Tuesday 15 April 2014

liu bolin Image: देखना ही है, तो ज़रा ध्यान से देखिए :::: बॉलिन अपने शरीर का प्रयोग कैनवास की तरह करते हैं. वो अपने आसपास के परिवेश का प्रयोग इस तरह करते हैं कि वो अदृश्य प्रतीत हों.

 liu bolin Image: देखना ही है, तो ज़रा ध्यान से देखिए :::: बॉलिन अपने शरीर का प्रयोग कैनवास की तरह करते हैं. वो अपने आसपास के परिवेश का प्रयोग इस तरह करते हैं कि वो अदृश्य प्रतीत हों.

 

देखना ही है, तो ज़रा ध्यान से देखिए

 

 

 

 

चीन के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार लियो बॉलिन लंदन में अपनी पहली एकल प्रदर्शनी आयोजित कर रहे हैं.  



बॉलिन अपने शरीर का प्रयोग कैनवास की तरह करते हैं. वो अपने आसपास के परिवेश का प्रयोग इस तरह करते हैं कि वो अदृश्य प्रतीत हों. 

 

 

इस प्रदर्शनी में बॉलिन की नई अदृश्य कलात्मक बाजीगिरी को उनकी प्रसिद्ध सिरीज़ 'हाइडिंग इन द सिटी' के साथ देखा जा सकता है.  


यह कलात्मक शृंखला पर्फार्मेंस आर्ट का नमूना है. बॉलिन को इसकी प्रेरणा चीन के समाज और राज्य के अंतरसंबध को अभिव्यक्ति देने की भावना से मिली है

 

 

लियो बॉलिन ने 'हाइडिंग इन द सिटी' शृंखला की शुरुआत तब की जब चीन सरकार ने साल 2005 में उनके बीजिंग स्थित स्टूडियो को खाली कराकर उसे गिरा दिया.

 

 

अपनी कला के लिए शहर के भूगोल का प्रयोग करने वाले बॉलिन खुद को समाज से बाहर का आदमी मानते हैं. वो कोशिश करते हैं दर्शक सामान्य नज़र आने वाली रोजमर्रा की चीजों के पीछे छिपे सच को देख सकें. वो कहते हैं, "बाहरी दुनिया से संपर्क के लिए हर कोई अपना एक रास्ता चुनता है. मैंने इसके लिए अपने आसपास के परिवेश में मिल जाना चुना."  



बॉलिन बताते हैं कि कई बार ऐसा होता है कि वो दस घंटे के मेकअप के बाद कोई प्रदर्शन करते हैं लेकिन आसपास से गुजरने वाले उनपर ध्यान दिए बिना गुजर जाते हैं.

 

 

बॉलिन का जन्म 1973 में चीन के शैंनडॉन्ग प्रांत में हुआ था. उन्होंने बीजिंग स्थित सेंट्रल एकैडमी ऑफ़ फ़ाइन आर्ट्स से प्रशिक्षण लिया है. वो फ़ाइन आर्ट्स में परास्नातक हैं.  



लियो बॉलिन रोम, इटली, वेनेजुएला, चीन समेत दुनिया के कई देशों में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं. 

 

 

'लियो बॉलिन: द हिरोइक अपारिशन' नामक यह प्रदर्शनी लंदन की स्क्रेयम गैलरी में 10 मई, 2014 तक चलेगी. (सभी तस्वीरें- लियो बॉलिन की ड्रैगन सिरीज़ से, स्क्रेयम गैलरी से साभार) 

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