Saturday, 9 August 2014

Hello readers, good morning! Wish you all a Happy Raksha Bandhan. Have a pleasant day ahead.

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  Happy Rakhi
:) Rakhi :)



राखी स्पैशल: जानें कब और कैसे बांधे रक्षा सूत्र

राखी स्पैशल: जानें कब और कैसे बांधे रक्षा सूत्र

शास्त्रों के अनुसार रक्षा बंधन पर्व श्रावण की पूर्णिमा को मनाए जाने का विधान है। श्रावण अर्थात सावन में मनाए जाने के कारण इसे श्रावणी भी कहते हैं। रक्षाबंधन का अर्थ है रक्षा के लिए बंधन अर्थात रक्षा के लिए प्रतिबद्धता जिसमें एक व्यक्ति दूसरे के हाथ एक सूत्र बांधता जिसे राखी कहते हैं। कच्चे सूत का ये बंधन हमारी अटूट परम्पराओं का प्रतीक है। यह सूत्र परस्पर जैसे गुरु-शिष्य, मित्र-मित्र तथा भाई-बहिन के संबंधो के बीच बांधा जाता है। सनातन संस्कृति के अनुसार भाई पर बहन की रक्षा का विशेष दायित्व होता है अतः यह पर्व भाई-बहन के विशेष त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।

राखी का पौराणिक आधार:
रक्षा बंधन पर्व का प्रारंभ इंद्राणी द्वारा इंद्रदेव को रक्षा-सूत्र बांधने से हुआ। एक समय बारह वर्ष तक देवासुर संग्राम चला। जिससे देवों की शक्ति क्षीण हो गई। देवताओं के भयवश इन्द्रादि देव गुरु बृहस्पति के पास समस्या का समाधान पूछने गए परंतु देवगुरु के पास भी इसका कोई उपाय न था। इंद्र को चिंतित देख इंद्र की पत्नी शची (इंद्राणी) इस समस्या का उपाय किया। इंद्राणी ने कच्चे सूत से बना रक्षा सूत्र का विधिवत स्वस्तिवाचन व पूजन करके रक्षा सूत्र इंद्र के दहिनी कलाई पर बांधा। इसके उपरांत देवगण देवासुर संग्राम में विजय हुए।

रक्षा मंत्र: येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्रो-महाबलः। तेन त्वाम रक्ष-बध्नामि, रक्षे माचल माचल:।।

रक्षासूत्र बांधते समय संस्कृत में एक श्लोक का उच्चारण आता है। रक्षाबंधन के श्लोक का संबंध राजा बलि से है। यह श्लोक रक्षाबंधन का अभीष्ट मंत्र भी है। जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि को बांधा गया था, उसी सूत्र से हम अपने संबंध बांधते हैं। हम अपने संकल्प से कभी भी विचलित न हों। अतः जो व्यक्ति श्रावण शुक्ला पूर्णिमा को किसी शुभ चिंतक से रक्षा सूत्र बंधवाएगा वह विजयी होकर इंद्र की भांति सुखी होगा। राखी संकल्प है भाई और बहन के बीच का। ये संकल्प है रिश्तों के बीच बुरे से बुरे समय में भी एक दूसरे के प्रति समर्पित रहने का।

रक्षाबंधन का महूर्त: इस वर्ष सन 2014 में रक्षाबंधन पर्व रविवार दिनांक 10 अगस्त 2014 को मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार भद्राकाल में रक्षासूत्र बांधना निषेध है। 10 अगस्त 2014 को भद्रा दोपहर 01 बजकर 39 मिनट और 30 सेकेंड्स बजे तक रहेगी। यमगंडक काल दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से दोपहर 02 बजकर 02 मिनट तक रहेगा इसमें राखी बंधना शुभ नही माना जाता। राहुकाल शाम 05 बजकर 24 मिनट से शाम 07 बजकर 10 मिनट तक है अतः इस समय अवधि में भी राखी बंधना अशुभ माना जाता है। रक्षासूत्र बांधने का सर्वश्रेष्ठ महूर्त शुभ की चौघड़िया में दोपहर 02 बजकर 03 मिनट से लेकर शाम 03 बजकर 46 मिनट तक है।

रक्षाबंधन पर राशि अनुसार उपाय


    मेष: भाई-बहन एक दूसरे को पिस्ता और बादाम खिलाएं।

    वृष: भाई-बहन एक दूसरे को सफेद-पीले शेड के कपड़े भेंट करें।

    मिथुन: भाई-बहन एक दूसरे की दीपक जलाकर आरती करें।

    कर्क: 5 रूपए के सिक्के पर इत्र लगाकर भाई-बहन एक दूसरे को भेंट करें।

    सिंह: भाई-बहन एक दूसरे को मिश्री और इलायची खिलाएं।

    कन्या: भाई-बहन एक दूसरे को लाल चंदन से तिलक करें।

    तुला: भाई-बहन एक दूसरे को केसर से तिलक करें।

    वृश्चिक: भाई-बहन एक दूसरे को काजल और गोरोचन से तिलक करें।

    धनु: भाई-बहन एक दूसरे को परफ्यूम भेंट करें।

    मकर: भाई-बहन एक दूसरे को पीले और गुलाबी कपडे भेंट करें।

    कुंभ: भाई-बहन एक दूसरे को गुड़ खिलाएं।

    मीन: भाई-बहन एक दूसरे को नारियल और मिश्री भेंट करें।

1 comment:

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