CSAT विवाद (UPSC):- जस्ट इग्नोर इट, 'अंग्रेज़ी के आधार पर मेरिट नहीं'
17 अगस्त, 2014
संघ लोक सेवा आयोग ने कहा है कि
24 अगस्त को होने जा रही सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2014 में
उम्मीदवारों को अंग्रेजी भाषा के सवालों का जवाब नहीं देना होगा, क्योंकि
इन्हें जांचा ही नहीं जाएगा.
परीक्षा में शामिल होने जा रहे उम्मीदवारों को आयोग ने ये दिशा-निर्देश जारी किए हैं.- केंद्र सरकार ने फ़ैसला किया है कि 24 अगस्त को आयोजित होने जा रही सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2014 में अंग्रेजी भाषा के इन प्रश्नों को मेरिट में शामिल नहीं किया जाएगा.
- प्रश्न पत्र-II में अंग्रेजी भाषा के प्रश्न भी होंगे. उम्मीदवारों को ध्यान देना आवश्यक है कि उन्हें अंग्रेजी भाषा के इन सवालों के जवाब नहीं देना है. इन सवालों के उत्तरों को जाँचा नहीं जाएगा.
- हालाँकि, प्रश्न पत्र-II की समयावधि 2 घंटे ही रहेगी और उम्मीदवार इस समय का पूरा इस्तेमाल कर सकेंगे.
- प्रश्न पत्र-II पहले 200 अंक का होता था, लेकिन अब अंग्रेजी भाषा के प्रश्नों के अंक 200 अंकों से घटा दिए जाएंगे.
इस बीच, रजनी राज़दान को संघ लोक सेवा आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
यूपीएससी: 'अंग्रेज़ी के आधार पर मेरिट नहीं'
सिविल सेवा परिक्षा में सीसैट
पैटर्न विवाद पर कार्मिक मामलों के मंत्री जीतेंद्र सिंह ने कहा है कि
सरकार अंग्रेज़ी के अंकों को मेरिट में जोड़े जाने के हक़ में नहीं है.
जीतेंद्र सिंह ने लोकसभा में कहा, "उम्मीदवारों के
व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए सरकार का ये मत है कि सिविल सेवा
प्रारंभिक परीक्षा के दूसरे पेपर में अंग्रेज़ी भाषा के प्रश्नभाग के अंकों
को मेरिट अथवा ग्रेडेशन में शामिल करने का कोई औचित्य नहीं है."सिविल सेवा परीक्षा में सीसैट पैटर्न के विरोध में सैकड़ों छात्र बीते काफ़ी समय से प्रदर्शन कर रहे हैं.
इसके साथ ही सिविल सेवा परीक्षाओं में सीसैट को लेकर चल रहे विवाद के सुलझ जाने की उम्मीद जगी है. हालांकि जानकारों का कहना है कि इस मामले पर अंतिम निर्णय संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से ही किया जाएगा.
बदलाव की माँग
शनिवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह के घर पर हुई बैठक के बाद जीतेंद्र सिंह ने कहा था कि सरकार इस बारे में सही समय पर फैसले के बारे में बताएगी.
मौजूदा सीसैट प्रणाली का विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि ये ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को बराबरी की प्रतिस्पर्द्धा का मौका नहीं देती है और तकनीकी पृष्ठभूमि के विद्यार्थी इस परीक्षा में बेहतर स्थिति में रहते हैं.
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