सौ साल बाद मिला भारतीय सैनिकों को सम्मान... read love letters of first world war,
एक भारतीय गढ़वाली सैनिक के अपने परिवार को लिखे एक पत्र के कुछ अंश पढ़े.
पढ़िए, प्रथम विश्व युद्ध के दौरान लिखे गए दस LOVE LETTERS
प्रथम विश्व युद्ध शुरू होने के सौ साल बाद उसमें शामिल हुए भारतीय सैनिकों को संयुक्त राष्ट्र में सम्मानित किया गया.
संयुक्त राष्ट्र में गत बुधवार को एक विशेष कार्यक्रम में भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई.बान की मून ने प्रथम विश्व युद्ध में मरने वालों को कभी न भूलने की हिदायत करते हुए एक भारतीय गढ़वाली सैनिक के अपने परिवार को लिखे एक पत्र के कुछ अंश पढ़े.
वर्ष 1915 में लिखे गए इस ख़त में भारतीय सैनिक ने लिखा था, "गोलियां और तोप के गोले बर्फ़बारी की तरह गिरते हैं. कीचड़ में लोग कमर तक धंसे हुए होते हैं. हम लोगों और दुशमनों के बीच 50 फर्लांग की ही दूरी होती है... और जंग के दौरान मरने वालों की संख्या गिनी नहीं जा सकती."
बान की मून ने कहा कि इतिहास के बदतरीन सबकों से पूरी तरह सीख लेना अभी तक बाकी है.
महात्मा गांधी का पत्र
एक सौ तेरह पन्नों की इस पुस्तक का संपादन संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत अशोक मुखर्जी ने किया है.
इस मौके पर भारतीय राजदूत ने कहा, "प्रथम विश्व युद्ध के उन भारतीय सैनिकों के बलिदान को याद करके हमें आने वाली नस्लों को युद्ध से बचाना चाहिए."
पढ़िए, प्रथम विश्व युद्ध के दौरान लिखे गए दस LOVE LETTERS
पहला विश्व युद्व अपनी विभिषिका के लिए जाना जाता है।
युद्व के दौरान सैनिक साजो-सामान से लेकर राहत पहुंचाने तक के तमाम
इंतेजाम किए जाते हैं, लेकिन कम ही लोगों को पता होगा कि इस भयानक युद्घ
में चिट्ठियों को लाने ले-जाने की व्यापक व्यवस्था की गई थी।
युद्घरत सिपाहियों और उनके संबंधियों के बीच संपर्क बनाए रखना बड़ी चुनौती थी। लेकिन इस काम को भी उतनी ही गंभीरता से किया जाता था।
1914 में शुरू हुए इस वार के 100 वर्ष हो रहे हैं। इस मौके पर अमर उजाला आपको उन खतों से रूबरू करा रहा है जिन्हें युद्व के दौरान सैनिकों और उनके चाहने वालों ने एक-दूसरे को लिखा।
ये खत खास हैं क्योंकि इनमें लिखे हर शब्द के साथ उन भावनाओं को पढ़ा जा सकता है जिसे युद्व की विभिषिकाओं में अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। आईए पढ़ते हैं ऐसे ही दस खत ...
युद्घरत सिपाहियों और उनके संबंधियों के बीच संपर्क बनाए रखना बड़ी चुनौती थी। लेकिन इस काम को भी उतनी ही गंभीरता से किया जाता था।
1914 में शुरू हुए इस वार के 100 वर्ष हो रहे हैं। इस मौके पर अमर उजाला आपको उन खतों से रूबरू करा रहा है जिन्हें युद्व के दौरान सैनिकों और उनके चाहने वालों ने एक-दूसरे को लिखा।
ये खत खास हैं क्योंकि इनमें लिखे हर शब्द के साथ उन भावनाओं को पढ़ा जा सकता है जिसे युद्व की विभिषिकाओं में अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। आईए पढ़ते हैं ऐसे ही दस खत ...
एक वालेंटियर सोल्जर का अपनी प्रेमिका को पैगाम
लेटर: 1
अल्फ्रेड चैटर लंदन रेजीमेंट के एक वालेंटियर सोल्जर थे। अगस्त 1914 में पहले विश्व युद्ध की शुरुआत के साथ सेना ने उन्हें एक्टिव सर्विस के लिए बुला लिया। तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद उन्हें फ्रांस भेज दिया गया। ट्रेनिंग कैम्प के आखिरी दिन उसने अपनी प्रेमिका को ये पत्र लिखा…
डार्लिंग जॉय,
अक्टूबर 25,1914 (ट्रॅवेली हाउस)
युद्ध पर जाने से पहले मै तुम्हे सिर्फ एक लाइन लिखना चाहता हूं। अब ये ईश्वर को ही पता है कि हम दोनों की मुलाक़ात दोबारा कब होगी,लेकिन उससे पहले मैं तुम्हे आखिरी बार अलविदा कहना चाहता हूं।
मैं घर जाने के लिए बहुत बेताब था, लेकिन कल दोपहर में अचानक हेडक्वार्टर से मेरे लिए बुलाया आया। हमें बताया गया कि सोमवार को हमें फ्रांस रवाना होना है। मुझे यकीन नहीं हो रहा था की हम जा रहे हैं लेकिन ये सच था। हमें नई राइफल्स दी गईं हैं और उम्मीद है कि रात तक हम साउथेम्पटन में होंगे।
काश इस पल तुम मेरे सामने होती! मैं तुमसे मिलकर तुम्हें अलविदा कहना चाहता हूं, लेकिन जो हो रहा है शायद वही सही है। तुम्हें मेरा आखिरी सलाम और अगर ईश्वर ने चाहा तो शायद हम फिर मिल सकेंगे।
तुम जानती हो कि मैं चाहे जब वापस लौटूं तुम्हारे लिए मेरे मन में वही भावना रहेगी जो आज है। मुझे जब भी मौका मिलेगा मैं सीधा तुम्हारे पास ही वापस आऊंगा और तुमसे यहीं कहूंगा कि देखो मैं वापस आ गया।
लड़ाई भी एक अजीब सा मजाक है। हम सब जाते हुए हंस रहे हैं, लेकिन सबके दिलों में खौफ है। लड़ते हुए कौन कब शहीद हो जाए नहीं पता, लेकिन वापस आने के बाद इन्हीं दिनों को सब अपने यादगार दिन बताते हैं।
गुडबाय डार्लिंग, ईश्वर तुम्हें लंबी उम्र दे।
गुडबाय लिटिल गर्ल मिकी।
अल्फ्रेड चैटर लंदन रेजीमेंट के एक वालेंटियर सोल्जर थे। अगस्त 1914 में पहले विश्व युद्ध की शुरुआत के साथ सेना ने उन्हें एक्टिव सर्विस के लिए बुला लिया। तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद उन्हें फ्रांस भेज दिया गया। ट्रेनिंग कैम्प के आखिरी दिन उसने अपनी प्रेमिका को ये पत्र लिखा…
डार्लिंग जॉय,
अक्टूबर 25,1914 (ट्रॅवेली हाउस)
युद्ध पर जाने से पहले मै तुम्हे सिर्फ एक लाइन लिखना चाहता हूं। अब ये ईश्वर को ही पता है कि हम दोनों की मुलाक़ात दोबारा कब होगी,लेकिन उससे पहले मैं तुम्हे आखिरी बार अलविदा कहना चाहता हूं।
मैं घर जाने के लिए बहुत बेताब था, लेकिन कल दोपहर में अचानक हेडक्वार्टर से मेरे लिए बुलाया आया। हमें बताया गया कि सोमवार को हमें फ्रांस रवाना होना है। मुझे यकीन नहीं हो रहा था की हम जा रहे हैं लेकिन ये सच था। हमें नई राइफल्स दी गईं हैं और उम्मीद है कि रात तक हम साउथेम्पटन में होंगे।
काश इस पल तुम मेरे सामने होती! मैं तुमसे मिलकर तुम्हें अलविदा कहना चाहता हूं, लेकिन जो हो रहा है शायद वही सही है। तुम्हें मेरा आखिरी सलाम और अगर ईश्वर ने चाहा तो शायद हम फिर मिल सकेंगे।
तुम जानती हो कि मैं चाहे जब वापस लौटूं तुम्हारे लिए मेरे मन में वही भावना रहेगी जो आज है। मुझे जब भी मौका मिलेगा मैं सीधा तुम्हारे पास ही वापस आऊंगा और तुमसे यहीं कहूंगा कि देखो मैं वापस आ गया।
लड़ाई भी एक अजीब सा मजाक है। हम सब जाते हुए हंस रहे हैं, लेकिन सबके दिलों में खौफ है। लड़ते हुए कौन कब शहीद हो जाए नहीं पता, लेकिन वापस आने के बाद इन्हीं दिनों को सब अपने यादगार दिन बताते हैं।
गुडबाय डार्लिंग, ईश्वर तुम्हें लंबी उम्र दे।
गुडबाय लिटिल गर्ल मिकी।
सिर्फ चार दिन रहा अपनी प्रेमिका के साथ
लेटर:2
लेफ्टिनेंट जेफ्री बूथबी की अपनी प्रेमिका एडिथ ऐन्सको से पहली मुलाक़ात तब हुई जब उन्हें रॉयल इंजीनयर्स टनेलर्स की सेवा में भेजा गया। उस वक़्त दोनों ही युवा थे। एडिथ की उम्र महज सत्रह साल थी, जबकि जेफ्री बीसवें वर्ष में चल रहा था। दोनों केवल चार दिन साथ रहे।
डार्लिंग,
8th एस स्टैफोर्डसए,फ्रांस (पोस्टमार्केड 26 जुलाई 1915)
'फ्रांस के किसी हिस्से में पड़ा एक अकेला सिपाही'शायद इन्हीं शब्दों में मैं अपनी हालात बयां कर सकता हुं। शायद तुम्हें कोई दूसरा फ्रेंच लड़का मिल गया होगा। मुझे माफ़ कर दो कि इस हाल में भी मैं ऐसा सोच रहा हूं और अकेला महसूस नहीं कर रहा हूं। असल में मैं अपने जीवन में इतना खुश पहले कभी नहीं रहा जितना अब हूं।
मैं इंतजार कर रहा हूं कि हम मिलेंगे और उस पल को फिर से जिएंगे जो हमने मिल कर बिताए थे। मैं ये भी जानता हूं कि तुम मुझे मेरी इस गलती के लिए माफ़ कर दोगी कि मैंने तुम्हारे दिल को दुखाया है।
मैं केवल एक बार जर्मन हमले का शिकार हुआ और इलाज के लिए यहां लाया गया हूं जहां तुम्हारा खत मुझे मिला। खैर,मैं तुम्हे लड़ाई की कुछ बातें बताता हूं। वैसे तो यहां कैम्प में कई परेशानियां होती हैं, लेकिन हम सब बहुत मस्ती भी करते हैं।
हमें एक दूसरे की भाषा भी समझ में नहीं आती लेकिन, इसे समझने की कोशिश करना भी अच्छा लगता है। फिलहाल हमें एक ब्लू बुक दी गई है जिसकी मदद से हम वाक्य बनाते हैं और उन्हें समझने के कोशिश करते हैं। इन लोगों की सीखने की क्षमता अगर तुम देखोगी तो चौंक जाओगी। मुझे लगता है अभी हमें यहां एक या दो महीने और रहना पड़ेगा।
कामना करता हूं तुम्हारे दिन अच्छे से बीतें।
तुम्हारा जोफ
(फाटो साभार- दि टेलीग्राफ)
लेफ्टिनेंट जेफ्री बूथबी की अपनी प्रेमिका एडिथ ऐन्सको से पहली मुलाक़ात तब हुई जब उन्हें रॉयल इंजीनयर्स टनेलर्स की सेवा में भेजा गया। उस वक़्त दोनों ही युवा थे। एडिथ की उम्र महज सत्रह साल थी, जबकि जेफ्री बीसवें वर्ष में चल रहा था। दोनों केवल चार दिन साथ रहे।
डार्लिंग,
8th एस स्टैफोर्डसए,फ्रांस (पोस्टमार्केड 26 जुलाई 1915)
'फ्रांस के किसी हिस्से में पड़ा एक अकेला सिपाही'शायद इन्हीं शब्दों में मैं अपनी हालात बयां कर सकता हुं। शायद तुम्हें कोई दूसरा फ्रेंच लड़का मिल गया होगा। मुझे माफ़ कर दो कि इस हाल में भी मैं ऐसा सोच रहा हूं और अकेला महसूस नहीं कर रहा हूं। असल में मैं अपने जीवन में इतना खुश पहले कभी नहीं रहा जितना अब हूं।
मैं इंतजार कर रहा हूं कि हम मिलेंगे और उस पल को फिर से जिएंगे जो हमने मिल कर बिताए थे। मैं ये भी जानता हूं कि तुम मुझे मेरी इस गलती के लिए माफ़ कर दोगी कि मैंने तुम्हारे दिल को दुखाया है।
मैं केवल एक बार जर्मन हमले का शिकार हुआ और इलाज के लिए यहां लाया गया हूं जहां तुम्हारा खत मुझे मिला। खैर,मैं तुम्हे लड़ाई की कुछ बातें बताता हूं। वैसे तो यहां कैम्प में कई परेशानियां होती हैं, लेकिन हम सब बहुत मस्ती भी करते हैं।
हमें एक दूसरे की भाषा भी समझ में नहीं आती लेकिन, इसे समझने की कोशिश करना भी अच्छा लगता है। फिलहाल हमें एक ब्लू बुक दी गई है जिसकी मदद से हम वाक्य बनाते हैं और उन्हें समझने के कोशिश करते हैं। इन लोगों की सीखने की क्षमता अगर तुम देखोगी तो चौंक जाओगी। मुझे लगता है अभी हमें यहां एक या दो महीने और रहना पड़ेगा।
कामना करता हूं तुम्हारे दिन अच्छे से बीतें।
तुम्हारा जोफ
(फाटो साभार- दि टेलीग्राफ)
जब पहली बार तुमने मुझसे शादी के लिए पूछा
लेटर:3
माय डीयर सेसिल,
7 जून 1916
मैं आज उस जगह आई हूं जहां तुमने पहली बार मुझसे शादी के लिए पूछा था। मैं उस जगह से महज 10 कदम दूर खड़ी हूं। उस दिन जैसे ही तुमने मुझसे ये सवाल पूछा मैं चौंक गई थी। मुझे बिलकुल अंदाजा नहीं था कि ये बात तुम मुझसे इतनी जल्दी कहने वाले हो।
एक बार मेरी दोस्त ने मुझसे कहा कि तुम मुझे पसंद करते हो लेकिन, जब मैंने स्कूल छोड़ा तब तक मैं तुम्हें ठीक वैसे ही पसंद करती थी जैसा कि अपने और दोस्तों को। लेकिन जब तुम मेरे घर आये और मेरे साथ टेनिस खेलने लगे तो धीरे-धीरे मैं तुम्हें पसंद करने लगी। ध्यान रखना कि मैं तुम्हें पसंद करने लगी थी न कि तुमसे प्यार करने लगी थी।
इस यादगार जगह पर आने के एक रात पहले मुझे एक सपना आय था कि तुमने किसी और लड़की से शादी कर ली है और मैं चौंक गई और उठने के बाद बेहद निराश हो गई।
असल में उसी रात जब मैं सोने जा रही थी तो पापा को मम्मी से कहते सुना कि मैं जिससे प्यार करती हूं वो रिश्ता मेरे लिए खतरनाक साबित हो सकता है। मैं सोचने लगी कि अगर तुम नहीं लौटे तो मैं क्या करूंगी, कैसे अपनी जिंदगी काटूंगी।
ये सोचते हुए मुझे एहसास हुआ कि मैं भी तुमसे प्यार करने लगी हूं। क्या मैं तुम्हें दोबारा देख पाउंगी। मुझे नहीं पता कि मैं भी तुम्हें उतना ही प्यार करती हूं या नहीं जितना कि तुम मुझसे करते हो।
असल में मैं तुम्हारे साथ छह महीने और बिताना चाहती हूं ताकि मैं तुम्हें और अच्छे से समझ सकूं और उस रिश्ते के बारे में सोच सकूं जिसे प्यार का बंधन या शादी कहते हैं। लेकिन अगर तुम कुछ और सोचते हो तो मुझसे कह सकते हा। यकीन मानो उसके बाद भी हमारा रिश्ता वैसा ही रहेगा जैसा आज है।
गुडबाय सेसिल, याद रखना मेरे दिल में तुम्हारे लिए थोडा सा प्यार भी है।
(फोटो साभार- डेली मेल)
माय डीयर सेसिल,
7 जून 1916
मैं आज उस जगह आई हूं जहां तुमने पहली बार मुझसे शादी के लिए पूछा था। मैं उस जगह से महज 10 कदम दूर खड़ी हूं। उस दिन जैसे ही तुमने मुझसे ये सवाल पूछा मैं चौंक गई थी। मुझे बिलकुल अंदाजा नहीं था कि ये बात तुम मुझसे इतनी जल्दी कहने वाले हो।
एक बार मेरी दोस्त ने मुझसे कहा कि तुम मुझे पसंद करते हो लेकिन, जब मैंने स्कूल छोड़ा तब तक मैं तुम्हें ठीक वैसे ही पसंद करती थी जैसा कि अपने और दोस्तों को। लेकिन जब तुम मेरे घर आये और मेरे साथ टेनिस खेलने लगे तो धीरे-धीरे मैं तुम्हें पसंद करने लगी। ध्यान रखना कि मैं तुम्हें पसंद करने लगी थी न कि तुमसे प्यार करने लगी थी।
इस यादगार जगह पर आने के एक रात पहले मुझे एक सपना आय था कि तुमने किसी और लड़की से शादी कर ली है और मैं चौंक गई और उठने के बाद बेहद निराश हो गई।
असल में उसी रात जब मैं सोने जा रही थी तो पापा को मम्मी से कहते सुना कि मैं जिससे प्यार करती हूं वो रिश्ता मेरे लिए खतरनाक साबित हो सकता है। मैं सोचने लगी कि अगर तुम नहीं लौटे तो मैं क्या करूंगी, कैसे अपनी जिंदगी काटूंगी।
ये सोचते हुए मुझे एहसास हुआ कि मैं भी तुमसे प्यार करने लगी हूं। क्या मैं तुम्हें दोबारा देख पाउंगी। मुझे नहीं पता कि मैं भी तुम्हें उतना ही प्यार करती हूं या नहीं जितना कि तुम मुझसे करते हो।
असल में मैं तुम्हारे साथ छह महीने और बिताना चाहती हूं ताकि मैं तुम्हें और अच्छे से समझ सकूं और उस रिश्ते के बारे में सोच सकूं जिसे प्यार का बंधन या शादी कहते हैं। लेकिन अगर तुम कुछ और सोचते हो तो मुझसे कह सकते हा। यकीन मानो उसके बाद भी हमारा रिश्ता वैसा ही रहेगा जैसा आज है।
गुडबाय सेसिल, याद रखना मेरे दिल में तुम्हारे लिए थोडा सा प्यार भी है।
(फोटो साभार- डेली मेल)
मैं तुम्हें स्कूल से ही चाहता हूं
माय डीयर डोरा,
शादी के बारे में तुमसे पूछने से पहले मैंने इस बारे में कई बार सोचा था लेकिन तुमसे कहते हुए डर लगता था। मैं इंतजार करना चाहता था और लड़ाई के बाद ये बाद तुमसे कहना चाहता था, लेकिन मुझे इस बात का दुःख हैं कि तुम मेरे ऑफर को सुन चौंक गई। लेकिन मुझे इस बात की ख़ुशी भी है मैंने तुमसे अपने दिल की बात कह दी।
मैं तुम्हें तब से प्यार करता हूं जब मैं स्कूल में पढ़ता था। स्कूल में हुआ प्यार अक्सर स्कूल के साथ ही खत्म हो जाता है, लेकिन मेरा प्यार आज भी वैसे ही जिंदा है।
गुडबाय,
प्यार के साथ सेसिल
(फोटो साभार- डेली मेल)
एक सैनिक का अपनी बेटी के नाम खत
माई डार्लिंग एथल,
14 नवंबर 1916
उम्मीद है तुम्हे बर्थडे गिफ्ट मिल गया होगा। अगर नहीं मिला तो मेरी ओर से तुम्हें एक बार फिर जन्मदिन की ढेरों बधाई। तुम 17 साल की हो गई हो और ये पहला मौका है जब हम दोनों साथ नहीं हैं।
तुम्हारे अगले जन्मदिन तक शायद ये मनहूस युद्ध खत्म हो चुका होगा और फिर हम दोनों हमेशा ही इस मौके पर साथ रहेंगे। हम अपने बच्चों के साथ भी इस मौके को आने वाले कई सालों तक मनाते रहेंगे।
मैं जानता हूं कि मैंने कई बार तुम्हें दुःख पहुंचाया है। लेकिन सच मानों मैं तुम्हें बहुत चाहता हूं और मुझे पता है कि मैं दुनिया की सबसे खूबसूरत औरत का पति हूं।
किसी बैचलर के लिए युद्ध में मरने से डरना कायरता कही जा सकती है लेकिन, लेकिन असल में उसके डर की वजह उस ख़ुशी से दूर रह जाने का होता है जिसे वो अपनी पत्नी और बच्चों के साथ एंजॉय कर सकता था। कई बार जब मेरे आस-पास बम के गोले गिरते हैं तो मैं भी ऐसे ही डर से कांप जाता हूं।
उम्मीद करता हूं जल्द ही मुझे तुम्हारा खत मिलेगा।
गुडनाइट माई डार्लिंग।
(फोटो साभार- डेली मेल)
बेटी के लिए एक सैनिक का प्यार भरा खत
लेटर :6
माई डीयर लिटिल मर्जोरी,
सोमवार 4 दिसंबर 1916
19 नवंबर को मुझे तुम्हारी मम्मी का खत मिला। मैं जानता हूं कि तुम चाहती हो कि इस क्रिसमस को मैं तुम्हारे साथ रहूं। लेकिन यहां बहुत से ऐसे लोग हैं जिनका उनके घर पर रहना मेरे से भी ज्यादा जरूरी है। हो सकता है क्रिसमस पर मैं तुम्हारे साथ न रह सकूं लेकिन, हर बार की तरह इस बार भी सैंटा क्लॉस तुम्हारे साथ होंगे।
मुझे उम्मीद है तुम्हारी राइटिंग और तुम्हारी पेंटिंग्स और भी खूबसूरत हो गई होगी। तुम्हारे भेजे हुए पेंटिंग्स को मैने अपने बेडरूम की दीवार पर लगा रखा है।
मैं जानता हूं तुम्हें नींद आ रही होगी लेकिन, मेरा खत पढ़ कर तुम्हे अच्छा भी लगा होगा। अब तुम सो जाओ और जल्द ही मुझे अगला खत लिखना।
ढेर सारे प्यार के साथ तुम्हारे पापा
(फोटो साभार- डेली मेल)
माई डीयर लिटिल मर्जोरी,
सोमवार 4 दिसंबर 1916
19 नवंबर को मुझे तुम्हारी मम्मी का खत मिला। मैं जानता हूं कि तुम चाहती हो कि इस क्रिसमस को मैं तुम्हारे साथ रहूं। लेकिन यहां बहुत से ऐसे लोग हैं जिनका उनके घर पर रहना मेरे से भी ज्यादा जरूरी है। हो सकता है क्रिसमस पर मैं तुम्हारे साथ न रह सकूं लेकिन, हर बार की तरह इस बार भी सैंटा क्लॉस तुम्हारे साथ होंगे।
मुझे उम्मीद है तुम्हारी राइटिंग और तुम्हारी पेंटिंग्स और भी खूबसूरत हो गई होगी। तुम्हारे भेजे हुए पेंटिंग्स को मैने अपने बेडरूम की दीवार पर लगा रखा है।
मैं जानता हूं तुम्हें नींद आ रही होगी लेकिन, मेरा खत पढ़ कर तुम्हे अच्छा भी लगा होगा। अब तुम सो जाओ और जल्द ही मुझे अगला खत लिखना।
ढेर सारे प्यार के साथ तुम्हारे पापा
(फोटो साभार- डेली मेल)
युद्घ के मैदान से प्यार का इजहार
डिअर पैटी,
5 दिसंबर 1918
तुमने मुझे खत लिखा इसके लिए शुक्रिया। उम्मीद है तुम्हारा फ्लू अब ठीक हो गया होगा। मै तुम्हारे खत का तुरंत जवाब नहीं दे सका इसलिए हो सके तो मुझे माफ करना। आगे से ऐसी गलती नहीं होगी।
आज मै बेथलहम जा रहा हूं। वहां से मैं तुम्हारे लिए कुछ खूबसूरत सी चीज लाना चाहता हूं। मैं तुमसे कुछ गंभीर बात कहना चाहता हूं। हम दोनों एक दूसरे को लंबे समय से जानते हैं। मुझे उम्मीद है कि एक दिन मैं जरूर घर वापस आऊंगा।
जैसे ही मैं सेटल हो जाऊंगा मैं जल्द ही शादी करना चाहूंगा। मैं इस बात को बहुत अच्छे ढंग से नहीं रख पा रहा हूं लेकिन, अगर तुम भी वैसा ही सोचती हो तो हम एक साथ जिंदगी बिताने की शुरुआत कर सकते हैं।
मुझे लगता है मैं अच्छा इंसान हूं और अपने साथ अपनी पत्नी की अच्छी देखभाल कर सकता हूं। अगर तुम्हे भी ऐसा लगता है तो मैं तुम्हारे लिए यहां से सगाई के लिए अंगूठी खरीद सकता हूं। अगर तुम्हे कोई पसंद हो तो मै उसके लिए पैसे भी भेज सकता हूं।
पैटी, तुम बिना डरे मुझसे सच कह सकती हो।
तुम्हारा होरेस।
प्रेमिका को लिखा आखिरी खत
पहले विश्व युद्ध दौरान लेफ्टिनेंट हैरी मेसन की मौत हो जाती है। इससे पहले उन्होंने अपनी प्रेमिका को कई खत लिखे जिनमें से एक के कुछ अंश यहां पेश हैं …
"… हो सकता है इस लड़ाई में मेरे शरीर का अंत हो जाए लेकिन, मेरी आत्मा हमेशा तुम्हारे दिल में जिंदा रहेगी और मेरी आत्मा चाहती है कि तुम हमेशा खुश रहो। तुम्हे ये जानकार ख़ुशी होगी कि मुझे यहां बिलकुल भी डर नहीं लग रहा और इस दुनिया के अंत तक मैं सिर्फ और सिर्फ तुम्हें ही चाहता रहूंगा।
युद्घ के मैदान में मिला ब्रेकअप का पैगाम
माई डीयर जैक,
24 अगस्त 1917
पिछले एक महीने से मैं ये हिम्मत जुटा रही हूं कि तुम्हे बता सकूं कि अब मेरे और तुम्हारे बीच सबकुछ खत्म हो चुका है। मैं नहीं जानती कि ऐसे वक़्त में तुमसे ये बात कहना कितना सही है लेकिन, फिलहाल मै बहुत उलझ गई हूं।
जब तुम गए तो मुझे लगा कि मै तुम्हें ही सबसे ज्यादा प्यार करता हूं। लेकिन, अब एक लंबा अरसा बीत चुका है। मुझे लगा था कि मै चार्ली को भुला दूंगी लेकिन, ऐसा कर न सकी। शायद इसलिए कि वो मेरा पहला प्यार था।
मेरी इस बात को दिल से मत लेना क्योंकि मै इस काबिल नहीं हूं। मै तुम्हें दुःख नहीं पहुंचाना चाहती लेकिन क्या करूं भावनाओं पर किसी का जोर नहीं चलता। मै बहुत शर्मिंदा हूं। हो सके तो मुझे माफ़ कर देना। इन सब के बाद भी हम दोस्त बने रह सकते हैं।
तुम्हारी हितैषी
ईव
आंटी को भेजा प्रेमिका का खत
लेटर: 10
डियर मॉली,
क्रिसमस की ढेरों बधाइयां। मै ये खत अपनी आंटी के माध्यम से तुम्हे भेज रहा हूं क्योंकि मै तुम्हारा पता नहीं जानता। प्लीज मुझे अपना सरनेम बता देना क्योंकि मै भूल गया हूं।
तुम्हारा डिक
डियर मॉली,
क्रिसमस की ढेरों बधाइयां। मै ये खत अपनी आंटी के माध्यम से तुम्हे भेज रहा हूं क्योंकि मै तुम्हारा पता नहीं जानता। प्लीज मुझे अपना सरनेम बता देना क्योंकि मै भूल गया हूं।
तुम्हारा डिक
No comments:
Post a Comment