जाए."
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि "कौन क्या कर रहा है, इससे मुझे मतलब नहीं है. मुझे इससे मतलब है कि क्लिक करें कांग्रेस पार्टी क्या रही है? मुझे इसमें रुचि है कि मेरी सरकार क्या कर रही है और जहां तक इस अध्यादेश का सवाल है तो मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि मेरी सरकार ने गलत किया है."

प्रधानमंत्री की बारी

राहुल गांधी के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए एक समाचार चैनल से भाजपा के वरिष्ठ नेता क्लिक करें अरुण जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री के फैसले को बेतुका कहा गया है और अब देखना है कि प्रधानमंत्री अपने फैसले का बचाव किस तरह करते हैं.

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