अगले 20 साल में खुद के लडाकू विमान विकसित करने की योजना
नई दिल्ली, 17 दिसम्बर 2013 | अपडेटेड: 04:01 IST
देश की सुरक्षा के लिए लड़ाकू विमानों की खरीद पर अरबों रुपए खर्च करने
वाली भारतीय वायु सेना का चरित्र अगले दो दशक में बदल सकता है.भारतीय
वायुसेना 20 साल के भीतर अपने लड़ाकू विमान विकसित करने की योजना बना रही
है. रक्षा मंत्री एके एंटनी ने मंगलवार को लोकसभा में एक सवाल के लिखित
जवाब में यह जानकारी दी.
उन्होंने इसके साथ ही बताया कि देश में विकसित हल्के लडाकू विमान को 20 दिसंबर 2013 में प्रारंभिक प्रचालन अनुमति प्रदान करने का कार्यक्रम है. इसके साथ ही उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि भारतीय नौसेना ने सरकार से अपने विदेशी सहयोगी से दो पारंपरिक पनडुब्बियों की खरीद करने का अनुरोध किया है.
उन्होंने बताया कि नौसेना मुख्यालय के प्रस्ताव के आधार पर रक्षा अधिग्रहण परिषद ने यह निर्णय लिया है कि चार पनडुब्बियां प्रौद्योगिकी हस्तांतरण आधार पर देश के भीतर निर्मित होंगी और दो का निर्माण विदेश में सहयोगी कंपनी के यार्ड में किया जाना है.
उन्होंने इसके साथ ही बताया कि देश में विकसित हल्के लडाकू विमान को 20 दिसंबर 2013 में प्रारंभिक प्रचालन अनुमति प्रदान करने का कार्यक्रम है. इसके साथ ही उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि भारतीय नौसेना ने सरकार से अपने विदेशी सहयोगी से दो पारंपरिक पनडुब्बियों की खरीद करने का अनुरोध किया है.
उन्होंने बताया कि नौसेना मुख्यालय के प्रस्ताव के आधार पर रक्षा अधिग्रहण परिषद ने यह निर्णय लिया है कि चार पनडुब्बियां प्रौद्योगिकी हस्तांतरण आधार पर देश के भीतर निर्मित होंगी और दो का निर्माण विदेश में सहयोगी कंपनी के यार्ड में किया जाना है.
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