सनसनीखेज खुलासा:
The Father Of MNREGA is Raghuvansh Prasad Singh
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Raghuvansh Prasad Singh was the real hero of MNREGA
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राहुल गांधी नहीं, रघुवंश सिंह थे मनरेगा के असली हीरो: प्रधानमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू
Mon, 14 Apr 2014 07:57 AM (IST)
नई दिल्ली। भारतीय राजनीति में बिरला ही ऐसा होता है कि आप अच्छा कार्य करें और उसका श्रेय आपको मिल भी जाए। खासतौर पर जब आप न बड़े दल के नेता हों और न ही कोई बेमिसाल हस्ती। लेकिन, राजद सांसद और संप्रग के पहले कार्यकाल में ग्रामीण विकास मंत्री रहे रघुवंश प्रसाद सिंह के साथ ऐसा ही हुआ है। प्रधानमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू की सनसनीखेज पुस्तक ने यह सच सामने ला दिया कि जिस मनरेगा का श्रेय सारे कांग्रेसी और स्वयं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राहुल गांधी को दे रहे हैं, असलियत में उसके हकदार रघुवंश बाबू हैं।
दरअसल, मनरेगा का श्रेय राहुल गांधी को देने के लिए रघुवंश को पीछे धकेल दिया गया। कांग्रेस हाईकमान के निर्देश को देखते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी खुद श्रेय लेने से पीछे हट गए। संजय बारू ने अपनी किताब में रघुवंश बाबू के साथ हुई नाइंसाफी का खुलासा किया है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को शुरू कराने में तत्कालीन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी। ग्रामीण युवाओं को उनके गांव में ही रोजगार मुहैया कराने वाली इस योजना के चलते ही शहरों की ओर हो रहा अनावश्यक पलायन रुक गया था। राजनीतिक रूप से इसका फायदा संप्रग को मिला और वह दोबारा सत्ता में आई। इसके बाद से राजनीतिक महत्व को देखते हुए कांग्रेस इसका श्रेय राहुल गांधी को देती रही है। बारू ने लिखा है कि पार्टी के दबाव में मनमोहन सिंह और रघुवंश प्रसाद सिंह को श्रेय देने वाले बयान को प्रधानमंत्री कार्यालय को वापस लेना पड़ा था।ॉ
The Father Of MNREGA is Raghuvansh Prasad Singh
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Raghuvansh Prasad Singh was the real hero of MNREGA
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राहुल गांधी नहीं, रघुवंश सिंह थे मनरेगा के असली हीरो: प्रधानमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू
राहुल गांधी नहीं, रघुवंश सिंह थे मनरेगा के असली हीरो
नई दिल्ली। भारतीय राजनीति में बिरला ही ऐसा होता है कि आप अच्छा कार्य करें और उसका श्रेय आपको मिल भी जाए। खासतौर पर जब आप न बड़े दल के नेता हों और न ही कोई बेमिसाल हस्ती। लेकिन, राजद सांसद और संप्रग के पहले कार्यकाल में ग्रामीण विकास मंत्री रहे रघुवंश प्रसाद सिंह के साथ ऐसा ही हुआ है। प्रधानमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू की सनसनीखेज पुस्तक ने यह सच सामने ला दिया कि जिस मनरेगा का श्रेय सारे कांग्रेसी और स्वयं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राहुल गांधी को दे रहे हैं, असलियत में उसके हकदार रघुवंश बाबू हैं।
दरअसल, मनरेगा का श्रेय राहुल गांधी को देने के लिए रघुवंश को पीछे धकेल दिया गया। कांग्रेस हाईकमान के निर्देश को देखते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी खुद श्रेय लेने से पीछे हट गए। संजय बारू ने अपनी किताब में रघुवंश बाबू के साथ हुई नाइंसाफी का खुलासा किया है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को शुरू कराने में तत्कालीन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी। ग्रामीण युवाओं को उनके गांव में ही रोजगार मुहैया कराने वाली इस योजना के चलते ही शहरों की ओर हो रहा अनावश्यक पलायन रुक गया था। राजनीतिक रूप से इसका फायदा संप्रग को मिला और वह दोबारा सत्ता में आई। इसके बाद से राजनीतिक महत्व को देखते हुए कांग्रेस इसका श्रेय राहुल गांधी को देती रही है। बारू ने लिखा है कि पार्टी के दबाव में मनमोहन सिंह और रघुवंश प्रसाद सिंह को श्रेय देने वाले बयान को प्रधानमंत्री कार्यालय को वापस लेना पड़ा था।ॉ
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