Monday, 4 August 2014

Breaking Dehradun: सारा देहरादून पी रहा सीवर का पानी, जांच रिपोर्ट 95 में से केवल 36 नमूनों (37 प्रतिशत) में ही मिली क्लोरीन,देहरादून के 51 स्थानों पर 56 प्रतिशत फीकल कॉलीफार्म (सीवर मिला पानी) मिला,...यहां के लोग पी रहे हैं सीवर मिला पानी... नेहरू कॉलोनी, टर्नर रोड,राजपुर रोड,कारगी, टर्नर रोड...Read Full List

Breaking Dehradun:

सारा देहरादून पी रहा सीवर का पानी, जांच रिपोर्ट 95 में से केवल 36 नमूनों (37 प्रतिशत) में ही मिली क्लोरीन,देहरादून के 51 स्थानों पर 56 प्रतिशत फीकल कॉलीफार्म (सीवर मिला पानी) मिला,...यहां के लोग पी रहे हैं सीवर मिला पानी... नेहरू कॉलोनी, टर्नर रोड,राजपुर रोड,कारगी, टर्नर रोड...Read Full List


देहरादून: राजधानी देहरादून का पानी पीने लायक नहीं रहा यह जहरीला हो चुका है. पानी के रूप में राजधानीवासी धीमा जहर पी रहे है, जिसके दूरगामी परिणाम अधिक घातक हो सकते हैं. राजधानी में लिए गए 95 में से केवल 36 नमूनों (37 प्रतिशत) में ही क्लोरीन पाई गई। देहरादून के 51 स्थानों पर फीकल कॉलीफार्म यानी कि सीवर की मात्रा पाई गयी.
यह तथ्य स्पैक्स (सोसाइटी ऑफ पॉल्यूशन एंड एंवायरनमेंटल कंजर्वेशन साइंटिस्ट) के राजधानी में विभिन्न स्थानों से लिए गए पेयजल नमूनों की जांच के बाद सामने आई। स्पैक्स के सचिव डॉ.बृजमोहन शर्मा ने जांच रिपोर्ट साझा करते हुए बताया कि राजधानी में लिए गए 95 में से केवल 36 नमूनों (37 प्रतिशत) में ही क्लोरीन पाई गई। मात्र तीन जगह कौलागढ़, पुलिस लाइन व लोहियापुरम् में क्लोरीन मानकों के अनुरूप (0.2 मिग्रा/ली.) मिली।
इसके अलावा 51 नमूनों में टोटल कॉलीफार्म (56 प्रतिशत) और 51 स्थानों पर फीकल कॉलीफार्म पाया गया। उन्होंने बताया कि पेयजल की यह स्थिति स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद चिंताजनक है। डॉ.शर्मा के अनुसार देहरादून के पानी में कैल्शियम की मात्रा अधिक है। जांच में पानी की कठोरता 286 मिग्रा प्रति लीटर से 480 मिग्रा प्रति लीटर पाई गई, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

यहां के लोग पी रहे हैं सीवर मिला पानी
मेयर आवास, काठ बँगला, अकेता कॉलोनी, गुजराड़ा, रीठामंडी, न्यू रोड, पथरी बाग़, आकाशदीप कॉलोनी,जाखन, राजेंद्र नगर, ओंकार रोड, विजय पार्क, बदरीनाथ कॉलोनी, अखाड़ा मोहल्ला, इन्दर रोड, ओल्ड नेहरू कॉलोनी, नेहरू कॉलोनी, बॉडी गार्ड कॉलोनी, धोरण, कृशाली, सरस्वती विहार, कारगी, टर्नर रोड, कंडोली, राजपुर रोड,  डोभालवाला, डीबीएस चौक, नानक विहार, ग्रीन पार्क, सैयद मोहल्ला, दर्शनी गेट, संजय कॉलोनी, दीपनगर, कौलागढ़, नीबू वाला, ओएनजीसी कॉलोनी, ढाकपट्टी, चंद्रलोक कॉलोनी, ब्रह्मपुरी, त्यागी रोड, विअज्य कॉलोनी, धामावाला, बलबीर रोड, एमकेपी, सहस्त्रधारा रोड, गोरखपुर, हरिद्वार रोड.

जलसंस्थान ने कहा फर्जी है स्पैक्स की जांच रिपोर्ट
हालांकि स्पैक्स (सोसाइटी ऑफ पॉल्यूशन एंड एंवायरनमेंटल कंजर्वेशन साइंटिस्ट) के राजधानी में विभिन्न स्थानों से लिए गए पेयजल नमूनों की जांच रिपोर्ट को फर्जी करार दिया है. जल संस्थान के मुख्य महाप्रबंधक डीडी डिमरी का कहना है कि संस्था पहले भी इस तरह के सैंपल लेकर लोगों में दहशत फैलाने का कार्य कर चुकी है.रिपोर्ट में संस्था ने जो दावे प्रस्तुत किये हैं अगर वे सही होते तो अब तक राजधानी में महामारी फ़ैल चुकी होती. डिमरी ने कहा की सैंपल लिए जाने के दौरान ये देखना जरूरी होता है की आखिर सैंपल किस तरह लिए गए हैं. जलसंस्थान समय-समय पर पेय जल स्रोत से लेकर घरों तक सैंपलिंग करता है कहीं भी इस तरह की बात सामने नहीं आई है. बहरहाल संस्था ने जिन स्थानों पर गड़बड़ी के दावे किये हैं उन् क्षेत्रों के सैंपल लेकर जलसंस्थान जांच करेगा.

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