लोकसभा चुनाव में उतरेंगे N D TIWARI , 16 अप्रैल को दोपहर ढाई बजे नामांकन, निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना , ज्योतिषाचार्य को अपनी जन्मकुंडली दिखवाई, कहा:जीत-हार का फैसला जनता पर छोड़ दिया
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एनडी की घुड़की से कांग्रेस में बेचैनी
निर्दलीय चुनाव लड़ने का बना लिया मन
नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा क्षेत्र में दस दिन मतदाताओं की नब्ज टटोलने के बाद आखिरकार पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना ही लिया।एनडी 16 अप्रैल को दोपहर ढाई बजे नामांकन करेंगे। चुनाव परिणाम को लेकर एनडी ज्योतिषाचार्य को अपनी जन्मकुंडली तक दिखवा चुके हैं।
अगर तिवारी निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं तो इसका सबसे बड़ा फायदा भाजपा को मिलेगा।
16 अप्रैल को ND करेंगे नामांकन
पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के करीबी जानकारों के मुताबिक 14 अप्रैल को तिवारी ट्रेन से काठगोदाम पहुंचेंगे।
16 अप्रैल को हल्द्वानी से समर्थकों के साथ जुलूस लेकर नामांकन के लिए रुद्रपुर पहुंचेंगे, जहां दोपहर दो से ढाई बजे के बीच वह नामांकन करेंगे।
फोन पर बातचीत में एनडी ने कहा कि क्षेत्रीय जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए वह चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने जीत-हार का फैसला जनता पर छोड़ दिया है।
चुनाव लड़ना कैसा रहेगा, यह जानने के लिए एनडी ने अपनी जन्मकुंडली भी रामनगर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित दामोदर जोशी को दिखवा दी है।
16 अप्रैल को हल्द्वानी से समर्थकों के साथ जुलूस लेकर नामांकन के लिए रुद्रपुर पहुंचेंगे, जहां दोपहर दो से ढाई बजे के बीच वह नामांकन करेंगे।
फोन पर बातचीत में एनडी ने कहा कि क्षेत्रीय जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए वह चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने जीत-हार का फैसला जनता पर छोड़ दिया है।
चुनाव लड़ना कैसा रहेगा, यह जानने के लिए एनडी ने अपनी जन्मकुंडली भी रामनगर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित दामोदर जोशी को दिखवा दी है।
बदल जाएंगे चुनावी समीकरण
पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने पर्चा दाखिल करने की बात कहकर सियासी हलचल बढ़ा दी है।
एनडी तिवारी ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोकी तो नैनीताल सीट पर चुनावी समीकरण बदल जाएंगे। बतौर निर्दलीय प्रत्याशी एनडी जीत पाएं या नहीं, लेकिन सियासी दलों के समीकरण जरूर बिगाड़ देंगे।
मालूम हो कि पहले उनके पुत्र रोहित के चुनाव लड़ने की भी चर्चा चली थी।
एनडी तिवारी ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोकी तो नैनीताल सीट पर चुनावी समीकरण बदल जाएंगे। बतौर निर्दलीय प्रत्याशी एनडी जीत पाएं या नहीं, लेकिन सियासी दलों के समीकरण जरूर बिगाड़ देंगे।
मालूम हो कि पहले उनके पुत्र रोहित के चुनाव लड़ने की भी चर्चा चली थी।
कांग्रेस से मांगा था टिकट
एनडी कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं। केंद्र में मंत्री रहने के अलावा उत्तरप्रदेश में चार बार मुख्यमंत्री रहे।
उत्तराखंड में भी बतौर मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। कुछ सालों से एनडी राजनीतिक बनवास झेल रहे थे। विगत दिनों तिवारी अपने जैविक पुत्र रोहित शेखर और उनकी मां उज्जवला के साथ हल्द्वानी पहुंचे।
बेटे रोहित के साथ नैनीताल ऊधमसिंह नगर संसदीय क्षेत्र की सभी विधानसभाओं में जनसंपर्क कर चुनाव लड़ने को लेकर रायशुमारी की। कांग्रेस से टिकट भी मांगा। नहीं मिलने पर तिवारी परिवार के साथ लखनऊ लौट गए थे।
उत्तराखंड में भी बतौर मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। कुछ सालों से एनडी राजनीतिक बनवास झेल रहे थे। विगत दिनों तिवारी अपने जैविक पुत्र रोहित शेखर और उनकी मां उज्जवला के साथ हल्द्वानी पहुंचे।
बेटे रोहित के साथ नैनीताल ऊधमसिंह नगर संसदीय क्षेत्र की सभी विधानसभाओं में जनसंपर्क कर चुनाव लड़ने को लेकर रायशुमारी की। कांग्रेस से टिकट भी मांगा। नहीं मिलने पर तिवारी परिवार के साथ लखनऊ लौट गए थे।
इनका क्या कहना है...
एनडी तिवारी निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं तो सबसे अधिक
फायदा भाजपा को होगा। एनडी तिवारी की पहचान कांग्रेस से रही है। तिवारी
निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे तो कांग्रेस का वोट बंट जाएगा।
- तीरथ सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा
तिवारी जी जब काशीपुर आए थे। उन्होंने मुझसे वादा किया कि मैं चुनाव नहीं लडू़ंगा। इनके निर्दलीय नामांकन दाखिल करने की बात पर मैं विश्वास नहीं करता।
- तीरथ सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा
तिवारी जी जब काशीपुर आए थे। उन्होंने मुझसे वादा किया कि मैं चुनाव नहीं लडू़ंगा। इनके निर्दलीय नामांकन दाखिल करने की बात पर मैं विश्वास नहीं करता।
- केसी सिंह बाबा, प्रत्याशी कांग्रेस
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