आर्थिक पाबंदियों के बीच रूस से निर्यात बढ़ाएगा भारत
नई दिल्ली
9-08-14
अमेरिका और यूरोपीय संघ ने यूक्रेनी अलगाववादियों को मदद देने का आरोप लगाते हुए रूस पर आर्थिक पाबंदियां थोप दी हैं। इसके जवाब में रूस ने अमेरिका और यूरोपीय संघ से खाद्य पदार्थो के आयात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इस स्थिति को भारत अपने लिए एक अवसर के रूप में देख रहा है। व्यापार मंत्रालय ने रूस के लिए लगभग दो दर्जन चीजों के निर्यात को बढ़ावा देने की एक रणनीति बनाई है। रूस इन चीजों का आयात आम तौर पर यूरोपीय संघ और अमेरिका से करता रहा है।
रूस के खिलाफ अधिकतर पाबंदियां बैंकिंग, वित्त और उच्चतम तकनीक में लगाई गई हैं। ऐसे में वाणिज्य मंत्रालय का विचार है कि पश्चिमी देशों के साथ रूस के रिश्तों में खटास भारत को उन कुछ चीजों के बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने का मौका दे सकता है जिनकी आपूर्ति परंपरागत रूप से पश्चिमी देशों द्वारा की जाती रही है।
वाणिज्य मंत्रालय ने जिन चीजों की पहचान की है उनमें मशीनरी, वाहन, वायुयान व अंतरिक्षयान, ऑप्टिक्स, विद्युतीय मशीनरी, फार्मास्युटिकल्स, प्लास्टिक और मांस शामिल हैं। मंत्रालय ने विभिन्न क्षेत्रों के निर्यात प्रोत्साहक परिषदों को पत्र लिखा है जिनमें उपरोक्त वस्तुओं का रूस के लिए निर्यात बढ़ाने के संदर्भ में उन पर ध्यान देने की बात कही गई है। एक नियामक ने बुधवार को कहा था कि रूस ने रोमानिया से मांस और पशुओं का आयात निलंबित कर दिया है।
रूस के सख्त पशु स्वास्थ्य नियमों के कारण भारत रूस को मांस और अंडा आधारित उत्पाद निर्यात करने में अक्षम था। हालांकि रूस ने फरवरी में व्यापार और आर्थिक सहयोग पर भारत-रूस कार्यदल की बैठक में कहा था कि भारतीय संस्थाएं रूसी संघ को अंडा पाउडर के निर्यात के लिए मंजूरी हासिल करना शुरू कर चुकी हैं। भारतीय निर्यात संगठनों के संघ के मुख्य कार्यकारी और महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि यूरोपीय संघ और अमेरिका की पाबंदियों ने भारतीय निर्यातकों को अपेक्षाकृत बड़ी मौजूदगी स्थापित करने का अवसर दिया है।
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