Monday, 16 December 2013

आप को बिना शर्त समर्थन,क्योंकि मुफ़्त पानी और सस्ती बिजली के 'चमत्कारिक प्रयोग' को होते हुए देखना है:कांग्रेस

 आप को बिना शर्त समर्थन,क्योंकि मुफ़्त पानी और सस्ती बिजली के 'चमत्कारिक प्रयोग' को होते हुए देखना है:कांग्रेस

 

अब आप 'चमत्कार' करके दिखाए: कांग्रेस

 सोमवार, 16 दिसंबर, 2013 को 19:53 IST तक के समाचार

सलमान खुर्शीद
खुर्शीद ने पूछा, क्यों जिम्मेदारी से बच रही है आप
केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को इसलिए बिना शर्त समर्थन दिया है क्योंकि वो मुफ़्त पानी और सस्ती बिजली के 'चमत्कारिक प्रयोग' को होते हुए देखना चाहती है जैसा कि आप के नेता अरविंद केजरीवाल ने वादा किया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार अपने निर्वाचन क्षेत्र फर्रुख़ाबाद पहुंचे खुर्शीद ने सवाल किया कि आम आदमी पार्टी सरकार बनाने से क्यों बच रही है जबकि कांग्रेस उसे बिन शर्त समर्थन दे रही है.
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "कांग्रेस ने आप को बिना शर्त समर्थन देने का फैसला किया, क्योंकि पार्टी देखना चाहती है कि दिल्ली वालों को किस तरह मुफ़्त पानी और बेहद सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराने का चमत्कारिक प्रयोग किया जा सकता है."
दिल्ली विधानसभा चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. भाजपा 31 सीटें लेकर पहले स्थान पर है जबकि आप पार्टी को 28 और कांग्रेस को 8 सीटें मिली.
लेकिन 13 दिसंबर को कांग्रेस ने अप्रत्याशित रूप से दिल्ली के उप राज्यपाल को पत्र सौंपा कि वो सरकार बनाने के लिए आप को बिना शर्त समर्थन देने को तैयार है.

राष्ट्रपति शासन की संभावना

अरविंद केजरीवाल
केजरीवाल की पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में 28 सीटें जीत कर सबको हैरान कर दिया
इसके बाद आप ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के सामने 18 मांगें रख दीं और कहा कि इन पर सहमति के बाद ही वो सरकार बनाने के लिए समर्थन लेगी.
इनमें दिल्ली में वीआईपी कल्चर बंद करना, जनलोकपाल बिल पारित करना, दिल्ली में स्वराज की स्थापना, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा, महिलाओं को सुरक्षा के लिए विशेष बल बनाना और झुग्गी बस्तियों में रहने वालों को पक्के मकान देना जैसी बातें शामिल हैं.
भाजपा बहुमत न होने का हवाला देते हुए पहले सरकार बनाने से इनकार कर चुकी है. उप राज्यपाल ने सरकार के गठन के सिलसिले में केजरीवाल से भी मुलाकात की. लेकिन आप ने अभी कोई फैसला नहीं किया है.
सरकार के गठन पर जारी गतिरोध के बीच दिल्ली में राष्ट्रपति शासन की संभावना जताई जा रही है.

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