Saturday, 9 August 2014

भारत और अमेरिका में ही संभव है चाय बेचने वाले का पीएम बनना या केन्याई पिता का बच्चा राष्ट्रपति (बराक ओबामा) का बनना:अमेरिकी रक्षा मंत्री चक हेगल #OBAMA #INDIA #USA

भारत और अमेरिका में ही संभव है चाय बेचने वाले का पीएम बनना या केन्याई पिता का बच्चा राष्ट्रपति (बराक ओबामा) का बनना:अमेरिकी रक्षा मंत्री चक हेगल #OBAMA #INDIA #USA

Sunday,Aug 10,2014 07:53:40 AM

भारत में ही संभव है चाय बेचने वाले का पीएम बनना
नई दिल्ली। अमेरिकी रक्षा मंत्री चक हेगल ने शनिवार को भारत और अमेरिका में आगे बढ़ने के मौकों की समानता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि दुनिया में दो लोकतांत्रिक देशों के अलावा बहुत कम ऐसी जगहें हैं जहां चाय बेचने वाले का बेटा प्रधानमंत्री या केन्याई पिता का बच्चा राष्ट्रपति (बराक ओबामा) बन सकता है। इसके साथ ही उन्होंने दोनों देशों में मजबूत साझीदारी का आह्वान किया।
हेगल ने चीन को प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखने से बचने की सलाह देते हुए कहा कि भारत को अमेरिका और चीन में किससे रिश्ता रखे यह चुनने की जरूरत नहीं है। अमेरिका और भारत को रक्षा सहयोग बढ़ाना चाहिए और इसमें जापान को भी शामिल करना चाहिए। जैसे अमेरिका को एशिया में अपने संबंधों और चीन के साथ रचनात्मक रिश्ते में किसी एक को चुनने की जरूरत नहीं है उसी तरह भारत को भी चीन से बेहतर रिश्ते और अमेरिका से करीबी संबंध में किसी एक को चुनने की जरूरत नहीं है। वह यहां 'ऑब्जर्वर्स रिसर्च फाउंडेशन' के रजत जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने भारत के आम चुनाव की चर्चा की और कहा कि इसने लोकतंत्र और इसके लोगों की शक्ति को दिखा दिया। हेगल ने कहा, 'भारत और अमेरिका के अलावा दुनिया में ऐसे बहुत कम स्थान हैं जहां छोटे शहर में चाय बेचने वाले का बेटा उन्नति कर प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) या केन्याई पिता की औलाद राष्ट्रपति (बराक ओबामा) पद तक पहुंच जाए।'
ज्ञातव्य है कि राजनीति और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल होने के पहले मोदी ट्रेनों में चाय बेचते थे और गुजरात के एक शहर में चाय की दुकान चलाने में पिता की मदद करते थे। ओबामा के पिता केन्याई मूल के थे और उनकी मां अमेरिकी नागरिक।
अमेरिकी ने कहा कि अमेरिका और भारत की मजबूत साझीदारी दुनिया भर में लंबे समय तक बनी रहने वाली शांति और समृद्धि के लिए अत्यंत जरूरी है। भारत और अमेरिका के मजबूत रिश्ते के लिए अमेरिकी राजनीति में दोनों पक्षों का समर्थन है। हमारे हित एक जैसे में हैं इसलिए हमारी सेनाएं भी होनी चाहिए। निवेश की सीमा बढ़ाकर रक्षा उद्योग में साझीदारी बढ़ाकर भारत आगे बढ़ने के रास्ते पर है। मजबूत रक्षा साझीदारी और संयुक्त सैन्य क्षमताएं भारत और अमेरिका के रिश्ते की आधारशिला हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को रिश्तों को अफसरों की लाल फीताशाही तक सीमित न रख कर इन्हें बढ़ावा देने के मौकों को झपट लेना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में सार्क देशों के नेताओं को आमंत्रित करके पाकिस्तान के साथ बेहतर रिश्ते बनाने का संकेत दिए।
मोदी की प्रस्तावित अमेरिका यात्रा का उल्लेख करते हुए हेगल ने कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा सितंबर के अंत में होने वाली इस मुलाकात की उत्सुकता से प्रतिक्षा कर रहे हैं। तीन दिवसीय यात्रा पर गुरुवार को यहां पहुंचे हेगल प्रधानमंत्री मोदी, रक्षा मंत्री अरुण जेटली और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मिल चुके हैं। 



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