उत्तराखंड के यह 19 पॉलीटेक्निक कॉलेज होंगे 'बंद'
इन्हें जारी हुआ अस्वीकृति पत्र
सरकारी कॉलेज
1- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक न्यू टिहरी 2- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक बड़कोट, 3- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक बाजपुर, 4- गर्वनमेंट पॉलीटेक्निक दानिया अल्मोड़ा, 5- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक गैरसैंण चमोली, 6- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक कपकोट, 7- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक खटीमा, 8- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक कुलसारी, 9- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक मुनाकोट, 10- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक पीरुमादरा, 11- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक टनकपुर चंपावत, 12- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक भलस्वागाज रुड़की, 13- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक गाजा, 14- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक जाखनीधार , 15- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक हिंडोलाखाल।
प्राइवेट संस्थान
1- एल्पाइन कॉलेज आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी देहरादून (पीजीडीएम), 2- जीआरडी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी देहरादून (फार्मेसी), 3- मदरहुड कॉलेज आफ फार्मेसी (फार्मेसी) रुड़की 4- जागरण स्कूल ऑफ फार्मेसी (फार्मेसी)।
एआईसीटीई को मान्यता के नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पूर्ण की गई थी। एआईसीटीई की ओर से हमारे संस्थान को भी एलओआर जारी हुआ है। इसके लिए मेल पर सूचना मिल गई है। एसएसी कमेटी में पक्ष रखने के लिए कार्रवाई की जा रही है।
- पीपी द्विवेदी, प्रधानाचार्य राजकीय पॉलीटेक्निक भलस्वागाज
1- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक न्यू टिहरी 2- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक बड़कोट, 3- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक बाजपुर, 4- गर्वनमेंट पॉलीटेक्निक दानिया अल्मोड़ा, 5- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक गैरसैंण चमोली, 6- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक कपकोट, 7- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक खटीमा, 8- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक कुलसारी, 9- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक मुनाकोट, 10- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक पीरुमादरा, 11- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक टनकपुर चंपावत, 12- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक भलस्वागाज रुड़की, 13- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक गाजा, 14- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक जाखनीधार , 15- गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक हिंडोलाखाल।
प्राइवेट संस्थान
1- एल्पाइन कॉलेज आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी देहरादून (पीजीडीएम), 2- जीआरडी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी देहरादून (फार्मेसी), 3- मदरहुड कॉलेज आफ फार्मेसी (फार्मेसी) रुड़की 4- जागरण स्कूल ऑफ फार्मेसी (फार्मेसी)।
एआईसीटीई को मान्यता के नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पूर्ण की गई थी। एआईसीटीई की ओर से हमारे संस्थान को भी एलओआर जारी हुआ है। इसके लिए मेल पर सूचना मिल गई है। एसएसी कमेटी में पक्ष रखने के लिए कार्रवाई की जा रही है।
- पीपी द्विवेदी, प्रधानाचार्य राजकीय पॉलीटेक्निक भलस्वागाज
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया से मान्यता का नवीनीकरण
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) नई दिल्ली की ओर से देशभर के पॉलीटेक्निक संस्थानों को मान्यता दी जाती है।
हर साल ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के तहत मान्यता का नवीनीकरण किया जाता है। इसके लिए संस्थानों को भूमि, भवन, फैकल्टी, लैब, लाइब्रेरी और खेलकूद समेत संपूर्ण विवरण वेबसाइट पर अपलोड करना होता है।
53 राजकीय पॉलीटेक्निक और 36 निजी संस्थानों ने किया आवेदन
एआईसीटीई ने 15 मार्च, 2014 को विलंब शुल्क के साथ ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि घोषित की थी, जिसमें प्रदेश के सभी 53 राजकीय पॉलीटेक्निक और 36 निजी संस्थानों ने आवेदन किया था।
लेकिन आवेदन के अंतर्गत मानकों में कमी के कारण एआईसीटीई ने 15 राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों को वेबसाइट पर आगामी सत्र के लिए अस्वीकृति पत्र जारी कर दिया है।
हर साल ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के तहत मान्यता का नवीनीकरण किया जाता है। इसके लिए संस्थानों को भूमि, भवन, फैकल्टी, लैब, लाइब्रेरी और खेलकूद समेत संपूर्ण विवरण वेबसाइट पर अपलोड करना होता है।
53 राजकीय पॉलीटेक्निक और 36 निजी संस्थानों ने किया आवेदन
एआईसीटीई ने 15 मार्च, 2014 को विलंब शुल्क के साथ ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि घोषित की थी, जिसमें प्रदेश के सभी 53 राजकीय पॉलीटेक्निक और 36 निजी संस्थानों ने आवेदन किया था।
लेकिन आवेदन के अंतर्गत मानकों में कमी के कारण एआईसीटीई ने 15 राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों को वेबसाइट पर आगामी सत्र के लिए अस्वीकृति पत्र जारी कर दिया है।
प्राइवेट संस्थानों की मान्यता पर भी रोक
इसके अलावा दो नए और दो पुराने प्राइवेट संस्थानों
की मान्यता पर भी रोक लगाई गई है। एआईसीटीई के सदस्य सचिव की ओर से जारी
आदेशों के मुताबिक नार्दन क्षेत्र की जिन संस्थाओं को एलओआर जारी हुआ है।
उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए 30 मार्च को नई दिल्ली में स्टैंडिंग अपील कमेटी के समक्ष उपस्थित होना होगा। अनुपस्थित रहने पर संस्थाओं की मान्यता निरस्त हो जाएंगी।
ऐसी संस्थाओं को अगले शैक्षणिक सत्र के लिए नए सिरे से आवेदन करना होगा।
...तो एक हजार सरकारी सीटें हो जाएंगी कम
यदि संबंधित संस्थान स्टैंडिंग अपील कमेटी के समक्ष मजबूत पक्ष रखने में नाकामयाब रहे तो इस सत्र में सरकारी पॉलीटेक्निक की संख्या 53 से घटकर 38 रह जाएगी।
प्रत्येक सरकारी संस्थानों की विभिन्न ट्रेड में औसतन 70 सीटें हैं। इस लिहाज से सरकारी फीस पर आधारित करीब 1000 सीटें भी कम हो जाएंगी।
उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए 30 मार्च को नई दिल्ली में स्टैंडिंग अपील कमेटी के समक्ष उपस्थित होना होगा। अनुपस्थित रहने पर संस्थाओं की मान्यता निरस्त हो जाएंगी।
ऐसी संस्थाओं को अगले शैक्षणिक सत्र के लिए नए सिरे से आवेदन करना होगा।
...तो एक हजार सरकारी सीटें हो जाएंगी कम
यदि संबंधित संस्थान स्टैंडिंग अपील कमेटी के समक्ष मजबूत पक्ष रखने में नाकामयाब रहे तो इस सत्र में सरकारी पॉलीटेक्निक की संख्या 53 से घटकर 38 रह जाएगी।
प्रत्येक सरकारी संस्थानों की विभिन्न ट्रेड में औसतन 70 सीटें हैं। इस लिहाज से सरकारी फीस पर आधारित करीब 1000 सीटें भी कम हो जाएंगी।
आगामी सत्र 2014-15 की मान्यता खतरे में
उत्तराखंड के 15 राजकीय पालीटेक्निक संस्थानों की आगामी सत्र 2014-15 की मान्यता खतरे में आ गई है।मानकों में कमी के कारण एआईसीटीई नई दिल्ली ने इन संस्थानों को लेटर ऑफ रिजेक्शन (अस्वीकृति पत्र) जारी कर दिया है।
इन संस्थानों को स्टैडिंग अपील कमेटी के समक्ष 30 मार्च को अपना पक्ष रखने के लिए उपस्थित होने के आदेश दिए हैं। उपस्थित न होने पर मान्यता पूरी तरह निरस्त मानी जाएगी।
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